बिलासपुर: जिले में एक बेटी के माता पिता का मातम अचानक खुशियों में तब बदल गया, जब उन्हें पता चला कि जिस बेटी को मृत समझकर तीन साल पहले उन्होंने अंतिम संस्कार कर दिया था, वह जीवित है. बिलासपुर में यह अजीबो गरीब मामला सामने आया है. पुलिस ने बेटी को दुर्ग के सखी सेंटर से बरामद कर माता को सौंप दिया है.
3 साल बाद सखी सेंटर में मिली लड़की: तीन अक्टूबर को तखतपुर थाने में दुर्ग पुलिस ने सूचना दी कि दुर्ग के सखी सेंटर में तखतपुर की एक लड़की है, जो अपने आप को बिलासपुर के सुभाष नगर की रहने वाली बता रही है. सूचना पर तखतपुर थाना प्रभारी ने पार्षद को जानकारी दी. जानकारी पर पार्षद ने सरोजिनी भोई के घर जाकर मामले की जानकारी दी. इस पर परिजन दुर्ग के सखी सेंटर पहुंचे. अपनी बेटी आंचल को सामने जीवित देखकर महिला रोने लगी, साथ ही आंचल भी अपनी मां को सामने देखकर लिपटकर रोने लगी.
पुलिस ने आंचल को उसकी मां के सुपुर्द किया: दुर्ग के सखी सेंटर में बेटी के मिलने के बाद पुलिस ने आगे की प्रक्रिया पूरी कर आंचल को उसकी मां के सुपुर्द किया है. जिसके बाद पुलिस आंचल और महिला को लेकर वापस तखतपुर के लिए रवाना हो गई. वहीं जिस अज्ञात शव को अपना समझकर परिजनों ने अंतिम संस्कार किया था. उस संबंध में तखतपुर थाना प्रभारी एसआर साहू ने महिला से जानकारी मांगी, तो उन्होंने मामला नान्दघाट थाना क्षेत्र का बताया. इसके बारे में और कोई जानकारी नहीं होने की बात उन्होंने कही है.
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क्या है पूरा मामला: दरअसल, बिलासपुर के तखतपुर थाना प्रभारी एसआर साहू ने बताया, 13 जनवरी 2020 को सुभाष नगर में रहने वाले प्रार्थी सरोजिनी बाई ने थाना में रिपोर्ट लिखाई थी कि उसकी 20 साल की बेटी आंचल भोई घर से सुबह करीब 9 बजे मंदिर जाने के लिए निकली थी, जो रात तक घर नहीं पहुंची. जिसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई गई थी. पुलिस मामले में जांच कर रही थी. इसी दौरान नान्दघाट थाना क्षेत्र के इलाके में एक जली हुई लाश मिली थी. जब इसकी जानकारी तखतपुर थाने को दी गई, तब सरोजिनी अपने परिजनों के साथ वहां पहुंची और लाश के पैर में पायल देखकर अपने बच्ची के रूप में शिनाख्त की. परिजनों ने शव का अंतिम क्रियाकर्म करते हुए बेटी को मृत मान लिया था.