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जानिए प्रेग्नेंसी के दौरान कैसी डाइट है जरुरी ?

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Published : Jun 7, 2022, 4:32 PM IST

what kind of diet is important during pregnancy
जानिए प्रेग्नेंसी के दौरान कैसी डाइट है जरुरी

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपनी सेहत का ज्यादा ख्याल रखने की जरुरत है. ऐसे में ये भी जरुरी हो जाता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान क्या खाएं और क्या खाने से (what kind of diet is important during pregnancy) बचें.

रायपुर : एक महिला के लिए प्रेग्नेंसी एक महत्वपूर्ण पल माना जाता है. महिला ही नहीं पुरुष भी काफी उत्साहित होते हैं. क्योंकि उन्हें पिता का सुख मिलता है. ऐसे समय में प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए डाइट चार्ट फॉलो करना बहुत जरूरी होता है. प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत सारे हार्मोनल बदलाव भी होते (Hormone changes during pregnancy) हैं. प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के साथ ही गर्भ में पलने वाले बच्चे को आवश्यक पोषक तत्व महिला से प्राप्त होता है. इसलिए यह महत्वपूर्ण होता है कि महिला अपने स्वास्थ्य का अच्छी तरह से ख्याल रखें और संतुलित आहार लें. प्रेग्नेंसी के दौरान वजन बढ़ना चिंता का एक और कारण है. ऐसे समय में संतुलित आहार लेने से इस तरह की समस्याओं से बचा जा सकता है. आइए जानते हैं प्रेग्नेंसी के दौरान संतुलित आहार कैसा और किस तरह का होना चाहिए.

जानिए प्रेग्नेंसी के दौरान कैसी डाइट है जरुरी ?
कैसा हो डाइट : डाइटिशियन डॉक्टर सारिका श्रीवास्तव (Dietician Dr Sarika Srivastava) का कहना है कि ''महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी एक महत्वपूर्ण समय होता है. ऐसे समय में गर्भवती महिलाओं को अपने डाइट का खास ख्याल रखना होता है. गर्भवती महिलाओं के लिए डाइट चार्ट को तीन भागों में बाटा गया. जिसमें पहला चरण 0-12 वें सप्ताह तक, दूसरा चरण 12- 24 वें सप्ताह तक तीसरा और अंतिम चरण 24 वें सप्ताह से शिशु के पैदा होने तक का चरण अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया. ऐसे समय में कैलोरी प्रोटीन और विटामिन की रिक्वायरमेंट भी अलग-अलग होती है.प्रेग्नेंसी के कितने होते हैं स्टेज : पहला चरण 0-12 वें सप्ताह तक हाइट और वेट के अनुसार उम्र के आधार पर 1900 कैलोरी की डाइट लेना जरूरी होता है. इसके साथ ही शरीर के वजन के हिसाब से 5 ग्राम प्रोटीन भी लेना पड़ता है.दूसरा चरण 12-24 वें सप्ताह के बीच कैलोरी की मात्रा बढ़ कर 2250 ग्राम कैलोरी लेनी होती है. इसके साथ ही दूसरे चरण के दौरान प्रोटीन की मात्रा भी बढ़ जाती है. दूसरे चरण में 5 ग्राम प्रोटीन की जगह प्रोटीन की मात्रा 9 ग्राम हो जाती है.तीसरा और अंतिम चरण 24 वें सप्ताह से लेकर शिशु के पैदा होते तक प्रोटीन की मात्रा बढ़कर 21 ग्राम तक होनी चाहिए. आयरन और कैल्शियम की मात्रा भी बढ़ाई जानी चाहिए.गर्भावस्था में क्या खाएं : इस समय डेयरी प्रोडक्ट के साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान सातवें सप्ताह शुरू होने पर ड्राई फ्रूट्स का सेवन भी करना चाहिए. फोलिक एसिड के लिए हरी सब्जियों का सेवन करना भी जरूरी होता है. इस दौरान 12 से 24 वें सप्ताह तक कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा भी बढ़ानी होती (calcium and protein for pregnancy) है. हरी सब्जियों के साथ ड्राई फ्रूटस और दाल के साथ ही एग और चिकन का उपयोग भी किया जा सकता है. ऐसे समय में मीट का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए. प्रेग्नेंसी के पहले चरण से अंतिम चरण तक नारियल का पानी अधिक मात्रा में पीना चाहिए.प्रेग्नेंसी के दौरान क्या ना खाएं : 24 वें सप्ताह से लेकर शिशु के पैदा होने तक फास्ट फूड, फ्रोजन फूड, चाइनीज और जंक फूड का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. ऐसे समय में इमली भी नहीं खानी चाहिए. अचार का सेवन किया जा सकता है. पाइनएप्पल और पपीता जैसी चीजों को अवाइड करना चाहिए. लेकिन आम का सेवन किया जा सकता है. इसमें विटामिन और मिनरल्स की मात्रा पाई जाती है. प्रेगनेंसी के दौरान बैगन, करेला और मुनगा जैसी सब्जियां नहीं खानी चाहिए. इससे दर्द की शिकायत हो सकती है और ऐसी सब्जियों को असुरक्षित माना गया (what not to eat during pregnancy) है.दूसरी चीजें भी लेना जरुरी : प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को घर में बना शुद्ध और ताजा भोजन करना चाहिए मल्टीग्रेन और फाइबर का उपयोग अधिक करना चाहिए. आयरन की कमी को पूरा करने के लिए अंजीर चुकंदर का सेवन भी करना जरूरी होता है. वाटर लेवल को मेंटेन करने के लिए एक गर्भवती महिला को दिन में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी भी पीना चाहिए. जिससे गर्भवती माता और गर्भ में पल रहे शिशु स्वस्थ रहे.
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