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अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज ने प्रदेश को दिए 90 नए डॉक्टर, जल्द करेंगे कोविड ड्यूटी

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Published : May 14, 2021, 9:11 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के प्रथम बैच के 94 छात्र-छात्राओं में 90 छात्र डॉक्टर बन गए हैं. एक साल तक ये सभी डॉक्टर मेडिकल कॉलेज में ही ट्रेनिंग और ड्यूटी करेंगे. इसके बाद प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में इनकी ज्वॉइनिंग होगी.

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अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज ने प्रदेश को दिए 90 डॉक्टर

सरगुजा : मेडिकल कॉलेज ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद प्रवेश लेने वाले MBBS के 94 स्टूडेंट्स में से 90 छात्रों ने मुख्य और अंतिम वर्ष की परीक्षा पास कर ली है. विश्वविद्यालय की तरफ से परिणाम जारी किए जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन में हर्ष का माहौल है. बड़ी बात यह है कि मेडिकल कॉलेज से निकलने वाला ये बैच अब अस्पताल में ही अपनी सेवाएं देगा. एक साल की ट्रेनिंग मेडिकल कॉलेज में ही पूरी होगी.

नए MBBS डॉक्टरों के आने से ना सिर्फ अस्पताल में डॉक्टरों की कमी दूर होगी, बल्कि कोरोना महामारी से लड़ने में भी बड़ी मदद मिलेगी. ये डॉक्टर अब अस्पताल के विभिन्न विभागों के साथ ही कोविड में भी अपनी सेवाएं देंगे. फिलहाल शुरुआती दौर में इन डॉक्टरों से नॉन कोविड काम ही लिया जा रहा है, लेकिन जल्द ही इन्हें कोविड वार्ड में भी ड्यूटी के लिये भेजा जायेगा.

फर्स्ट बैच के 90 छात्र-छात्राएं बने डॉक्टर

सरगुजा में मेडिकल कॉलेज की स्थापना व MCI से मान्यता मिलने के बाद साल 2016-17 में प्रथम बैच के 94 छात्र-छात्राओं ने MBBS की पढ़ाई के लिए एडमिशन लिया था. स्थापना के बाद से ही मेडिकल कॉलेज संसाधनों की कमी और मान्यता को लेकर संघर्ष करता रहा है. यही वजह है कि कॉलेज को दो बार जीरो ईयर घोषित कर दिया गया था. जबकि दो बार MCI से मान्यता मिली. फैकल्टी और संसाधनों की कमी के बाद भी मेडिकल कॉलेज के प्रथम बैच की पढ़ाई निरंतर जारी रही. MBBS की पढ़ाई कर रहे 94 छात्र-छात्राएं अंतिम वर्ष की परीक्षा में शामिल हो सके. कॉलेज के प्रथम बैच के अंतिम वर्ष की मुख्य परीक्षा 25 अप्रैल को खत्म हुई थी. बड़ी बात ये है कि परीक्षा में प्रैक्टिकल के दौरान NMC का ऑनलाइन निरीक्षण भी हुआ और वे कॉलेज के छात्र-छात्राओं से काफी प्रभावित हुए थे.

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अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज

परीक्षा खत्म होने के बाद 1 मई को परिणामों की घोषणा हो जानी थी, लेकिन आयुष विश्वविद्यालय में कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने के कारण परिणाम की घोषणा नहीं हो पाई थी. अब परिणामों की घोषणा कर दी गई है. मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करने वाले 94 छात्र-छात्राओं में से 90 ने परीक्षा पास कर कीर्तिमान हासिल किया है.

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एक साल तक करेंगे ट्रेनिंग

मेडिकल कॉलेज में अंतिम वर्ष की परीक्षा पास करने वाले 90 MBBS छात्र-छात्राएं अब डॉक्टर कहलाएंगे. ये डॉक्टर फिलहाल एक साल तक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही ट्रेनिंग लेंगे. सरगुजा से निकलने वाले ये डॉक्टर अस्पताल के विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं देंगे. जिससे अस्पताल में ना सिर्फ डॉक्टरों की कमी दूर होगी बल्कि मरीजों को भी बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी.

कोविड वार्डों में भी लगेगी ड्यूटी

वर्तमान में सरगुजा कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है. हर दिन बड़ी संख्या में संक्रमित मरीज सामने आ रहे है. ऐसे में मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई कर पास होने वाले ये नए MBBS डॉक्टर कोविड वार्डों में भी अपनी सेवाएं देंगे. MBBS डॉक्टरों की कोविड वार्ड में ड्यूटी लगाने को लेकर पहले ही फैसला हो चुका है. 1 मई से उनकी ड्यूटी लगनी थी लेकिन परिणाम की घोषणा में हुई देरी के कारण अब तक उनकी ड्यूटी नहीं लग पाई थी.

1 साल तक सरगुजा में सेवाएं देंगे नए डॉक्टर

इस संबंध में डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. आर मूर्ति ने कहा की संस्थान व अंचल के लिए यह गौरव की बात है. कॉलेज के प्रथम बैच के 90 स्टूडेंट्स ने परीक्षा में सफलता हासिल की है. अब ये डॉक्टर विभिन्न विभागों में एक साल तक ट्रेनिंग लेने के साथ ही सरगुजा को अपनी सेवाएं देंगे.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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