बिलासपुर/कोंडागांव/दुर्ग: मेडिकल कॉलेज जगदलपुर से नवजात शिशु के शव को लेकर जा रही मुक्तांजलि और ट्रक के बीच शनिवार शाम कोंडागांव के हाड़ीगांव में जबरदस्त टक्कर हो गई. इस हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. गंभीर घायल वाहन चालक को इलाज के लिए जिला अस्पताल कोंडागांव रेफर किया गया है. मंत्री मोहन मरकाम ने कोंडागांव हादसे पर ट्वीट करते हुए शोक संवेदना व्यक्त की है. चकरभाठा थाना क्षेत्र के लिमतरी गांव में ट्रैक्टर पलटने से 15 से ज्यादा लोग घायल हो गए. गंभीर रूप से घायल लक्ष्मीबाई केवट (22 साल) की इलाज के दौरान मौत हो गई. दुर्ग में यात्रियों से भरी बस सड़क किनारे बने गड्ढे में गिर गई. इस हादसे में दो लोगों को हल्की चोट आई है.
ट्राॅली में सवार होकर थरहा लगाने जा रहे थे ग्रामीण: पहला मामला बिलासपुर के चकरभाठा थाना क्षेत्र के लिमतरी गांव का है. शनिवार की सुबह ग्राम सरवानी से ट्रैक्टर मे सवार होकर करीब 25 लोग खेत में थरहा लगाने हरदी गांव जा रहें थे. ट्रैक्टर लिमतरी गांव पहुंच था कि मोड़ पर अचानक ट्राॅली अनियंत्रित होकर पलट गई. घटना में 15 से अधिक लोग घायल हो गए, जिन्हें सिम्स अस्पताल भेजा गया. घायलों में सरस्वती, ममता केवट, भारती परते, चंपा, प्रीति, संगीता, मालती केवट, सृकुता, सोनमती, निर्जला आदि शामिल हैं.
घायलों का हाल जानने नेताओं का लगा जमावड़ा: घटना की जानकारी लगते ही आम आदमी पार्टी के नेता जसबीर सिंह, प्रियंका शुक्ला सिम्स अस्पताल पहुंचे. इसके साथ ही पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने भी सिम्स अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल चाल जाना. सिम्स के अधीक्षक को जरूरी इलाज देने के निर्देश देने के साथ ही संबंधित विभाग के अधिकारियों से बात कर मृतका के परिवार और घायल महिलाओ को उचित अर्थिक सहायता दिलाने की बात कही.
दुर्ग में पंथी चौक के पास यात्री बस हादसे का शिकार: दुर्ग जिला अर्बन पब्लिक सर्विस सोसायटी की ओर से संचालित सिटी बस सीजी 07 ई 1446 आज सुबह दुर्ग से उतई सेलुद होते हुए पाटन जा रही थी. इसमें करीब 20 यात्री सवार थे. पंथी चौक के करीब सामने चल रहे बाइक सवार को बचाने के प्रयास में बस अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे गड्ढे में उतर गई. इस हादसे में 2 यात्रियों को सामान्य चोट आई है. बाद में बस ड्राइवर और कंडक्टर ने सवार यात्रियों को सुरक्षित नीचे उतारा गया और उन्हें दूसरी गाड़ी से आगे के लिए रवाना किया.
बारिश के मौसम में सड़कों पर दुर्घयनाओं की संख्या में अचानक से इजाफा हुआ है. कहीं मोड़ पर गाड़ी अनियंत्रित होने से एक्सीडेंट हुए तो कहीं दूसरों को बचाने में हादसे पेश आए हैं. बारिश को दिनों में रफ्तार कम रखकर सड़क दुर्घटनाओं से काफी हद तक बचा जा सकता है.