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सुसाइड रोकने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस का बड़ा कदम

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Published : Sep 5, 2022, 3:07 PM IST

suicide cases in chhattsgarh अवसाद या तनाव के कारण जिन लोगों के मन में आत्महत्या के विचार आते हैं. उन्हें अब पुलिस के माध्यम से मानसिक उपचार मिलने वाला है. आगामी 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस है. इस दिन दुर्ग पुलिस एक नई इकाई की शुरुआत करने जा रही है. जो आत्महत्या के रोकथाम लिए काम करेगी. पुलिस के डायल 112 को ही आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन नंबर के रूप में लांच किया जाएगा. इसकी प्रक्रिया चल रही है.

Police big step to stop suicide in Chhattisgarh
Police big step to stop suicide in Chhattisgarh

भिलाई : दुर्ग पुलिस 10 सितंबर से जिले में आत्महत्या की रोकथाम के लिए 112 सेवा में हेल्पलाइन डेस्क की शुरुआत ( Big step of Chhattisgarh Police to stop suicide) करेगी. यदि किसी व्यक्ति के मन में आत्महत्या के विचार आते हैं. तो वे डायल 112 पर फोन कर सकते हैं. पुलिस उनसे संपर्क करेगी और उनकी काउंसलिंग करवाकर उन्हें अवसाद या तनाव से बाहर निकालेगी. ताकि उसके मन में आत्महत्या का विचार न आए और वो सामान्य जीवन जी सकें. आपको बता दें कि जिले में हर साल करीब 300 लोग अलग-अलग कारणों से आत्महत्या करते (CG Police stops suicide through counseling ) हैं.

सुसाइड रोकने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस का बड़ा कदम

आत्महत्या के केस अनसुलझे : सुसाइड के अधिकांश मामलों में तो पुलिस कारण भी पता नहीं लगा (suicide cases in chhattsgarh) पाती. कुछ दिनों की जांच के वाद फाइल बंद कर दी जाती है. लेकिन ये आंकड़े काफी ज्यादा चौंकाने वाले हैं. जिले में हर साल 300 से अधिक लोग आत्महत्या कर रहे हैं. इसलिए पुलिस ने आत्महत्या की घटनाओं में कमी लाने की दिशा में काम करने की तैयारी की है. जिनके मन में किसी भी कारण से आत्महत्या के विचार आते है वे डायल 112 पर फोन कर बात कर सकते हैं. पुलिस उनकी पहचान को गोपनीय रखते हुए उनसे संपर्क करेगी. उनकी काउंसलिंग कराई जाएगी. ताकि उनके मन में आत्महत्या के विचार न आएं. इसके लिए पुलिस मनोरोग विशेषज्ञों से भी संपर्क कर रही है. जो ऐसे लोगों की काउंसलिंग करेंगे.

कब से शुरु होगी सेवा : 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर पुलिस इस सेवा की शुरुआत करेगी. एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट और कंट्रोल रूम में डेस्क स्थापित किया जाएगा. आपको बता दें कि आत्महत्या करने वालों में पुरुषों की संख्या 70 प्रतिशत है. जिसमें 40 प्रतिशत युवा है. जबकि महिलाओं की प्रतिशत सिर्फ 30 है इसका मतलब ये है कि आत्महत्या करने वालों में सबसे अधिक पुरुष हैं . उनमें भी युवा वर्ग के लोग ज्यादा हैं. जो न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि चिंता का विषय भी है.

पुरुष और महिलाओं के आत्महत्या में अंतर : स्टडी के अनुसार महिलाओं और पुरुषों के आत्महत्या के तरीकों में भी काफी अंतर है. अधिकांश पुरुष या फांसी लगाते हैं या फिर ट्रेन से कटकर आत्महत्या करते हैं. इन दोनों तरीकों से उनकी जान बचना लगभग असंभव है. जबकि महिलाएं जहर या कीटनाशक सेवन, आत्मदाह या पानी में डूबने जैसे कदम ज्यादा उठाती हैं. इन तरीकों से आत्महत्या का प्रयास कर चुकी कई महिलाओं को बचाया जा चुका है. वहीं कुछ महिलाएं फांसी लगाकर भी आत्महत्या करती हैं. आत्महत्या का आकड़े चिंता का विषय है. इसलिए 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर पुलिस इसकी शुरुआत करने जा रही है. डायल 112 को आत्महत्या रोकने वाला हेल्पलाइन घोषित किया जाएगा. इसके लिए अलग इकाई काम करेगी.

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