बिलासपुर: आज भारत डिजिटल इंडिया बनने को लेकर आगे बढ़ रहा है. इस कड़ी में छत्तीसगढ़ काफी पीछे दिख रहा है. पिछले दिनों रायपुर के अंबेडकर मेकाहारा अस्पताल में छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध गायिका मोनिका खुरसैल के मामले Singer Monica lost her life) में हुए घटनाक्रम में ये बात उजागर हुई. मोनिका के परिजनों का दावा है कि अंबेडकर अस्पताल मेकाहारा में ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा नहीं थी. इसलिए पूरे पैसे सही समय पर जमा नहीं हो पाए और मोनिका की मौत हो गई. मोनिका खुरसैल की मौत ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि जब हर ओर कैशलेस सुविधा है तो अस्पतालों में ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा क्यों नहीं है. No digital payment facility in government hospital
क्या स्वास्थ्य विभाग में अब भी है पुरानी व्यवस्था : एक तरफ भारत विश्व गुरु बन रहा है और दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य विभाग अभी भी बीसवीं सदी में ही है. यह बात तब सामने आती है जब किसी के बीमार होने पर उसके परिजन उसे अचानक दूसरे शहर के बड़े अस्पताल में लेकर जाते हैं और पर्याप्त रूप से उनके पास कैश नहीं होता है. तब वे कैश पैसों के इंतजाम करने यहां वहां भटकते हैं. उसका कारण यह है कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डिजिटल पेमेंट की सुविधा नहीं है. जहां एक तरफ पूरे देश में डिजिटल क्रांति आ रही है, वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य विभाग अभी भी पेमेंट लेने और फॉर्म भरने जैसे कई फॉर्मलिटी को पुराने जमाने वाले तरीके से ही करवा रहा है.
मोनिका के परिजनों के सामने क्या दिक्कतें आई: छत्तीसगढ़ी फिल्म की उभरती सिंगर मोनिका के चाचा के बेटे अविनाश ने बताया कि "मोनिका को ब्रेन हेमरेज के बाद जब उसे रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में इलाज और ऑपरेशन के लिए ले गए. तब उसके अकाउंट में लगभग 5 लाख रुपए थे और हड़बड़ी में बैंक से पैसे नहीं निकाल पाए थे. क्योंकि कुछ पैसे जो उनके पास थे, उनमें से लगभग 1 लाख रुपए बिलासपुर के हॉस्पिटल और रायपुर के निजी हॉस्पिटल में खर्च हो गए थे. बाकी पैसे उनके बैंक अकाउंट में थे. अंबेडकर हॉस्पिटल में पैसे जमा करने की बात कही, तो उन्हें तत्काल पैसे जमा करने की सलाह दी गई. तब अविनाश ने नेट बैंकिंग, ऑनलाइन ट्रांसफर या वॉलेट के माध्यम से पैसे जमा करने की बात कही, तो उसे इंकार कर दिया गया. क्योंकि इस सिस्टम से सरकारी अस्पतालों में पैसे जमा नहीं होते. government hospital of chhattisgarh
"सिस्टम की वजह से बिस्तर पर तड़पती रही मोनिका": मोनिका (singer Monika Khursail) के चाचा के बेटे अविनाश ने बताया कि "अविनाश ने 17 तारीख को 1 लाख और कुछ और पैसे जमा किये. इसके बाद 18 नवम्बर तक लगभग 2 लाख 90 हजार रुपए जमा कर दिए. इसके बावजूद मोनिका का ऑपरेशन नहीं हुआ. 18 तारीख के 2 लाख 90 हजार रुपए जमा होने पर मात्र 49 हजार 7 सौ रुपए बच गए थे. 19 तारीख की सुबह 9 बजे जब मोनिका के कजन ब्रदर अविनाश ने पैसे जमा किए, तब जाकर डॉक्टर ने उसका ऑपरेशन किया. मोनिका 4 दिन तक पैसों की कमी और सरकारी अस्पताल के सिस्टम की वजह से बिस्तर पर तड़पती रही." Singer monika khursail died
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"ऑपरेशन 17 नवंबर को होता, तो शायद जिंदा होती मोनिका": मोनिका के चाचा के बेटे अविनाश ने बताया कि "19 तारीख के ऑपरेशन के बाद मोनिका की स्थिति और बिगड़ने लगी. उसके शरीर में इंफेक्शन फैल गया था और 23 तारीख की सुबह 6 बजे मोनिका ने अंतिम सांस ली. सरकारी अस्पताल के सिस्टम से उभरती सिंगर मोनिका की जान चली गई. अगर मोनिका का ऑपरेशन 17 नवम्बर को हो जाता, तो शायद वह आज जिंदा (Singer Monica lost her life) होती."
"सरकारी अस्पतालों में होनी चाहिए डिजिटल पेमेंट सुविधा": सरकारी अस्पतालों में डिजिटल पेमेंट की सुविधा को लेकर आम नागरिक की मांग हैं कि यह सुविधा होनी चाहिए. मरीज के परिजन रमीज खान ने बताया कि "सरकारी अस्पतालों में सुविधा नहीं होने से उन्हें कैश पैसे के लिए भटकना पड़ता है." उन्होंने कहा कि "सरकारी अस्पताल में डिजिटल पेमेंट की सुविधा होनी चाहिए, ताकि परिजन अपने पेशेंट का इलाज बिना चिंता के और जल्दी करा सकते हैं."
अमजद खान ने कहा कि "जब उन्हें दूसरे शहर इलाज कराने जाने की जरूरत पड़ती है. तब वह ट्रेन या पब्लिक ट्रांसपोर्ट के माध्यम से जाते हैं, तो ज्यादा कैश नहीं रखते. क्योंकि चोरी होने का भय रहता हैं. इसमें बैंक अकाउंट से नेट बैंकिंग या वॉलेट के माध्यम से पैसे पेमेंट करते हैं. लेकिन यही स्थिति सरकारी अस्पतालों के लिए होती है, तो उन्हें पैसे रखना पड़ता है. क्योंकि सरकारी अस्पतालों में डिजिटल पेमेंट की सुविधा नहीं होती. कैश पेमेंट रखने से उन्हें टेंशन भी रहता है कि यदि चोरी हो गया, तो फिर कहां से पैसे आएंगे." अमजद ने भी प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डिजिटल पेमेंट की सुविधा होने की मांग की है. Singer Monica lost her life
"सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत": शहर के वरिष्ठ पत्रकार निर्मल मालिक ने कहा कि "पिछले दिनों एक मामला सामने आया था, जिसमें प्रदेश की उभरती सिंगर की मौत हो गई थी. इस मौत के पीछे का कारण भले ही ब्रेन हेमरेज था, लेकिन अस्पताल में सही समय पर पैसा जमा नहीं होने की वजह से उसका ऑपरेशन नहीं हुआ था. इस तरह की कई ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं, जिसमें पेमेंट जमा नहीं होने से मरीज का इलाज नहीं होता. प्रदेश में डिजिटल युग की शुरुआत हो गई है, लेकिन सरकारी महकमों की बात करें तो आज भी सरकारी महकमा पुराने ढर्रे पर चल रहा है. यदि डिजिटल पेमेंट की सुविधा अस्पतालों में शुरू हो जाए, तो मोनिका के साथ जो घटना हुई, वह किसी और के साथ दोहराई नहीं जा सकेगी. उन मरीजों की जान बच जाएगी." Chhattisgarhs famous singer Monika Khursail