बस्तर: कांगेर वैली नेशनल पार्क के कोलेंग परिक्षेत्र के भैंसादरहा मार्ग पर अवैध उत्खनन किया जा रहा है. नेशनल पार्क के सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए विभाग के ही अधिकारी और कर्मचारियों ने जंगलों से विभागीय कार्य को करने के लिए बड़े-बड़े बोल्डरों का उत्खनन किया है. इसका आरोप यहां के रहवासी लगा रहे हैं. जिससे यहां की जैव विविधता को भारी नुकसान हुआ है. साथ ही गुणवत्ताविहीन सीसी सड़क का निर्माण कर दोनों तरफ इन बोल्डरों को डाल दिया गया है, जबकि नियम के मुताबिक सड़क के दोनों ओर मुरूम डाला जाना था.
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अधिकारियों पर लग रहे आरोप: यही नहीं आनन-फानन में आधी अधूरी सड़क बनाकर पुराने मद के पैसो का बंदरबांट किया गया है. इस काम को मात्र 4 दिन में लीपापोती के लिए पूरा किया गया है. भारतीय वन अधिनियम के नियमों के मुताबिक, नेशनल पार्क में किसी भी पेड़ को क्षति पहुंचाना या कोई भी औजार लेकर पार्क में प्रवेश करना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है. बावजूद इसके लगातार विभाग के कर्मचारी पार्क के भीतर अवैध उत्खनन कर विभागीय कार्यों को पूरा करने के लिए अधिकारियों के निर्देश पर कर रहे हैं. ऐसा स्थानीय लोगों का कहना है.
अवैध उत्खनन पर जिला प्रशासन कब करेगा कार्रवाई : इससे पहले भी साल 2018 में इस तरह के अवैध उत्खनन का मामला सामने आया था, जिसमें विभाग के बड़े अधिकारियों ने कर्मचारियों पर कार्रवाई की थी, लेकिन इसके बावजूद कठोर कार्रवाई ना होने के कारण कुछ कर्मचारी इस तरह से नियमों की अवेलहना कर अपनी अफशरशाही दिखाते हुए इस प्रकार के घटना को अंजाम दे रहे हैं.
अवैध उत्खनन की होगी जांच: वहीं कांगेर वैली नेशनल पार्क के डायरेक्टर गणवीर धम्मशील ने मामले को संज्ञान में लिया है. उन्होंने अवैध उत्खनन की जांच कराने की बात कही है. साथ ही गुणवत्ता विहीन तरीके से हुए सड़क की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है. इस तरह के भ्रष्टाचार और विभाग द्वारा किये गए अवैध उत्खनन पर किसी तरह की जांच और कठोर दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई. नेशनल पार्क के बीटगार्ड से लेकर रेंजर समेत वन विभाग के अधिकारियों के हौसले बुलंद है. एक के बाद एक नियमों का उल्लंघन कर शासन के पैसों का जमकर बंदरबाट कर रहे हैं.