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बीजापुर के बेचापाल में ग्रामीणों का आंदोलन जारी, 14 अप्रैल को निकालेंगे पदयात्रा

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Published : Mar 24, 2022, 9:41 PM IST

बीजापुर के बेचापाल में ग्रामीणों के आंदोलन (Villagers movement in Bijapur Bechapal) को बीजेपी ने समर्थन दिया है. पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने ग्रामीणों के बीच जाकर उनसे बात की.

BJP support to the bijapur movement
बीजापुर में पांच महीने से ग्रामीणों का आंदोलन जारी,

बीजापुर : जिले के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र बेचापाल में ग्रामीण पुलिस कैंप के विरोध (Protest against rural police camp in Bechapal) में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. ग्रामीण छत्तीसगढ़ की सरकार पर आरोप लगा रहे हैं. ग्रामीणों के मुताबिक राज्य की सरकार पंजाब और दिल्ली के आंदोलन में त्वरित फैसले ले रही है.लेकिन उसके ही राज्य के आदिवासियों की चिंता नहीं है. बस्तरवासियों को सरकार ने भुला दिया है. पिछले 5 महीने से ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं.ग्रामीणों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि बिना उनकी अनुमति और ग्राम सभा के पुलिस कैंप खोल दिया गया. ग्रामीण इलाकों में पक्की सड़क बनाई जा रही है. बेगुनाह ग्रामीणों को नक्सली बताकर परेशान किया जा रहा है. ग्रामीणों के आंदोलन को ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद अब जनप्रतिनिधि ग्रामीणों के पास पहुंच रहे हैं.

पूर्व मंत्री ने दिया आंदोलन को समर्थन : पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा (Former Forest Minister Mahesh Gagda) ने आंदोलन कर रहे ग्रामीणों के बीच जाकर उनका हाल जाना. इसके अलावा एक माह से बांगोली गांव में कई मामलों को लेकर आंदोलनरत आदिवासियों को समर्थन देने गुरूवार को इंद्रावती नदी पारकर महेश गागड़ा मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से बात की. महेश गागड़ा ने आरोप लगाया कि जब से छत्तीसगढ़ की सरकार बनीं है, तब से बस्तर के बेगुनाह आदिवासी मारे जा रहे हैं. पूर्व वनमंत्री ने बाबा साहेब अंबेडकर जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल को भैरमगढ़ से बीजापुर पैदल रैली को आदिवासियों के समर्थन का ऐलान किया. सिलगेर, बेचापाल और बुरजी में भी कई महीनों से आदिवासी आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी नहीं सुन रही है. पूर्व मंत्री का आरोप है कि कांग्रेस के विधायक एवं मंत्री बीजेपी शासन काल के निर्माण कार्य को खुद का बता रहे हैं. ये कांग्रेस सरकार की देन है.

चुनाव जीतने के बाद जननेता नदारद : पूर्व मंत्री गागड़ा (Former Forest Minister Mahesh Gagda) ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले मंत्री कवासी लखमा और विधायक विक्रम मण्डावी आदिवासियों की रैली में समर्थन देने पहुंचते थे. लेकिन अब मंत्री और विधायक बनने के बाद ग्रामीणों की कोई मांग पूरी नहीं हो रही है. चुनाव से पहले सीएम भूपेश बघेल, मंत्री कवासी लखमा (Minister Kawasi Lakhma) एवं विधायक विक्रम मण्डावी ने वादा किया था कि सरकार बनने पर आदिवासियों पर दर्ज मुकदमे वापस होंगे. सरकार में आने के बाद इनके सुर बदल गए हैं. आज जेलों में बंद आदिवासी रिहा हो रहे हैं, वो कांग्रेस की सरकार बनने से नहीं बल्कि परिवाद दायर होने और वकीलों के खड़े होने से आदिवासियों को न्याय मिल रहा है.

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आवाज दबा रही है सरकार : महेश गागड़ा ने कहा कि जब बीजेपी की सरकार थी, तब भी रैली निकलती थी . उनके घर के सामने से भी रैली जाती थी. तब पुलिस उन्हें नहीं रोकती थी. अब परिस्थिति अलग है, रैली निकलने से पहले ही पुलिस उन्हें रोक देती है.पूर्व मंत्री ने आदिवासियों से कहा कि ये महुआ का सीजन है और गांव के लोगों की जीविका के लिए महुआ-टोरा अहम है. सोर्स आफ इनकम का मुख्य साधन यही वनोपज है. इस वजह से कुछ समय के लिए आंदोलन को टाल दें और महुआ-टोरा का संग्रहण करें. भाजपा का समर्थन आंदोलनरत ग्रामीणों के साथ हमेशा है

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