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New Year 2022: नए साल पर आप को लुभाएंगे छत्तीसगढ़ के ये पर्यटन स्थल

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Published : Dec 12, 2021, 1:23 PM IST

प्रकृति की गोद में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh in the lap of nature) अपने पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध (famous for tourist places) है. यहां कल-कल बहती नदियां, मनोरम पहाड़ियां, प्राकृतिक खूबसूरती की मिसाल पेश करती हैं. अनेकों मंदिर के कारण धर्म और आस्था ने लोगों को छत्तीसगढ़ से जोड़ रखा है. यहां विश्व प्रसिद्ध एशिया का नियाग्रा (world famous Niagara of Asia) है, जो पर्यटकों को खूब भाता है. साथ ही किसानों के लिए जीवनदायक भी है. यहां भगवान राम के पद चिन्ह (Footprints of Lord Rama) हैं तो लव-कुश की जन्म स्थली भी है. यहां के अबूझमाड़ जंगल ने बस्तर को पहचान दिलाई है तो आदिवासियों ने बस्तर की संस्कृति (Culture of Bastar) को जिंदा रखा है. तो आइए हम आपको बताते हैं कि इस बार नए साल पर आप को लुभा सकते हैं कौन-कौन से छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल (tourist places in chhattisgarh).

New Year 2021: These tourist places have a big craze in Chhattisgarh
न्यू ईयर 2021ः छत्तीसगढ़ में इन पर्यटन स्थलों का है बड़ा क्रेज

रायपुर : नए साल पर सभी परिवार और दोस्तों के साथ टाइम स्पेंड करना चाहते हैं. जाहिर है ऐसे में सबसे पहले पिकनिक स्पॉट सर्च किए जाते हैं. नए साल पर ETV भारत आपको छत्तीसगढ़ के उन पर्यटन स्थलों के बारे में बता रहा है, जहां पहुंचकर आपका दिल खुश हो जाएगा. इस प्रदेश के लगभग हर जिले में ऐसे स्थान हैं, जहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं.

Korba Tourism
कोरबा पर्यटन

कोरबा में पर्यटन

  • सतरेंगा कोरबा की नई पहचान बन चुका है.
  • यहां महादेव के प्राकृतिक दर्शन केंद्र (Natural Darshan Center of Mahadev) मौजूद हैं.
  • यहां पहाड़ प्राकृतिक शिवलिंग का आकार (Shape of Natural Shivling) लिए हुए हैं.
  • सतरेंगा सालों से पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचता रहा है.
  • सतरेंगा में अब वॉटर स्पोर्ट के साथ ही पानी पर फ्लोटिंग रेस्टोरेंट (floating restaurant) और ठहरने के लिए रिसोर्ट की भी व्यवस्था हो चुकी है.
  • सतरेंगा में महासाल का वृक्ष (mahsal tree) भी मौजूद है. इसे भी वन विभाग ने संरक्षित किया है.
  • यह 1400 साल पुराना वृक्ष छत्तीसगढ़ के सबसे पुराने पेड़ों में से एक है.
Amritdhara
अमृतधारा

इको पर्यटन केंद्र बुका को है आपका इंतजार

  • कोरबा से लगभग 65 किलोमीटर दूर अंबिकापुर रोड पर स्थित इको पर्यटन और चेतना जागरण पर्यटन (Chetna Jagran Tourism) के लिए खास है.
  • केंद्र बुका के नजारे बेहद सुकून पहुंचाने वाले हैं.
  • यहां दूर-दूर तक फैले पानी प्रकृति के बीच हरे रंग का प्रतीत होता है.
  • इसकी तुलना मॉरीशस से भी की जाती है.
  • बुका में नौका विहार (Boating in Buka) करना एक अलग अनुभव देता है. ठहरने के लिए ग्लास हाउस, हसदेव हाउस, लेक हाउस और टेंट हाउस मौजूद हैं.
  • ठंड में कैंप फायर (camp fire in the cold) और हॉर्स राइडिंग का भी लुत्फ यहां उठाया जा सकता है.

ऐतिहासिक चैतुरगढ़ है कोरबा की शान

  • पाली के समीप छत्तीसगढ़ के कश्मीर के नाम से पहचाने जाने वाला 3060 फीट ऊंचा पर्वत चैतुरगढ़ जिले की शान है.
  • चैतुरगढ़ में 11वीं शताब्दी के कलचुरी शासक पृथ्वी देव ने प्रथम किले का निर्माण (construction of the first fort) कराया था.
  • इसके 3 मुख्य द्वार मेनका, हुंकरा और सिंह द्वार के अवशेष आज भी यहां जीर्ण अवस्था में मौजूद हैं.
  • चैतुरगढ़ में मां महिषासुर मर्दिनी का मंदिर (Temple of Maa Mahishasur Mardini in Chaiturgarh) भी है, और पाली के प्राचीन शिव मंदिर (Ancient Shiva Temple of Pali) के दर्शन भी आप यहां पहुंचने पर कर सकते हैं.

देवपहरी में मौजूद है प्रभु राम के पद चिन्ह

  • लेमरु की ओर जाने वाले मार्ग पर लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देवपहरी भी प्रदेश में बेहद मशहूर है.
  • गोविंद झुंझ जलप्रपात बेहद प्रसिद्ध है. देवपहरी से निकलने वाला जलप्रपात सालों से पर्यटकों को अपनी ओर खींचता रहा है.
  • देवपहरी से कुछ ही दूरी पर स्थित नकिया का जलप्रपात भी अब बेहद मशहूर हो रहा है.
  • नकिया के जलप्रपात में आप आराम से मजे ले कर स्नान कर सकते हैं. यहां बहने वाले छोटे से नाले की गहराई भी अधिक नहीं है.

हिडन वाटरफॉल रानी झरिया

  • कोरबा जिले में एक नए वाटरफॉल की खोज (Discovery of New Waterfalls) हुई है.
  • अजगरबहार के समीप जंगल के भीतर यह जलप्रपात निर्मित होता है.
  • पानी की एक पतली धारा लगभग 90 फीट की ऊंचाई से गिरकर झरने का निर्माण करती है.
  • अगर आप ट्रेकिंग के शौकीन हैं तो आपके लिए यह बेहद उपयुक्त स्थल है. रानी झरिया तक पहुंचने के लिए आपको 3 किलोमीटर का पैदल सफर करना होगा.
  • रानी झरिया का सफर (Rani Jharia's Journey) बेहद रोमांचित है.

कांकेर जिला

  • कांकेर जिला मुख्यालय में स्थित गढ़िया पहाड़, दूध नदी पर स्थित मलांजकुडुम जल प्रपात भी पर्यटकों को आकर्षित करता है.
  • यह कांकेर के दक्षिण दिशा में 15 किलोमीटर दूर है.
  • इसके अलावा दुधावा बांध, जिला की सीमा पर केसकाल घाट, टाटामारी प्रमुख पर्यटन स्थल हैं.
  • ये सभी पर्यटन स्थल छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद बन गई है.
Kanker Tourism
कांकेर पर्यटन

कोरिया

  • कोरिया का राष्ट्रीय राजमार्ग 43 और नागपुर ग्राम पंचायत से 8 किलोमीटर दूर स्थित अमृतधारा खास है.
  • यह पिकनिक स्पॉट के लिए जाना जाता है.
  • यहां पार्क और रिसॉर्ट की भी व्यवस्था है.
  • अमृतधारा से कुछ दूर पर हसदेव नदी है.
  • हसदेव भी पिकनिक सैलानियों को अपनी ओर आकार्षित करता है.
  • कोरिया का झुमका बांध भी पर्यटकों के लिए वोटिंग और कैफेटेरिया के नजरिए से खास है.
    Bastar tourism special
    बस्तर का पर्यटन खास


बस्तर में खास

  • जगदलपुर से 39 किमी दूर चित्रकोट की सुंदरता बस्तर की सुंदरता में चार चांद लगा देती है.
  • यह पिकनिक स्पॉट के लिए जाना जाता है. लेकिन सुरक्षा के नजरिए से बच्चों को ले जाना खतरनाक हो सकता है.
  • तीरथगढ़ झरना भी लोगों की पहली पसंद होता है.
  • बस्तर में ऐसे ही कई पर्यटन स्थल हैं जो चर्चा में हैं.
Chitrakot in Bastar
बस्तर में चित्रकोट

रायपुर

राजधानी में पिकनिक स्पॉट के लिए जंगल सफारी, स्वामी विवेकानंद स्पॉट, विवेकानंद आश्रम, ऊर्जा पार्क, पुरखौती मुक्तांगन, दूधाधारी मंदिर, कंकाली तालाब जैसे कई पर्यटन स्थल हैं, जहां नए साल का जश्न मनाया जा सकता है.

Raipur Jungle Safari
रायपुर का जंगल सफारी

कोंडागांव जिला

  • कुएंमारी की मनमोहक खूबसूरती छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र से अछूती जरूर है, लेकिन आसपास के लोग इसकी प्राकृतिक सौंदर्यता को निहारने जरूर आते हैं.
  • कुएंमारी जलप्रपात बटराली से करीब 19 किमी की दूरी पर स्थित है.
  • सुविधाओं और संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण ज्यादा लोग यहां तक नहीं पहुंच पाते हैं.
  • इस क्षेत्र में लौह खनिज की भी अकूत संपदा है, लेकिन कुछ मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी, सड़क, नेटवर्क आदि उपलब्ध न होने के कारण यह क्षेत्र पिछड़ा हुआ है.

बिलासपुर

मल्हर

बिलासपुर में उत्खनन से प्राप्त देउरी मन्दिर, पातालेश्वरी मन्दिर, डिंडेश्वरी मन्दिर यहां खास हैं. देश की प्राचीनतम चतुर्भुज विष्णु प्रतिमा भी यहां देखने को मिलती है.

तालागांव

छत्तीसगढ़ के प्रमुख पुरातात्विक स्थल में से एक तालाग्राम हैं. मुख्लाय से 30 किलोमीटर दूर मनियारी नदी के तट पर स्थित है. देवरानी-जेठानी मन्दिर के अलावा यहां विष्णु की एक विलक्षण प्रतिमा है. इसके प्रत्येक अंग में जलचर, नभचर व थलचर प्राणियों को दर्शाया गया है.

खूंटाघाट

बिलासपुर से तकरीबन 40 किलोमीटर दूर खारंग नदी पर बना विशाल बांध है. इसके बीचो-बीच एक टापू स्थित है. यह एक पिकनिक स्थल है.

पर्यटन के दृष्टि से बिलासपुर, सरगुजा, और बस्तर संभाग बेहद खास है.पुरातत्व से लेकर पर्यटन के कई स्पॉट है. जिसका लुत्फ आप उठा सकते हैं.

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