सुकमा के दूब्बाटोटा गांव में लौटी खुशी, 16 साल बाद फिर से होगा मछली बीज उत्पादन

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Published : May 6, 2022, 5:06 PM IST

Happiness returned to Dubbatota village of Sukma

सुकमा के दूब्बाटोटा में सोलह साल बाद फिर से खुशियां आईं हैं. इस केंद्र में कभी मछली बीज का उत्पादन होता(Dubbatota Fish Seed Production Center ) था. लेकिन नक्सली गतिविधियों के कारण साल 2006 में उसे बंद करना पड़ा था.

सुकमा : जिले का दूब्बाटोटा मछली उत्पादन के लिए कभी सबसे ज्यादा प्रसिद्ध(Dubbatota Fish Seed Production Center ) था. यहां पर पैदा किए जाने वाले मछली बीज दूसरे राज्यों में सप्लाई किए जाते थे. लेकिन नक्सलियों गतिविधियों के कारण साल 2006 में मछली उत्पादन केंद्र बंद हो गया. देखरेख के अभाव में तालाब को नुकसान पहुंचा. जिसके बाद फिर कभी तालाब में मछली उत्पादन नहीं हो सका. लेकिन अब 16 साल बाद इस दूब्बाटोटा की किस्मत एक बार फिर चमकी है.

सुकमा के दूब्बाटोटा गांव में लौटी खुशी

16 साल बाद आई खुशी : नक्सली गतिविधियों के कारण बंद हुए मछली बीज उत्पादन केंद्र एक बार फिर गुलजार होने को है. कुछ समय पहले जिले के कलेक्टर विनीत नंदनवार ने इस गांव का दौरा किया. जिसमे ग्रामीणों ने मछली बीज उत्पादन केंद्र को फिर से शुरु करने की अपील की थी. जिसके बाद कलेक्टर ने मत्स्य और सिंचाई विभाग की मदद से दूब्बाटोटा में काम शुरु (Reconstruction of Dubbatota Fish Hatchery )करवाया. जिसके बाद अब दूब्बाटोटा का पूरा प्रोजेक्ट बनकर पूरा हो गया है.सरकारी अधिकारियों की माने तो इस केंद्र में दिसंबर से एक बार फिर मछली बीज उत्पादन शुरु हो जाएगा.

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कमिश्नर ने किया अवलोकन : मत्स्य हेचरी के कायाकल्प पर कमिश्नर श्याम धावड़े ने प्रसन्नता जताई है.सुकमा प्रवास के दौरान कमिश्नर श्याम धावड़े ने कोंटा मार्ग में स्थित ग्राम दुब्बाटोटा मत्स्य हेचरी का अवलोकन किया. इस दौरान कलेक्टर विनीत नंदनवार भी मौजूद थे.कमिश्नर धावड़े ने कहा कि दुब्बाटोटा में मत्स्य हेचरी के नवनिर्माण से आसपास के ग्रामीणों को रोजगार मिलने के साथ ही जिले के मछली पालकों को आसानी से मछली बीज भी मिलेगी. मछली बीज के लिए इनकी निर्भरता अन्य राज्यों पर नहीं रहेगी. उन्होंने मत्स्य विभाग के अधिकारियों को आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर मत्स्य पालन के लिए जागरूक किसानों को जोड़कर अधिक से अधिक लाभ देने के निर्देश दिए.

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