बीजापुर : जिले में चलाये जा रहे माओवादी उन्मूलन अभियान के तहत् गंगालूर एरिया कमेटी के प्लाटून नम्बर 12 की सदस्या मगंली उरसा ने आत्मसमर्पण किया(Surrender of two lakh prize woman Naxalite) है. 33 वर्षीय मंगली चिलनार की निवासी है. जिसने उप पुलिस महानिरीक्षक सीआरपीएफ कोमल सिंह, पुलिस अधीक्षक बीजापुर आंजनेय वार्ष्णेय, अति.पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ पंकज शुक्ला के समक्ष नक्सलियों की खोखली विचारधारा, जीवन शैली, भेदभाव पूर्ण व्यवहार और प्रताड़ना से तंग आकर सरेंडर किया (Female Naxalite surrender in front of Bijapur Superintendent of Police) है.
कौन है मंगली उरसा : सरकार ने नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए अभियान चलाया था. जिसका असर नक्सलियों पर पड़ने लगा है. इसी के तहत दो लाख की इनामी नक्सली मंगली उरसा ने आत्मसमर्पण किया है. मंगली माओवादी संगठन वर्ष 2010 में गंगालूर एरिया कमेटी अन्तर्गत पीएलजीए सदस्य के रूप में भर्ती हुई थी. 03 माह की ट्रेनिंग के बाद मंगली दल में शामिल की गई. अप्रैल 2011 में डीकेएसजेडसी/एमएमसी सुधाकर की टीम में काम के लिये भेज दिया गया.जहां 03 माह कार्य करने के बाद मंगली को पार्टी सदस्य का काम (Gangalur Area Committee member Mangli Ursa surrendered in Bijapur) मिला.
कहां कहां सक्रिय थी नक्सली : मंगली वर्ष 2012 से 2013 तक एमएमसी सुधाकर के गनमैन के रूप में कार्य की. वर्ष 2014 में गंगालूर एरिया कमेटी अंतर्गत प्लाटून नम्बर 12 में कार्य हेतु भेजा गया. वर्ष 2015 में प्लाटून नम्बर 12 के A सेक्शन में डिप्टी कमाण्डर का कार्य दिया गया. मंगली उरसा घटना में वर्ष 2015 में पदेड़ा -पोजेर मार्ग पर कई जगहों पर गडढा खोदकर मार्ग अवरूद्ध करने की घटना में शामिल ( Mangli Ursa surrendered in Bijapur) थी.