'किन्नर समुदाय के लिए पॉलिसी बनाने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य'

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Published : Sep 18, 2021, 7:22 PM IST

Updated : Sep 18, 2021, 7:38 PM IST

Chhattisgarh is the first state in the country to make a policy for the transgender community

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय (Chief Minister's Office) पर आयोजित कार्यक्रम (program) में तृतीय लिंग समुदाय (third gender community) के 13 नव-नियुक्त पुलिस आरक्षकों (newly appointed police constable) को सम्मानित (honored) किया और उन्हें बधाई तथा शुभकामनाएं (Best wishes) दीं. उन्होंने कहा कि राज्य में किन्नरों के पुनर्वास एवं अधिकारों की संरक्षण के लिए कल्याण बोर्ड (welfare board) का गठन भी किया है. राज्य सरकार ने किन्नर समुदाय (transgender community) के कल्याण और उन्हें मुख्य धारा में जोड़ने के लिए पॉलिसी बनाई है.

रायपुरः मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में तृतीय लिंग समुदाय (third gender community) के 13 नव-नियुक्त पुलिस आरक्षकों (newly appointed police constable) को सम्मानित किया और उन्हें बधाई तथा शुभकामनाएं दीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सबने तृतीय लिंग समुदाय के कल्याण के लिए संचालित कार्यक्रम और छत्तीसगढ़ शासन की नीति का लाभ उठा कर अपने जीवन को एक नई दिशा दी है.

उन्होंने कहा कि आप सब अपने समुदाय के लिए प्रेरक (Motivational) बन कर लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए उन्हें प्रेरित और प्रोत्साहित करें. इस मौके पर सभी आरक्षकों ने मुख्यमंत्री को राज्य में किन्नर समुदाय के कल्याण (Welfare), पुनर्वास एवं संरक्षण (rehabilitation and protection) के लिए बनाई गई पॉलिसी (policy) के लिए आभार जताया.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में सभी जाति, वर्ग, समुदाय और लिंग के व्यक्तियों के हितों एवं उनके संवैधानिक अधिकारों (constitutional rights) के संरक्षण (Protection) के लिए काम कर रही है. सामाजिक सद्भाव (social harmony) और समरसता को आगे बढ़ाना राज्य सरकार की नीति (State Government Policy) है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने राज्य के किन्नर समुदाय के कल्याण और उन्हें मुख्य धारा (Mainstream) में जोड़ने के लिए पॉलिसी बनाई है. छत्तीसगढ़ राज्य मे किन्नरों के पुनर्वास एवं अधिकारों की संरक्षण (Rehabilitation and Protection of Rights) के लिए कल्याण बोर्ड (welfare board) का गठन भी किया है.

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डाटा संधारण के लिए ऑनलाईन सॉफ्टवेयर तैयार

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने इस साल के बजट में किन्नरों के पुनर्वास के लिए आश्रम सह-पुनर्वास केन्द्र (co-rehabilitation center) स्थापित करने की शुरूआत की है. इसके लिए 76 लाख रुपए का प्रावधान रखा है. यह देश में अपनी तरह का पहला केन्द्र होगा. तृतीय लिंग समुदाय के डाटा संधारण के लिए ऑनलाईन सॉफ्टवेयर (online software) तैयार किया गया है. सर्वेक्षण में 2 हजार 919 तृतीय लिंग के व्यक्ति चिन्हांकित किए गए हैं जिसमें से 1,025 व्यक्तियों को पहचान पत्र (identity card) जारी किया गया है. यह राशन कार्ड, पासपोर्ट (Passport), आधार कार्ड (Aadhar card) आदि के लिए मान्य होगा.

पुलिस आरक्षक की भर्ती में हुए थे 13 प्रतिभागी सफल

समाज कल्याण के संचालक पी.दयानंद ने बताया कि पुलिस आरक्षक की भर्ती में तृतीय लिंग समुदाय के 97 लोगों ने परीक्षा दी थी, जिसमें से 23 परीक्षार्थियों का चयन फिजिकल टेस्ट के लिए हुआ था. इनमें 13 प्रतिभागी सफल हो कर आरक्षक के पद पर चयनित हुए और वर्तमान में राज्य के विभिन्न जिलों में पदस्थ हैं. आरक्षक पद के प्रतिभागियों को प्रशासन एकेडमी (Academy of Administration), राज्य संसाधन एवं पुनर्वास केन्द्र में 5 माह तक लिखित एवं फिजिकल टेस्ट (written and physical test) की तैयारी विषय-विशेषज्ञों द्वारा कराई गई. इस दौरान प्रतिभागितयों के लिए निःशुल्क भोजन, आवास की व्यवस्था की गई. कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

Last Updated :Sep 18, 2021, 7:38 PM IST
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