रायपुर: सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के बावजूद भी देशभर में लगातार बच्चे बोरवेल में गिर रहे हैं. लोगों की खुद की लापरवाही की वजह से बच्चे मौत के मुंह में समा रहे हैं. जांजगीर चांपा का राहुल अपने घर की बाड़ी में बने बोरवेल में गिर गया. बोरवेल में बच्चों के गिरने के पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, जिनसे पूरा देश सिहर उठा. (Borewell accidents continues in India)
गुजरात में हादसा: 8 जून 2022 को सुरेंद्रनगर जिले में एक खेत में दो साल का बच्चा गहरे बोरवेल में गिर गया. वह 20-25 फीट की गहराई में जाकर फंस गया था. जिला प्रशासन ने सूचना मिलते ही सेना, अहमदाबाद नगर निगम और पुलिस से भी मदद मांगी. करीब 40 मिनट में ही बच्चे को सकुशल बोरवेल से बाहर निकाल लिया.
पंजाब में हादसा (Punjab Borewell Accident): 22 मई 2022 को पंजाब के होशियारपुर में 100 फीट गहरे बोरवेल में मासूम गिर गया. कुत्ते से बचकर भागते समय यह हादसा हुआ. करीब आठ घंटे तक चले बचाव अभियान के बाद 6 साल के बच्चे को बोरवेल से बाहर निकाला गया. हालांकि तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.
जांजगीर चांपा: 24 घंटे से ज्यादा वक्त बाद भी बोरवेल में फंसी मासूम की सांस, रोबोट की ली जाएगी मदद
दमोह में बोरवेल हादसा: 27 फरवरी 2022 को दमोह के पटेरा ब्लॉक के बरखेड़ा वैस गांव में 3 साल का प्रिंस खेलते-खेलते खेत में बने बोरवेल में गिर गया. करीब 6 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बच्चे को गड्ढे से निकाला गया. उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
उमरिया में बोरवेल हादसा: 24 फरवरी 2022 को 4 साल का बच्चा गौरव बोरवेल में गिर गया. वो 250 फीट गहरे गड्ढे में करीब 60 फीट में फंसा हुआ था. उसे बचाने के लिए तमाम प्रशासनिक संसाधन लगाए गए, लेकिन रेस्क्यू से पहले बच्चे की मौत हो गई. 24 फरवरी को बोरवेल में गिरे बच्चे को 25 फरवरी की सुबह रेस्क्यू किया गया. तुरत उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे ने तो 7 घंटे पहले ही दम तोड़ दिया था.
छतरपुर में बोरवेल हादसा: 17 दिसंबर 2021को छतरपुर में नौगांव थाना क्षेत्र के दोनी गांव में एक साल की बच्ची करीब 15 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई. 9 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बच्ची को बचाया जा सका. प्रिंस की सलामती के लिए पूरे देश ने की दुआ: 21 जुलाई 2006 को हरियाणा के गुरूग्राम में प्रिंस नाम का एक बच्चा 60 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था. 23 जुलाई को भारतीय सेना के जवानों ने प्रिंस को बाहर निकाला. तब यह घटना पहली बार देशभर में सुर्खियां बनी थी. देशवासियों ने प्रिंस की सलामती के लिए दुआ मांगी थी.