अंबिकापुर: प्रतिभा पैसों की मोहताज नहीं होती. प्रतिभा को जरुरत होती है मौकों की, अंबिकापुर में सब्जी की दुकान लगाने वाली की बेटी ने ऐसे ही एक मौके को भुनाते हुए अपनी पहचान बनाई है. बास्केटबॉल की दुनिया में अपनी पहचान बनाने वाली बेटी का नाम सुरुचि टोप्पो है. महज 9 साल की उम्र में वो बास्टकेटबॉल की बेहतरीन खिलाड़ी बन चुकी है. भारतीय खेल प्राधिकरण यानि कि साईं को भी गर्व है. साईं के मार्गदर्शन में सुरुचि की प्रतिभा लगातार निखार आ रहा है. साईं के कोच भी ये मानते हैं कि आने वाले दिनों में अंबिकापुर की ये बेटी खेल में बड़ा कमाल करेगी. प्रदेश और देश दोनों का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करेगी.
गरीब की बेटी बनेगी राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी: सुरुचि टोप्पो के पिता फोटो कॉपी की दुकान पर काम करते हैं. मां सब्जी की दुकान लगाती थी पर देवर की मौत के बाद दुकान अब बंद हो चुकी है. सुरुचि के माता पिता बड़ी मुश्किल से दो वक्त की रोटी परिवार के लिए जुटा पाते हैं. परिवार ने जब बच्ची की दिलचस्पी बास्केटबॉल के खेल में देखी तो दोनों ने उसे समझाने की कोशिश की. परिवार वालों ने बताया कि खेल की कोचिंग महंगी है. छत्तीसगढ़ में इसके खिलाड़ी भी कम है. सुरुचि नहीं मानी और बास्केटबाॉल की कोचिंग के लिए अड़ी रही. थक हारकर परिवार वालों ने भारतीय खेल प्राधिकरण साईं को संपर्क किया. साईं ने बच्ची में खेल के प्रति लगन और जुनून को देखकर न सिर्फ उसे एडमिशन दिया बल्कि उसकी फीस भी माफ कर दी.
साईं बना सहारा: सुरुचि टोप्पो के बुलंद हौसलों को परवाज देने के लिए साईं खुद उसका पंख बन गया है. अब गरीब परिवार की इस बिटिया के माता पिता को उम्मीद जगी है कि जल्द ही उनकी बेटी छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करेगी. सुरुचि जैसी प्रतिभा हर जिले में मौजूद है. कुछ प्रतिभा मुश्किलों में दम तोड़ देती है कुछ प्रतिभा मौका मिलते ही अपना कमाल कर दिखाती है. सुरुचि उन्ही में एक एक है. इंतजार अब उस दिन का है, जिस दिन बॉस्केटबॉल के खेल में सुरुचि छत्तीसगढ़ के लिए नया कीर्तिमान गढ़े, प्रदेश के सम्मान को खेल की दुनिया में आगे बढ़ाए.