रायपुर : गणेश चतुर्थी (Ganesh chaturthi 2022 ) का त्योहार देशभर में 31 अगस्त से शुरु हो गया है. तब से लेकर पूरे 10 दिनों तक ये त्योहार हर्ष और उल्लास से मनाया जाएगा. श्री गणेश के जन्मोत्सव यानी गणेश चतुर्थी से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी के दिन ये पूर्ण होगा. गणेश चतुर्थी पर लोग गणपति बप्पा की पूजा करते हैं. देशभर में जगह-जगह गणेश पंडाल लगाकर भक्त गणेश जी की पूजा करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मध्यकाल में हुआ था. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार हर साल अगस्त या सितंबर के महीने में मनाया जाता है.
क्या है मोदक का अर्थ : गणेश चतुर्थी पर भक्त भगवान गणेश को खुश करने के लिए लड्डू या मोदक का भोग लगाते (Offering laddus to Ganesha on Chaturthi ) हैं. माना जाता है कि, भगवान गणेश को मोदक का भोग सबसे अधिक प्रिय है. मोदक नारियल और घी के मिश्रण से बनने वाला मिष्ठान है. गणेश जी का सबसे पसंदीदा होने के अलावा मोदक का भोग चढ़ाने के कुछ और भी कारण है.पुराणों में मोदक के बारे में स्पष्ट रूप से बताया गया है.मोदक का वर्णन करते हुए इसका अर्थ आनंद यानी खुशी बताया गया है. भगवान गणेश को हमेशा खुश रहने वाला माना जाता है और मोदक का अर्थ भी खुशी ही होता है. इसी वजह से गणेश जी को मोदक का भोग लगाया जाता है. इसके अलावा, मोदक को ज्ञान का प्रतीक भी माना जाता है, वहीं भगवान गणेश भी ज्ञान के देवता माने जाते हैं. ये भी एक कारण है जिसकी वजह से उन्हें मोदक का भोग लगाया जाता है.
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गणपति को क्यों प्रिय है मोदक : पौराणिक कथा के अनुसार, गणेश जी और परशुराम जी के बीच एक युद्ध हुआ (ganeshji modak story in hindi) था. इस युद्ध में गणेश जी का दांत टूट गया था, जिसके कारण उन्हें कोई भी चीज खाने में काफी तकलीफ हो रही थी. ऐसी स्थिति में उनके लिए मोदक बनाए गए. क्योंकि मोदक काफी मुलायम और मुंह में जाते ही घुल जाने वाले होते हैं. साथ ही, ये मीठा होने के कारण मुंह में किसी तरह की पीड़ा भी नहीं होती. तब से लेकर गणेश जी मोदक का भोग सबसे अधिक प्रिय है और यही कारण है कि, भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए उनकी सबसे पसंदीदा चीज का भोग लगाते हैं.