बिलासपुर: प्रदेश में हड़ताल का पर्व चल रहा है. अब सरपंच संघ भी हड़ताल की राह पर है. सरपंच संघ अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर राजधानी रायपुर में धरना प्रदर्शन का मन बना रहा है. बिलासपुर में सरपंच संघ की प्रदेश स्तरीय बैठक हुई. इस बैठक में मांगें नहीं मानने पर आंदोलन की रणनीति बनाई गई है.
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सरपंच संघ ने बताया कि "प्रदेश सरपंच संघ छत्तीसगढ़ के आह्वान पर 13 सूत्रीय मांगों को लेकर 22 अगस्त से सभी ब्लॉकों में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं. अगर सरकार सरपंचों की 13 सूत्रीय मांगों को शीघ्र ही पूरा नहीं करेगी तो आगामी 10 सितंबर को छत्तीसगढ़ सरपंच संघ राजधानी रायपुर में महाधरना देगा."
सरपंचों का कार्यकाल दो साल बढ़ाने की है मांग: गुरुवार को बिलासपुर के बस स्टैंड के एक होटल में हुए बैठक में सरपंचों ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते सभी सरपंचों का कार्य बाधित रहा है. कोरोना के कारण उन्हें ग्राम पंचायतों में विकास कार्य करने का मौका नहीं मिला है. मध्यप्रदेश में शासन ने सरपंचों का कार्यकाल दो वर्ष के लिए और बढ़ा दिया है. हमारा भी कार्यकाल दो साल बढ़ाया जाए. संघ ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से मांग की है कि शीघ्र ही सरपंचों के हित को ध्यान में रखते हुए यहां भी दो वर्ष तक कार्यकाल बढ़ाया जाए. वहीं प्रधानमंत्री आवास में 2 लाख रुपए वृद्धि किया जाए.
पंच सरपंच की मानदेय बढ़ाने की है मांग: संघ के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य उपाध्याय ने बताया कि सरपंचों का मानदेय अभी बहुत कम है. उन्होंने सरपंच का मानदेय 20 हजार, उपसरपंच का 10 हजार और पंचों का मानदेय 5 हजार रुपए बढ़ाने की मांग की है. सरपंचों का आजीवन पेंशन 10 हजार, सरपंच निधि, धारा 40 में तत्काल संशोधन किया जाए. इसके अलावा मनरेगा में निर्माण, सामग्री भुगतान राशि 3 महीने के अंदर होना चाहिए. नक्सल क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा सरपंच को मारे जाने पर 20 लाख रुपए मुआवजा राशि परिवार के सदस्यों को दिये जाने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई.