ETV Bharat / state

SPECIAL: यहां सौर ऊर्जा से बनता है खाना, समय के साथ-साथ बच रहे हैं पैसे

author img

By

Published : Nov 5, 2019, 12:41 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

सौर ऊर्जा के बेहतर इस्तेमाल का ताजा उदहरण कुम्हरावंड में मौजूद एग्रीकल्चर कॉलेज में के गर्ल्स हॉस्टल में सामने आया है. यहां क्रेडा की तरफ से सौर उर्जा से चलने वाली खाना पकाने की मशीन इंस्टॉल की गई है

सौर्य उर्जा से तैयार हो रहा खाना

जगदलपुर: शहर के कुम्हरावंड में मौजूद एग्रीकल्चर कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल में क्रेडा विभाग की ओर से सौर ऊर्जा से चलने वाली खाना पकाने की मशीन इंस्टॉल की गई है. इस मशीन की मदद से जहां एक ओर खाना पकने में लगने वाले समय की बचत हो रही है, वहीं दूसरी ओर यहां पढ़ने वाली छात्राओं पर पड़ने वाला आर्थिक बोझ भी कम होगा. हॉस्टल में मशीन के इंस्टॉल होने के बाद यहां एक साथ 300 लोगों का खाना पकाया जा सकेगा. सोलर पैनल प्रारंभिक तौर पर कृषि महाविद्यालय के कन्या छात्रावास में लगाया गया है, अगर यह प्रयोग सफल रहा तो, इसे दूसरे हॉस्टलों में भी लगाया जाएगा.

सौैर्य ऊर्जा से तैयार हो रहा खाना

इन पैनल के जरिए यूनिवर्सिटी के हॉल्टल में जिले की पहली पूरी तरह से सौर ऊर्जा से चलने वाली रसोई यहां तैयार हो गई है. बालिका छात्रावास में इस उपकरण का इंस्टॉलेशन पूरा हो गया है. इससे आने वाली ऊर्जा को नीचे किचन तक पहुंचाया जा रहा है, जहां लगाए गए ब्वॉयलर इस ऊर्जा से गर्म होकर झटपट खाना तैयार करेंगे. किचन शेड में लगाए गए तीन ब्वॉयलर से कम समय में एक साथ चावल, दाल और चाय तैयार की जा सकती है. इसके लिए बकायदा क्रेडा की टीम ने छात्रावास में रसोईया का काम कर रही महिलाओं की समिति को 7 दिनों की ट्रेनिंग भी दी है.

क्या कहती है रसोइया
रसोइया का कहना है कि 'इस सोलर पैनल के माध्यम से न सिर्फ कम समय पर भोजन तैयार हो रहा है, बल्कि उनकी मेहनत और समय भी बच रहा है. सोलर से खाना पकाना काफी आसान साबित हो रहा है.

फीस कम होने से मिलेगी राहत
कन्या छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रही छात्राओं का कहना है कि 'सोलर पैनल से बना भोजन काफी स्वादिष्ट है और इसके अलावा काफी कम समय पर भोजन तैयार हो रहा है'. उनका कहना है कि 'उन्हें बढ़ते गैस के दाम और किल्लत की वजह से हर माह मेस फीस 12 सौ रुपए देना पड़ता था, लेकिन अब सोलर से भोजन पकाए जाने से उनकी मेस फीस भी 100 रुपये कम कर दी गई है, जिससे उन्हें फौरी तौर पर थोड़ी राहत जरूर मिली है'.

महंगाई से मिलेगी निजात
कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र के डीन ने बताया कि 'जिला प्रशासन की ओर से 16 लाख 50 हजार रुपये की लागत से इस सोलर पैनल को लगाया गया है. इसके साथ ही 10 लाख रुपए की लागत से किचन शेड का निर्माण किया गया है. जीरो मेंटेनेंस की वजह से यह काफी कारगर भी साबित हो रहा है और जल्द ही कृषि महाविद्यालय के अलावा दूसरे छात्रावास में भी इसे लगाए जाने की कवायद की जा रही है. उन्होंने कहा कि 'इससे न सिर्फ गैस सिलेंडर की किल्लत और बढ़ते दाम और लकड़ियों के चूल्हे से निजात मिली है, बल्कि छात्राओं के मासिक भोजन शुल्क में भी राहत दी गई है'.

300 लोगों का खाना होता है तैयार
गौरतलब है कि बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले के अलावा जगदलपुर में ही इस उपकरण को लगाया गया है. जिसके जरिए सौर ऊर्जा से 300 लोगों का खाना तैयार किया जा रहा है. क्रेडा विभाग की ओर से की गई यह पहल काबिल-ए-तारीफ है. इससे समय के साथ-साथ रुपये की बचत जरूर होगी, लेकिन विभाग का यह प्रयोग सफल होने के साथ ही कितना बड़ा रूप ले पाएगा यह देखने वाली बात होगी.

Intro:जगदलपुर। शहर के कुम्हरावंड  में स्थित कृषि महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं को शिक्षा के साथ  बढ़ते मेस फीस के बोझ से राहत दिलाने क्रेडा विभाग ने जिले में पहली सौर ऊर्जा चलित रसोई तैयार की है। जिसमे एक साथ 300 लोगो का भोजन बनेगा। इससे न सिर्फ छात्राओं के मेस फीस में कटौती होगी बल्कि समय और छात्राओं की मेहनत भी बचेगी। यह सोलर पैनल प्रारम्भिक तौर पर कृषि महाविद्यालय के कन्या छात्रावास में लगाया गया है। जिसके बाद इसे अन्य छात्रावासों में भी लगाया जाएगा। 


Body:दरअसल इन पैनल के जरिए जिले की पहली पूरी तरह से सौर ऊर्जा से चलने वाली रसोई यहां तैयार हो गई है। बालिका छात्रावास में इस उपकरण का इंस्टॉलेशन पूरा हो गया है। इससे आने वाली ऊर्जा को नीचे किचन तक पहुंचाया जा रहा है।  यहां पर लगाए गए ब्वॉयलर इस ऊर्जा से गर्म होकर भोजन झटपट तैयार कर लेंगे। किचन शेड में लगाए गए तीन ब्वॉयलर से कम समय में एक साथ चावल, दाल और चाय तैयार की जा सकती है। इसके लिए बकायदा क्रेडा के टीम ने छात्रावास में रसोईया का काम कर रहे हैं महिला समिति को 7 दिनों की ट्रेनिंग भी दी है । रसोईया का कहना है कि इस सोलर पैनल के माध्यम से न सिर्फ कम समय पर भोजन तैयार हो रहा है।  बल्कि उनका मेहनत और समय भी काफी बच रहा है। और सोलर  से भोजन बनाना काफी आसान साबित हो रहा है। 



Conclusion:वही कन्या छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं छात्राओं का कहना है कि सोलर पैनल से बना भोजन काफी स्वादिष्ट है ।और इसके अलावा काफी कम समय पर  भोजन तैयार हो रहा है। छात्राओं का कहना है कि  उन्हें बढ़ते गैस के दाम और किल्लत की वजह से हर माह मेस फीस 12 सौ रुपए देना पड़ता था । लेकिन अब सोलर  से भोजन पकाए जाने से उनकी मेस फीस भी काफी कम कर दी गई है । जिससे बढ़ते मेस फीस और आर्थिक रूप से  काफी राहत मिली है। 
कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र के डीन ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर इस सोलर पैनल का इस्तेमाल एक कन्या छात्रावास में किया जा रहा है । इसके लिए छत में तीन सोलर पैनल लगाए गए हैं जिसके जरिए 300 छात्राओं के लिए कम समय पर भोजन तैयार हो रहा है। डीन ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा साढे 16 लाख रु की लागत से इस सोलर पैनल को लगाया गया है।  और 10 लाख रुपए की लागत से किचन शेड का निर्माण किया गया है।  जीरो मेंटेनेंस की वजह से यह काफी कारगर भी साबित हो रहा है । और जल्द ही कृषि महाविद्यालय के अलावा अन्य छात्रावास में भी इसे लगाए जाने की कवायद की जा रही है। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ  गैस सिलेंडर की किल्लत और बढ़ते दाम और लकड़ियों  के चूल्हे से निजात मिली है।  बल्कि छात्राओं के मासिक भोजन शुल्क में भी राहत दी  गई है। 
गौरतलब है कि बस्तर  संभाग के  नारायणपुर जिले के अलावा  जगदलपुर में ही इस उपकरण को लगाया गया है। जिसके माध्यम से सौर ऊर्जा से 300 लोगो का भोजन तैयार किया जा रहा है।हालांकि यह उपकरण कितना कारगर साबित हो पायेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। 

बाईट1-सुदंति कश्यप, रसोइया

बाईट2-नीलांजना , छात्रा

बाईट3-एच.सी नंदा, डीन, कृषि महाविद्यालय


Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.