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Chhattisgarh Shocker छत्तीसगढ़ में चौंकाने वाला खुलासा, आदिवासी सीएम साय के राज में आदिवासियों की अनदेखी, 70 साल से नहीं बना कास्ट सर्टिफिकेट

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 23, 2023, 3:39 PM IST

Updated : Dec 23, 2023, 10:51 PM IST

Shocking News Of Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में चौंकाने वाला खुलासा

Shocking News Of Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां 70 साल बाद भी एक ट्राइबल वर्ग के साथ नाइंसाफी हो रही है. बलौदाबाजार के कसडोल में सोंझरी जनजाति के लोगों का 70 साल से जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है. अब देखना होगा कि इस मामले में छत्तीसगढ़ के आदिवासी सीएम विष्णुदेव साय क्या करते हैं Sonjhari tribe people Cast certificate not issued, Chhattisgarh Shocker

छत्तीसगढ़ में चौंकाने वाला खुलासा

बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ में हद हो गई है. राज्य को बने 23 साल से ज्यादा हो गए. देश को आजाद हुए सात दशक यानि की 70 साल से ज्यादा हो गए. लेकिन बलौदाबाजार के कसडोल के आदिवासियों की अनदेखी लगातार हो रही है. सात दशक में भारत में न जाने कितनी सरकारें बदली, 23 साल में छत्तीसगढ़ में 6 सरकारें बन गई. लेकिन कसोडल के टिपरुंग के सोंझरी आदिवासियों की किस्मत नहीं बदली. इस आदिवासी समाज के लोंगों का अब तक जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है. जिसकी वजह से सोंझरी ट्राइब के लोग विकास की मुख्यधारा में जुड़ने से महरूम हैं.

70 साल से नहीं बन पा रहा जाति प्रमाण पत्र: टिपरुंग में रहने वाले सोंझरी समाज के लोगों का जाति प्रमाण पत्र एक दो साल से नहीं बल्कि 70 साल से नहीं बन पा रहा है. यही वजह है कि इस जनजाति समाज के बच्चे ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाए. कई बच्चों ने सिर्फ पांचवी और कई बच्चों ने बमुश्किल 12वीं तक की ही पढ़ाई कर पाए. जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने के कारण सोंझरी जनजाति समाज के लोगों को कई शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

जाति प्रमाण पत्र को लेकर कई बार की गई शिकायत: जाति प्रमाण पत्र को लेकर कई बार सोंझरी जनजाति समाज के लोगों ने कलेक्टर ऑफिस या अन्य जगह पर शिकायत की. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. न तो किसी नेता और जनप्रतिनिधि ने इनकी आवाज उठाई है. जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने की वजह से सोंझरी समाज के लोगों को नौकरी नहीं मिल पा रही है. आगे पढ़ाई में भी किसी तरह की सहूलियत नहीं मिल पा रही है.

"कलेक्टर, मंत्री सहित तमाम जिम्मेदारों को हमने जाति प्रमाण पत्र को लेकर शिकायत की है. लेकिन हमारा आवेदन सिर्फ दफ्तर और दफ्तर में घूम रहा है. न तो अधिकारी ध्यान देते हैं, न ही नेता और विधायक इस समस्या पर गंभीर हैं": लखन सोंझरी, सोंझरी समाज के युवक

सोनझरी समाज के बारे में जानिए: सोनझरी समाज के लोग साल 1942 से यहां निवास कर रहे हैं. सोंझरी ट्राइब आदिवासी समूह की 42 जनजातियों में शामिल हैं. राजपत्र में सोनझोला, सोनझारी, सोनझरिया, सोनझरा, सोनझला, सोनझरी और सोनकला जैसी ट्राइब को नहीं दर्शाया गया है. जिसकी वजह से परेशानी हो रही है. सर्व सोंझरी समाज छत्तीसगढ़ के द्वारा पत्र लिखकर राज्य सरकार एवं भारत सरकार से निवेदन भी किया गया है. लेकिन अब तक इनकी समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. अब देखना होगा कि आदिवासी सीएम के राज में इस समाज का कल्याण हो पाता है या नहीं.

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Last Updated :Dec 23, 2023, 10:51 PM IST
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