हाईकोर्ट के आदेश का नहीं है अधिकारियों को डर, बिलासपुर की सड़कें हैं अभी भी खस्ताहाल

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Published : Sep 21, 2021, 7:43 PM IST

Officers are careless on the bad roads of Bilaspur

हाल ही में बिलासपुर की क्षतिग्रस्त सड़कों (damaged roads) को लेकर हाईकोर्ट (High Court) की कड़ी फटकार के बाद भी जिम्मेदारों के कान पर जूं नहीं रेंग रहा है. सड़कों की बदतर हाल कुछ ऐसी है कि यात्रा (Travel) में हर रोज लोगों को अलग-अलग समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. नगर निगम और पीडब्ल्यूडी एक-दूसरे के कंधों पर जिम्मेदारी (Responsibility) का ठिकरा फोड़ने में जुटा है.

बिलासपुरः सड़कों की खराब स्थिति को लेकर पिछले दिनों हाईकोर्ट (High Court) ने पीडब्ल्यूडी (PWD) और नगर निगम (Municipal council) के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी. सड़कों की स्थिति ठीक करने के आदेश दिए थे. बावजूद, इसके अभी बिलासपुर की सड़कों का बुरा हाल है और इस पर चलने वालों को रोजाना परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बिलासपुर की सड़कें हैं अभी भी खस्ताहाल

बिलासपुर की सड़कों को लेकर पिछले दिनों हाईकोर्ट में याचिका (petition in high court) लगी थी. इस याचिका में नगर निगम सीमा क्षेत्र में सड़कों की जर्जर और खस्ताहाल स्थिति (dilapidated condition of roads) से कोर्ट को अवगत कराया गया था. कोर्ट ने 16 तारीख को नगरीय प्रशासन सचिव (Urban Administration Secretary) अलरमेल मंगई डी और नगर निगम कमिश्नर अजय त्रिपाठी को तलब किया गया था. दोनों अधिकारी हाईकोर्ट की एक्टिंग चीफ जस्टिस (Acting Chief Justice) की बेंच के समक्ष प्रस्तुत हुए थे.

तब एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने बिलासपुर शहर की खस्ताहाल सड़कों को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई थी और एफिडेविट के माध्यम से कब तक सड़कें ठीक कर ली जाएंगी और व्यवस्था में सुधार किया जाएगा? इस पर ब्योरा मांगा था. अधिकारियों ने एफिडेविट (Affidavit) दे कर सुधार कार्य और सड़कों की डामरीकरण के लिए तय सीमा से कोर्ट को अवगत कराया था.

बिलासपुर नगर निगम और पीडब्ल्यूडी (PWD) को अपनी-अपनी सड़कों पर पैच वर्क और डामरीकरण के साथ काम करना है. इस मामले में पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन अभियंता रामेश्वर प्रसाद सिंह से बात करने पर उन्होने बताया कि अभी-अभी रायपुर से ट्रांसफर के बाद आए हैं और शहर की भौगोलिक स्थिति से अनभिज्ञ (ignorant of geographical location) हैं. सड़कों की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा. हालांकि सड़कों का सर्वे (survey of roads) कराया जा रहा है. तय समय-सीमा (time limit) पर सड़क का काम शुरू करा दिया जाएगा.

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नगर आयुक्त ने कहा, सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव
सड़क निर्माण और मरम्मत के मामले में नगर निगम कमिश्नर (municipal commissioner) अजय त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट में एफिडेविट दिया है. कहा कि सड़क पर पैच वर्क के साथ डामरीकरण और कंक्रीट का काम करवाया जाएगा. इस समय बारिश चल रही है और डामरीकरण के काम पर रोक होता है. इसलिए 15 अक्टूबर के बाद सड़कों की डामरीकरण का काम होगा. अमृत मिशन में पीडब्ल्यूडी की जिन सड़कों को क्षति पहुंची है, उन सड़कों की डामरीकरण किया जाएगा. निगम कमिश्नर ने कहा कि अमृत मिशन से खराब हुई पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की सड़कों को 31 अक्टूबर तक ठीक करा लिया जाएगा. पीडब्ल्यूडी की पूरी तरह क्षतिग्रस्त सड़कों को 30 नवंबर तक ठीक कराया जाएगा. निगम की 29 किलोमीटर की सड़कों का रिपेयर करना है, जिसके लिए एक माह के भीतर नगर निगम से प्लान बना कर राज्य सरकार को भेजा जाएगा और उसके एक माह बाद प्लान की स्वीकृति होते ही टेंडर प्रक्रिया की जाएगी.

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