जगदलपुर : बस्तर में बारिश शुरू होने के साथ ही दूरस्थ और पहुंचविहीन इलाकों में डायरिया का खतरा बढ़ने लगता है. प्रतिवर्ष डायरिया की वजह से कई लोगों को इलाज नहीं मिलने से मौत हो जाती है. ग्रामीण इलाकों में लोग अपेक्षाकृत जागरूक नहीं हैं. इसके कारण डायरिया के दौरान उचित इलाज कराने स्वास्थ्य केंद्र नहीं पहुंचते हैं. पीड़ित होने वालों में सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे होते हैं. इसे ही ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने 21 जून से 5 जुलाई तक डायरिया पखवाड़ा मनाना शुरू किया(Diarrhea fortnight started in Bastar)है.
डायरिया पखवाड़े का क्या है मकसद : इसके तहत ब्लॉक स्तर पर गठित टीम घर-घर दौरा कर लोगों को ओआरएस के पैकेट बांट रहे हैं. विशेष तौर पर आंगनबाड़ी से लेकर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को डायरिया के हर मरीज पर नजर रखने के निर्देश दिए जा रहे हैं. कई क्षेत्रों में ऐसे मामले भी सामने आए हैं. लेकिन हालात फिलहाल नियंत्रण में (Diarrhea problem in Bastar)हैं.
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डायरिया को लेकर प्रशासन अलर्ट : अधिकारियों का कहना है कि ''लगातार डायरिया को लेकर गांव स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है. जिससे किसी भी तरह की आपात स्थिति निर्मित ना हो. बस्तर के लोहंडीगुड़ा और बास्तानार एवं दरभा विकासखंड में सबसे ज्यादा डायरिया के मामले सामने आते रहे (Health department teams formed in unreachable villages of Bastar) हैं. यह इलाके अपेक्षाकृत पहुंच विहीन नक्सल प्रभावित और बाढ़ प्रभावित होते हैं. इसलिए इन इलाकों में विशेष तौर पर स्वास्थ्य विभाग की टीमों को अलर्ट पर रखा गया है.''