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बिलासपुर: झीरम मामले में सुप्रीम कोर्ट जाएगी प्रदेश सरकार

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Published : Jan 29, 2020, 8:15 PM IST

Updated : Jan 30, 2020, 9:33 AM IST

झीरम मामले में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के बाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने भी शासन की याचिका तकनीकी आधार पर खारिज कर दी है. इसके बाद प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देगी.

chhattisgarh government will go to supreme court for jheeram case
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

बिलासपुर: झीरम मामले में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के बाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने भी शासन की याचिका तकनीकी आधार पर खारिज कर दी है. महाधिवक्ता ने कहा है कि, 'वह सुप्रीम कोर्ट में मामले को लेकर याचिका दायर करेंगे. वह सरकार से कहेंगे कि कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की अनुमति प्रदान करें.'

झीरम मामले में SC जाएगी बघेल सरकार

गौरतलब है कि अगर शासन इसकी अनुमति देता है तो छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य होगा जो कि कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा. बता दें कि शासन ने अपनी यचिका में जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता वाले झीरम आयोग के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें राज्य शासन के पांच लोगों की गवाही, एक टेक्निकल एक्सपर्ट की गवाही सहित तीन आवेदनों को रद्द कर दिया था. साथ ही शासन ने झीरम मामले की सुनवाई दोबारा शुरू करने की भी मांग की.

पूरे मामले को लेकर शासन ने जस्टिस कोशी की सिंगल बेंच में याचिका दायर की थी जिसे बीते दिनों खारिज कर दिया गया था. जिसके बाद शासन ने मामले को लेकर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में रिट अपील दायर की. बुधवार को पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने की.

Intro:झीरम मामले में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के बाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने भी शासन की याचिका तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया है । हालांकि महाधिवक्ता ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट में मामले को लेकर याचिका दायर करेंगे। साथ ही महाधिवक्ता ने कहा है कि वह सरकार से कहेंगे कि कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की अनुमति प्रदान करें। गौरतलब है कि अगर शासन इसकी अनुमति देता है तो छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य होगा जो कि कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा।Body:बता दें कि शासन द्वारा अपनी यचिका में जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता वाले झीरम आयोग के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें राज्य शासन के पांच लोगों की गवाही, एक टेक्निकल एक्सपर्ट की गवाही सहित तीन आवेदनों को निरस्त कर दिया था। साथ ही शासन ने झीरम मामले की सुनवाई दोबारा शुरू करने की भी मांग की।पूरे मामले को लेकर शासन ने जस्टिस कोशी की सिंगल बेंच में याचिका दायर की थी जिसे बीते दिनों खारिज कर दिया गया था। जिसके बाद शासन ने मामले को लेकर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में रिट अपील दायर की।Conclusion:आज पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मैनन व पी पी साहू की डिवीजन बेंच द्वारा की गई।
Byte-advocate general Satish Chandra Verma
Last Updated : Jan 30, 2020, 9:33 AM IST
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