Silger Firing Case: 'सीएम भूपेश के पास लखीमपुर जाने की फुर्सत लेकिन सिलगेर आंदोलनकारियों से मिलने का समय नहीं'

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Published : Nov 30, 2021, 7:58 AM IST

Updated : Nov 30, 2021, 12:31 PM IST

Amit Jogi visit to Silger of bijapur

जोगी कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी JCCJ State President Amit Jogi सिलगेर पहुंचे. यहां उन्होंने सिलगेर आंदोलन (what is silger movement ) से जुड़े ग्रामीणों से बात की और उन्हें हरसंभव न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया.

बीजापुर: JCCJ State President Amit Jogi सिलगेर गांव पहुंचे. यहां उन्होंने 7 माह से आंदोलनरत मूलवासी मंच के ग्रामीणों से मिलकर चर्चा की और उन्हें न्याय दिलाने की बात कही. जोगी ने कहा कि उनकी पार्टी के विधायक विधानसभा में इस पर काम रोको प्रस्ताव लाएंगे. उन्होंने कहा कि सात महीने से सिलगेर में ग्रामीण न्याय की गुहार लगा रहे हैं लेकिन छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार का इस ओर ध्यान नहीं दे रही है.

Amit Jogi visit to Silger of bijapur
आंदोलनकारियों से बात करते हुए अमित जोगी

सिलगेर पहुंचे अमित जोगी ने कहा कि 'लखीमपुर की घटना के बाद सीएम भूपेश वहां जा सकते हैं लेकिन उन्हें अपने लोगों का दर्द नहीं दिखता. जोगी ने कहा कि ग्राम सभा को मजबूत बनाये और ग्राम सभा के माध्यम से प्रस्ताव बनाकर ग्राम विकास का खाका तैयार करना चाहिए. केंद्र सरकार व राज्य सरकार के प्रस्ताव से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है, ग्राम सभा. ग्राम सभा में पारित प्रस्ताव ही मान्य है. अमित जोगी ने पांचवीं अनुसूची के तहत ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर कैंप को हटाने की मांग की. बगैर प्रस्ताव के केंद्र व राज्य सरकार अनुसूचित क्षेत्रों में कोई काम नहीं कर सकती है.

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'सिलगेर गोलीकांड में पीड़ितों को मिले मुआवजा'

पत्रकारों से चर्चा में जेसीसीजे अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा कि हम चाहते हैं कि सिलगेर की घटना में मारे गये परिवार को एक-एक करोड़ मुआवजा, घायलों को पचास-पचास लाख, 10 एकड़ भूमि और परिवार के सदस्य को नौकरी सरकार को देनी चाहिए. सिलगेर सुकमा जिले का गांव है, बीजापुर पुलिस द्वारा कार्रवाई करना न्याय संगत नहीं है. मामला सुकमा जिले का होते हुए बीजापुर प्रशासन की एक तरफा कार्रवाई समझ से परे हैं.
पेसा कानून की वकालत करते हुये उन्होंने कहा कि प्रदेश में यह कानून लागू होने पर ही आदिवासियों को न्याय मिलेगा. अमित जोगी ने कहा कि क्षेत्र का विकास का खाका ग्राम सभा में तैयार होना चाहिए. ग्रामीण ग्राम सभा में जो प्रस्ताव पारित करेंगे उसे सरकार को मानने के लिए बाध्य होना पड़ेगा. अमित ने निर्दोष आदिवासियों को जेल से रिहा करने की भी मांग की. इस दौरान जिलाध्यक्ष सकनी चंद्रैया, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जमूना सकनी, अमित पांडेय, नवनीत चांद, टंकेश्वर भारद्वाज, सुजीत कर्मा, गुड्डू कोरसा व रोशन झाड़ी मौजूद रहे.

17 मई को सिलगेर गोलीकांड (Silger Firing Case) में 4 आदिवासी ग्रामीणों की मौत को लेकर बीते 7 महीने से ग्रामीण सड़क पर आंदोलनरत हैं. अस्थायी झिल्ली के शेड में रहकर ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं.

Last Updated :Nov 30, 2021, 12:31 PM IST
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