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एक साथ विदा हुए तिरंगे में लिपटे 22 जवान, रो पड़े लोग

नम आंखें... बिलखते परिजन...कई मां ने आज अपने बेटों को खो दिया. इनके जिगर के टुकड़ों ने मातृभूमि की रक्षा में अपनी जान कुर्बान कर दी...

Twenty two soldiers martyred in Naxalite encounter in bijapur
22 जवान शहीद
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Published : Apr 5, 2021, 3:05 PM IST

Updated : Apr 5, 2021, 4:14 PM IST

जगदलपुर/ बीजापुर: इस दर्द का कर्ज न झुके सिर चुका पाएंगे न नम आंखें....ये चीख पुकार उनकी हैं, जिनके जिगर के टुकड़ों ने मातृभूमि की रक्षा में अपनी जान कुर्बान कर दी. रोते-बिलखते इन लोगों में किसी गोदी सूनी हुई है, तो किसी की मांग...किसी ने पिता खो दिया...तो किसी की राखी बस्तर की मिट्टी में लाल हो गई.

नक्सली एनकाउंटर में 22 जवान शहीद

जगदलपुर और बीजापुर में जब एक साथ एनकाउंटर में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई, तो हर कोई गमगीन था. एक साथ तिरंगे में लिपटे कई जवान मानो ताबूत के अंदर से कह रहे हों...जब हम थे तब भी न आंच आई थी...जब हम न होंगे तब भी कोई बाल भी बांका न कर पाएगा...गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी शहीदों को नमन किया. जवानों ने अपने साथियों को अंतिम विदाई थी. आम लोगों के सिर भी शहीदों को नमन करने के लिए झुक गए...

Twenty two soldiers martyred in Naxalite encounter in bijapur
22 जवान शहीद

'नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक मोड़ पर, हमारी जीत होगी'

याद आ गया ताड़मेटला...

आज से ठीक 11 साल पहले 6 अप्रैल को भी नक्सलियों ने खूनी तांडव किया था. उस वक्त सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए थे. उस वक्त भी एक साथ इतने जवानों की पार्थिव देह को कंधा देते वक्त जिसने देखा उसकी आत्मा रो उठी थी. आज 5 अप्रैल है, आज 22 जवानों का पार्थिव शरीर विदा हो रहा है, आज फिर बस्तर की धरती अपने बच्चों को खोने के दर्द में बिलख रही है. आज फिर हम इस सवाल के साथ जी रहे हैं कि ये सिलसिला कब थमेगा...ये बैठकें कब नतीजों में बदलेंगी...कब खूबसूरत बस्तर मांदर की धुन पर सिर्फ खुशी के गीत गाएगा...मौतों के नहीं.

जगदलपुर/ बीजापुर: इस दर्द का कर्ज न झुके सिर चुका पाएंगे न नम आंखें....ये चीख पुकार उनकी हैं, जिनके जिगर के टुकड़ों ने मातृभूमि की रक्षा में अपनी जान कुर्बान कर दी. रोते-बिलखते इन लोगों में किसी गोदी सूनी हुई है, तो किसी की मांग...किसी ने पिता खो दिया...तो किसी की राखी बस्तर की मिट्टी में लाल हो गई.

नक्सली एनकाउंटर में 22 जवान शहीद

जगदलपुर और बीजापुर में जब एक साथ एनकाउंटर में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई, तो हर कोई गमगीन था. एक साथ तिरंगे में लिपटे कई जवान मानो ताबूत के अंदर से कह रहे हों...जब हम थे तब भी न आंच आई थी...जब हम न होंगे तब भी कोई बाल भी बांका न कर पाएगा...गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी शहीदों को नमन किया. जवानों ने अपने साथियों को अंतिम विदाई थी. आम लोगों के सिर भी शहीदों को नमन करने के लिए झुक गए...

Twenty two soldiers martyred in Naxalite encounter in bijapur
22 जवान शहीद

'नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक मोड़ पर, हमारी जीत होगी'

याद आ गया ताड़मेटला...

आज से ठीक 11 साल पहले 6 अप्रैल को भी नक्सलियों ने खूनी तांडव किया था. उस वक्त सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए थे. उस वक्त भी एक साथ इतने जवानों की पार्थिव देह को कंधा देते वक्त जिसने देखा उसकी आत्मा रो उठी थी. आज 5 अप्रैल है, आज 22 जवानों का पार्थिव शरीर विदा हो रहा है, आज फिर बस्तर की धरती अपने बच्चों को खोने के दर्द में बिलख रही है. आज फिर हम इस सवाल के साथ जी रहे हैं कि ये सिलसिला कब थमेगा...ये बैठकें कब नतीजों में बदलेंगी...कब खूबसूरत बस्तर मांदर की धुन पर सिर्फ खुशी के गीत गाएगा...मौतों के नहीं.

Last Updated : Apr 5, 2021, 4:14 PM IST
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