बालोद की बेटियां निभा रहीं हर घर तिरंगा अभियान में अहम भूमिका

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Published : Aug 5, 2022, 5:07 PM IST

har ghar tiranga abhiyan

बालोद की बेटिया तिरंगा बना हर घर तिरंगा अभियान में अहम योगदान निभा रही है. कलेक्टर के सहयोग से ये बेटियां अधिक से अधिक संख्या में तिरंगा बना कर इस अभियान में अपना योगदान दे रही (Balod daughters is making important contribution to har ghar tiranga abhiyan) है.

बालोद: देश अपनी आजादी का 75वां वर्षगांठ मना रहा है. पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. देश के प्रधानमंत्री ने पूरे देश में हर घर तिरंगा अभियान चला रखा है. आगामी 13 से 15 अगस्त को इस अभियान की शुरुआत होगी. हालांकि बालोद में यह अभियान इसलिए बेहद खास होता जा रहा है क्योंकि हर घर झंडा पहुंचाने की जिम्मेदारी बालोद की बेटियों के हाथों है. इस जिले में जिला परियोजना लाइवलीहुड के माध्यम से वहां पर सिलाई सीखने वाली युवतियां तिरंगे का निर्माण कर रही है. कलेक्टर गौरव कुमार सिंह के निर्देश पर इन बेटियों को लगभग 10 हजार झंडा बनाने का लक्ष्य दिया गया है.

बालोद में हर घर तिरंगा अभियान

बेटियों को हो रहा गर्व: बालोद की बेटियों को अपने काम पर काफी गर्व है. इन बेटियों ने बताया, "हम सब यहां पर सिलाई सीखने आए हैं. जब हमें आजादी के अमृत महोत्सव के तहत इस अभियान का हिस्सा बनाने का निर्णय लिया गया, तो हम सब काफी खुश हुए. हम सब सहेलियां मिल-जुलकर मशीनों के माध्यम से झंडे की सिलाई कर रहे हैं.

खादी ग्रामोद्योग से आपूर्ति: बालोद कलेक्टर गौरव कुमार सिंह के मार्गदर्शन में खादी ग्राम उद्योग के माध्यम से कपड़े की सप्लाई लाइवलीहुड में की जा रही है. जहां से साइज काट कर इन युवतियों को दिया जा रहा है. खादी ग्रामोद्योग द्वारा लगातार मटेरियल भेज रहे हैं. यहां काफी तेजी से तिरंगे झंडे का निर्माण किया जा रहा है.

बेटियों का बनाया तिरंगा लहराएगा हर घर: बालोद जिले के लिए यह विषय केवल अनुभूति ही नहीं बल्कि गर्व का भी है. क्योंकि हम अपने घरों में जो झंडा लहराएंगे, उनका निर्माण हमारे देश की बेटिया कर रही है. जी हां इन युवतियों को कलेक्टर ने बेहद अहम जिम्मेदारी दी है. यह वह छात्राएं हैं जो कि लाइवलीहुड के माध्यम से सिलाई का प्रशिक्षण कर रही हैं. परंतु आने वाले कुछ दिनों में उनका एग्जाम है. उन्हें एग्जाम से पहले एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी यानी कि तिरंगा झंडा निर्माण का काम दिया गया है. जिससे वे बेहद खुश हैं. उनका बेहतर प्रैक्टिस हो पा रहा है. प्रशासन ने आगे इन युवतियों के लिए कुछ न कुछ बेहतर करने का सोच रखी है.

पहले आए थे सैंपल: सबसे पहले सैंपल दिया गया था और पहले लॉट में 24 मीटर का कपड़ा आया था, जिसे इन बेटियों ने फटाफट पूरा कर लिया. जिसके बाद खड़ी ग्रामोद्योग के माध्यम से पुनः कपड़ों की सप्लाई की जा रही है. 24 मीटर के एक लॉट में 250 झंडे बनाए जा सकते हैं.

1 अनुपात 3 का निर्माण: झंडे को एक अनुपात 3 के हिसाब से निर्मित किया जा रहा है. कलेक्टर के निर्देश में यह बेटियों को लगभग 10 हजार झंडा बनाने का लक्ष्य दिया गया है. एनआरएलएम के माध्यम से भी इस अभियान को तेजी दी जा रही है.

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बेटियों ने कलेक्टर का किया आभार: सिलाई में शामिल बेटी अंशुल ने कहा कि "कलेक्टर आदरणीय गौरव कुमार सिंह ने हमें इस काबिल समझा और हमें काम दिया, इसके लिए हम उनका आभार व्यक्त करते हैं. आपको बता दें कि कलेक्टर ने ही इस अभियान से बेटियों को जोड़ रखा है.

क्या कहा कलेक्टर ने: कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस को लेकर प्रशासन पूरी तरह तैयारी में है. निर्माण से लेकर वितरण तक हर व्यक्ति की सहभागिता होनी चाहिए. उन्होंने अपील किया कि प्रत्येक घरों में तिरंगा लहराए. इस अभियान में हर कोई सहभागी बने. बेटियों को राष्ट्रभक्ति की भावना तो मिल रही है. साथ ही उन्हें एक रोजगार का अवसर भी मिल रहा है. बेटियों के हाथों बना तिरंगा घर-घर लहराया जाएगा.

किफायती दामों पर मिलेंगे तिरंगे: छात्राओं द्वारा बनाये जा रहे इन झंडों को किफायती दरों पर बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. नगरीय निकायों और शासकीय कार्यालयों में भी स्टॉल लगाकर शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों सहित आम जनों को झंडे उपलब्ध कराए जाएंगे. बता दें कि स्वतंत्रता के 75वें वर्ष पूरे होने के अवसर पर देश भर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. इस महोत्सव के तहत 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान चलाया जाएगा.

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