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Balgram Sanstha Mana Raipur: ETV भारत की खबर का असर, नाबालिग के गर्भवती मामले में NGO को नोटिस

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के माना स्थित ऑस्ट्रिया के इंटरनेशनल एनजीओ (Austrias International NGO SOS raipur) की तरफ से संचालित बालग्राम में 15 साल की नाबालिग के गर्भवती मामले में ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. एनजीओ को नोटिस (Notice in Raipur minor pregnant case) जारी किया गया है. एसओएस बालग्राम की अधीक्षिका की सेवा भी खत्म कर दी गई है.

Balgram Sanstha Mana Raipur
रायपुर नाबालिग गर्भवती मामले में नोटिस
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Published : Dec 9, 2021, 8:57 AM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (Chhatishgarh Capital Raipur) के माना कैम्प स्थित इंटरनेशनल एनजीओ एसओएस बालग्राम (Austrias International NGO SOS raipur) में एक नाबालिग 3 माह की गर्भवती (Minor pregnant Raipur Balagram)हो चुकी है. इसका खुलासा ETV भारत ने किया. जिसके बाद एनजीओ को नोटिस जारी करना पड़ा. ये बात निकलकर सामने आ रही है कि महिला एवं बाल विकास विभाग इस मामले को गुपचुप तरीके से दबाने की फिराक में था, लेकिन ईटीवी भारत में खबर दिखाए जाने के बाद आनन फानन में विभाग को बालग्राम की अधीक्षिका को नोटिस जारी करना पड़ा.

एक घंटे के भीतर जारी हुआ नोटिस

बच्ची के गर्भवती होने के बाद संस्था ने माना थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि 26 नवंबर को एफआईआर दर्ज होने के बाद भी इस मामले का खुलासा नहीं हो पाया. पुलिस द्वारा जारी की जाने वाली डीएसआर में भी इस मामले का जिक्र नहीं है, जिसके चलते मीडिया में यह खबर नही आ पाई, लेकिन ईटीवी भारत की टीम को जैसे ही इस मामले की भनक लगी इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया. खबर दिखाए जाने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग को नोटिस जारी करना पड़ा.

रायपुर के SOS एनजीओ में नाबालिग 3 माह की गर्भवती, ETV भारत की पड़ताल में मामला उजागर

मामले में जब ईटीवी भारत ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी अशोक पांडेय से बात की तो उन्होंने बताया कि हमने एक जांच कमेटी बनाई है. उसे मंगलवार को एसओएस बालग्राम भेजा था. उसकी रिपोर्ट आ गई है, जिसके बाद वहां की अधीक्षिका को नोटिस जारी किया है. उनकी सेवा भी खत्म कर दी है, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने किसी तरह का नोटिस जारी नहीं किया था.

ये है पूरा मामला

माना में एनजीओ द्वारा संचालित एसओएस बालग्राम (Mana Balgram Raipur) में अनाथ बच्चों की परवरिश के साथ-साथ उन्हें शिक्षा-दीक्षा भी दी जाती है. यह संस्था यहां पिछले कई वर्षों से संचालित है. इस संस्था में करीब 15 वर्षीय एक नाबालिग बच्ची तीन माह की गर्भवती हो चुकी है. ऐसे में गरीब और अनाथ बच्चों को शिक्षा-दीक्षा देने और उनका लालन-पालन करने वाले एनजीओ की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने बालग्राम का जायजा लिया तो सुरक्षा के लिहाज से वहां की व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त नजर आई. किसी भी घटना पर नजर रखने के लिए यहां सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हैं. बालग्राम में पुरुष स्टाफ का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है, बावजूद इसके हमारे कैमरे में पुरुष स्टाफ भी कैद हुए हैं.

कांकेर में महिला से दुष्कर्म करता रहा झोला छाप डॉक्टर, वीडियो को सोशल मीडिया पर डाला

दीवार फांदकर बालग्राम घुस जाता था आरोपी

यहां सवाल उठता है कि आखिर बच्ची जब तीन माह की गर्भवती हो गई तब जाकर संस्था (Balgram Sanstha Mana Raipur) को इसका पता क्यों लगा. क्या इससे पहले संस्था के जिम्मेदार बेसुध थे? ऐसे में इतने महीने तक उक्त संस्था क्या कर रही थी. उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस या फिर प्रशासन को क्यों नहीं दी. माना के बालग्राम में जहां नाबालिग बच्चियां रहती हैं, उस कैंपस के करीब ही आरोपी भी रहता है. कैंपस की दीवार फांदकर वह बालग्राम के अंदर प्रवेश किया करता था और बच्ची से दुष्कर्म जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम देकर वहां से दोबारा दीवार फांदकर बाहर निकल जाता था.

सुरक्षा के लिए सीसीटीवी भी नहीं

सुरक्षा के लिहाज से बालग्राम (Balgram Sanstha Mana Raipur) में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगाए गए हैं. ऐसे में कोई भी दीवार फांदकर कभी भी बालग्राम के अंदर प्रवेश कर इस तरह की घटना को अंजाम दे सकता है. प्रशासन को एनजीओ द्वारा संचालित इस बालग्राम पर कड़ी और सख्त कार्रवाही करने की जरूरत है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले समय में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति से इनकार नहीं किया जा सकता. आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा, ये एक अहम सवाल है.

आस्ट्रिया का इंटरनेशनल एनजीओ कर रहा बालग्राम संस्था का संचालन

रायपुर जिले के माना में पिछले कई वर्षों से आस्ट्रिया का इनंटरनेशल एनजीओ एसओएस (Austrias International NGO SOS) बालग्राम का संचालन कर रहा है. यहां अनाथ और गरीब बच्चों की शिक्षा-दीक्षा और पालन-पोषण का काम किया जा रहा है. वर्तमान में इस बालग्राम में 122 नाबालिग बच्चियां रह रही हैं. उनका पूरा खर्चा एनजीओ एसओएस वहन कर रहा है. 26 नवंबर 2021 को माना थाने में बालग्राम संस्था में रहने वाली नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला संस्था के कर्मी ने दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस की डीएसआर में इसका उल्लेख नहीं है. ईटीवी भारत ने जब इसकी पड़ताल की तब जाकर मामला उजागर हुआ. इस मामले में जब हमने माना टीआई शरद चंद्रा से बात की तो उन्होने बताया कि संस्था द्वारा नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसके गर्भवती होने का मामला दर्ज कराया गया. इसके बाद माना पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म के मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (Chhatishgarh Capital Raipur) के माना कैम्प स्थित इंटरनेशनल एनजीओ एसओएस बालग्राम (Austrias International NGO SOS raipur) में एक नाबालिग 3 माह की गर्भवती (Minor pregnant Raipur Balagram)हो चुकी है. इसका खुलासा ETV भारत ने किया. जिसके बाद एनजीओ को नोटिस जारी करना पड़ा. ये बात निकलकर सामने आ रही है कि महिला एवं बाल विकास विभाग इस मामले को गुपचुप तरीके से दबाने की फिराक में था, लेकिन ईटीवी भारत में खबर दिखाए जाने के बाद आनन फानन में विभाग को बालग्राम की अधीक्षिका को नोटिस जारी करना पड़ा.

एक घंटे के भीतर जारी हुआ नोटिस

बच्ची के गर्भवती होने के बाद संस्था ने माना थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि 26 नवंबर को एफआईआर दर्ज होने के बाद भी इस मामले का खुलासा नहीं हो पाया. पुलिस द्वारा जारी की जाने वाली डीएसआर में भी इस मामले का जिक्र नहीं है, जिसके चलते मीडिया में यह खबर नही आ पाई, लेकिन ईटीवी भारत की टीम को जैसे ही इस मामले की भनक लगी इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया. खबर दिखाए जाने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग को नोटिस जारी करना पड़ा.

रायपुर के SOS एनजीओ में नाबालिग 3 माह की गर्भवती, ETV भारत की पड़ताल में मामला उजागर

मामले में जब ईटीवी भारत ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी अशोक पांडेय से बात की तो उन्होंने बताया कि हमने एक जांच कमेटी बनाई है. उसे मंगलवार को एसओएस बालग्राम भेजा था. उसकी रिपोर्ट आ गई है, जिसके बाद वहां की अधीक्षिका को नोटिस जारी किया है. उनकी सेवा भी खत्म कर दी है, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने किसी तरह का नोटिस जारी नहीं किया था.

ये है पूरा मामला

माना में एनजीओ द्वारा संचालित एसओएस बालग्राम (Mana Balgram Raipur) में अनाथ बच्चों की परवरिश के साथ-साथ उन्हें शिक्षा-दीक्षा भी दी जाती है. यह संस्था यहां पिछले कई वर्षों से संचालित है. इस संस्था में करीब 15 वर्षीय एक नाबालिग बच्ची तीन माह की गर्भवती हो चुकी है. ऐसे में गरीब और अनाथ बच्चों को शिक्षा-दीक्षा देने और उनका लालन-पालन करने वाले एनजीओ की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने बालग्राम का जायजा लिया तो सुरक्षा के लिहाज से वहां की व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त नजर आई. किसी भी घटना पर नजर रखने के लिए यहां सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हैं. बालग्राम में पुरुष स्टाफ का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है, बावजूद इसके हमारे कैमरे में पुरुष स्टाफ भी कैद हुए हैं.

कांकेर में महिला से दुष्कर्म करता रहा झोला छाप डॉक्टर, वीडियो को सोशल मीडिया पर डाला

दीवार फांदकर बालग्राम घुस जाता था आरोपी

यहां सवाल उठता है कि आखिर बच्ची जब तीन माह की गर्भवती हो गई तब जाकर संस्था (Balgram Sanstha Mana Raipur) को इसका पता क्यों लगा. क्या इससे पहले संस्था के जिम्मेदार बेसुध थे? ऐसे में इतने महीने तक उक्त संस्था क्या कर रही थी. उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस या फिर प्रशासन को क्यों नहीं दी. माना के बालग्राम में जहां नाबालिग बच्चियां रहती हैं, उस कैंपस के करीब ही आरोपी भी रहता है. कैंपस की दीवार फांदकर वह बालग्राम के अंदर प्रवेश किया करता था और बच्ची से दुष्कर्म जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम देकर वहां से दोबारा दीवार फांदकर बाहर निकल जाता था.

सुरक्षा के लिए सीसीटीवी भी नहीं

सुरक्षा के लिहाज से बालग्राम (Balgram Sanstha Mana Raipur) में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगाए गए हैं. ऐसे में कोई भी दीवार फांदकर कभी भी बालग्राम के अंदर प्रवेश कर इस तरह की घटना को अंजाम दे सकता है. प्रशासन को एनजीओ द्वारा संचालित इस बालग्राम पर कड़ी और सख्त कार्रवाही करने की जरूरत है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले समय में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति से इनकार नहीं किया जा सकता. आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा, ये एक अहम सवाल है.

आस्ट्रिया का इंटरनेशनल एनजीओ कर रहा बालग्राम संस्था का संचालन

रायपुर जिले के माना में पिछले कई वर्षों से आस्ट्रिया का इनंटरनेशल एनजीओ एसओएस (Austrias International NGO SOS) बालग्राम का संचालन कर रहा है. यहां अनाथ और गरीब बच्चों की शिक्षा-दीक्षा और पालन-पोषण का काम किया जा रहा है. वर्तमान में इस बालग्राम में 122 नाबालिग बच्चियां रह रही हैं. उनका पूरा खर्चा एनजीओ एसओएस वहन कर रहा है. 26 नवंबर 2021 को माना थाने में बालग्राम संस्था में रहने वाली नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला संस्था के कर्मी ने दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस की डीएसआर में इसका उल्लेख नहीं है. ईटीवी भारत ने जब इसकी पड़ताल की तब जाकर मामला उजागर हुआ. इस मामले में जब हमने माना टीआई शरद चंद्रा से बात की तो उन्होने बताया कि संस्था द्वारा नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसके गर्भवती होने का मामला दर्ज कराया गया. इसके बाद माना पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म के मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

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