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छत्तीसगढ़ की आदिवासी बेटी ने विश्व में नाम किया रौशन, इसरो और नासा प्रोजेक्ट के लिए हुआ चयन

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Published : Oct 5, 2022, 12:22 PM IST

Updated : Oct 5, 2022, 1:59 PM IST

छत्तीसगढ़ की आदिवासी बेटी ने विश्व में नाम किया रौशन,
छत्तीसगढ़ की आदिवासी बेटी ने विश्व में नाम किया रौशन,

mahasamund latest news महासमुंद एक आदिवासी छात्रा ने एक बार फिर महासमुंद जिले के साथ पूरे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है. स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूल नयापारा महासमुंद की 11 वीं की छात्रा रितिका ध्रुव का चयन इसरो और नासा के संयुक्त सिटिजन साइंस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत क्षुद्र ग्रह खोज अभियान के लिए हुआ है.इसरो के अभियान के लिए चयनित रितिका जहां खुद काफी उत्साहित हैं. वहीं छात्रा के माता पिता , ग्रामीण एवं जिला शिक्षा अधिकारी छात्रा के इस उपलब्धि से गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

महासमुंद : मुख्यालय से 18 किमी की दूरी पर बसा है. आदिवासी बाहुल्य गांव गुडरुडीह. गुडरुडीह की आबादी लगभग 800 है. इसी गांव के रहने वाले हैं. देव सिंह ध्रुव. जो मध्यम वर्गीय परिवार से है. देव सिंह के दो पुत्री और दो पुत्र हैं. इन्हीं की छोटी बेटी रितिका ध्रुव ने कुछ ऐसा (mahasamund Trible girl ritika dhruv ) किया. जिसके कारण अब उनका नाम देश हीं नहीं विदेश में भी लिया जाएगा. 16 वर्षीय रितिका कक्षा पहली से लेकर 9 वीं तक की पढ़ाई मिशन स्कूल तुमगांव में हुई.दसवीं में रितिका का एडमिशन स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूल बसना में हुआ. जहां रितिका ने छात्रावास में रहकर पढ़ाई की और दसवीं में 89 प्रतिशत अंक लाकर अपने क्षेत्र का गौरव बढ़ाया.

क्यों है रितिका सबसे खास : इसके बाद रितिका 11वीं में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूल नयापारा में एडमिशन लेकर मैथ्स से पढ़ाई कर रही हैं. सोसाइटी फाॅर स्पेस एजुकेशन रिसर्च एंड डेवलपमेंट संगठन ने 17 जुलाई को बिलासपुर साइंस सेंटर मे एक परीक्षा आयोजित की थी. जिसमें रितिका ने भाग लिया था. छत्तीसगढ़ से मात्र रितिका को इस परीक्षा में सफलता मिली. इसके बाद रितिका का चयन इसरो और नासा के संयुक्त सिटीजन साइंस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत क्षुद्र ग्रह खोज अभियान के लिए हुआ. इसके लिए रितिका आगामी 1 अक्टूबर से 6 अक्टूबर 2023 मे श्रीहरिकोटा मे प्रशिक्षण(ritika dhruv selected for NASA project ) लेगी.

इस बड़ी कामयाबी पर रितिका का कहना है कि '' मेरा नासा ट्रेनिंग प्रोजेक्ट में सेलेक्शन हुआ है. जिससे मैं काफी खुश हूं और इस कामयाबी के पीछे मैं अपने परिवार सहित गांव के लोगों और अपने शिक्षकों को श्रेय देना चाहती हूं. जिन्होंने मुझे आगे बढ़ने में मदद की.आने वाले साल में नासा के लिए और ज्यादा पढ़ाई करेंगे. साथ ही यह भी कहना चाहती हूं कि बाकी बच्चों को भी बिना किसी डर के आगे बढ़ना चाहिए और अपने सपने को पूरा करना चाहिए.''

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मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाली रितिका के पिता और पूरा समाज उनकी इस उपलब्धि से खुश है. रितिका के पिता का कहना है कि उसकी पढ़ाई के लिए वो कड़ी मेहनत करेंगे. रितिका के इस कामयाबी पर जहां मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री बधाई दे रहे हैं. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी ने भी छात्रा की तारीफ की है. गौरतलब है कि आज से तीन वर्ष पहले 7 सितंबर 2919 को पहली बार महासमुंद की छात्रा श्रीजल चन्द्राकर मिशन चंद्रयान -2 मे लैंडर विक्रम‌ की लैडिंग को पीएम के साथ देखने इसरो पहुंची थी.वहीं एक बार फिर जिले की होनहार बच्ची रितिका ध्रुव ने जिले और राज्य का नाम देश दुनिया मे आगे बढ़ा कर गौरवान्वित कराया है.mahasamund latest news

Last Updated :Oct 5, 2022, 1:59 PM IST
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