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Illegal sand mining in GPM : एमपी में खप रहा मरवाही का रेत

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Published : Sep 22, 2022, 11:59 AM IST

Updated : Sep 22, 2022, 6:50 PM IST

Illegal sand mining in GPM गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले की अंतरराज्जीय सीमा पर इन दिनों जमकर रेत का उत्खनन जारी है. रेत को छत्तीसगढ़ से उत्खनन कर उसे मध्यप्रदेश के शहरों में खपया जा रहा है. अवैध रेत रेलवे की जमीन पर भंडारण कर वहां से दूसरों शहरों में खपाने का सिलसिला जारी है. खनिज विभाग ऐसे माफियाओं को मौन स्वीकृति दे रही है.Gourela Pendra Marwahi interstate border

छत्तीसगढ़ की सीमा में अवैध रेत उत्खनन, एमपी में खप रहा मरवाही का रेत
छत्तीसगढ़ की सीमा में अवैध रेत उत्खनन, एमपी में खप रहा मरवाही का रेत

गौरेला पेंड्रा मरवाही : इन दिनों मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की अंतरराज्जीय सीमा पर छत्तीसगढ़ के इलाके (Gourela Pendra Marwahi interstate border) से रेत का काला कारोबार जारी (Illegal sand mining in Gourela Pendra Marwahi ) है. वह भी तब जब प्रदेश के मुख्यमंत्री सख्त लहजे में रेत का अवैध उत्खनन होने पर दोषी सीधे कलेक्टर और एसपी को जिम्मेदार मानने की चेतावनी दी थी. शासन के गाइडलाइंस में 1 अक्टूबर तक नदियों से रेत का उत्खनन करना पूरी तरह से प्रतिबंध रहता है. बाद उसके गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की सीमा मध्यप्रदेश के अनूपपुर से लगती है.

कहां से होता है अवैध उत्खनन : गौरेला के खैरझिटी गांव में ऐलान नदी पर इन दिनों जमकर रेत का उत्खनन किया जा रहा है. नियमानुसार किसी भी नदी से वैध या अवैध तरीके से 1 अक्टूबर के पहले रेत नहीं निकाली जा सकती. लेकिन गौरेला के इस गांव की ऐलान नदी में उत्खनन का नजारा देखकर सारे नियम कायदे ताक पर रख दिये जाते हैं. नदी से खुलेआम रेत निकाली जा रही है और बड़ी मात्रा में भंडारण भी किया जा रहा है. इस रेत को यहां से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित मध्यप्रदेश की सीमा के अनूपपुर जिले के गांवों और नगर में खपाया जा रहा है. रोजाना रेत मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में खपाई जा रही (Illegal sand mining in GPM ) है.

काले कारोबार की धाक : लाखों रूपये का काला कारोबार धड़ल्ले से जारी है. जबकि जिले में खनिज, राजस्व, वन विभाग के अलावा पुलिस और आरटीओ के अधिकारी भी मौजूद हैं. पर जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी पर यह रेत का खेल धड़ल्ले से जारी है. रेत माफियाओं को प्रशासन का खुला संरक्षण मिला हुआ है. तभी न तो एनजीटी के प्रतिबंध की चिंता है और न ही किसी प्रकार की कार्यवाई का भय.

क्या कहते हैं अधिकारी : वहीं जब अधिकारियों से मामले में जानकारी लेने पर वहीं उनका हमेशा की तरह रटा रटाया जवाब दे दिया कि शिकायत आने पर कार्यवाई की जाएगी. जबकि जिले में खंता, तौली, पिपरिया, भाड़ी, लखनघाट, कोलबिरा, खोडरी, तरईगांव, अमेरा टिकरा सहित अन्य गांवों में भी नदियों से रेत निकालकर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में खपायी जा रही है. लेकिन जिले के अधिकारियों पर मुख्यमंत्री की फटकार भी बेअसर साबित हो रही है. यह कहना गलत नहीं होगा.अब इस मामले में प्रशासन किस तरह से कार्रवाई करता है ये देखने वाली बात होगी.

Last Updated : Sep 22, 2022, 6:50 PM IST
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