बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट गुरुवार को फरियादी ग्रामीणों की याचिका पर रात 11 बजे खोला गया. हाईकोर्ट ने महासमुंद के बागबाहरा के ग्रामीणों की फरियाद सुनने रात में कोर्ट खोला. सुनवाई के दौरान ग्रामीणों को घर से बेदखली की कार्रवाई के आदेश पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी. कोर्ट ने फरियादी ग्रामीणों को अंतरिम राहत देते हुए उनको घर से बेदखल करने पर 11 अगस्त तक रोक लगा दी. ग्रामीणों के खिलाफ अतिक्रमण के मामले में कार्रवाई की जा रही थी. (Chhattisgarh High Court Hearing on petition of villagers )
न्याय देने किसी भी समय खुल सकता है कोर्ट: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि किसी को न्याय पाने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा. न्याय की आस रखने वालों के लिए कोर्ट किसी भी समय खुल सकता है. गुरुवार को भी छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने ग्रामीणों के आशियाने को बचाने अपने द्वार खोल दिये.
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ग्रामीणों को तहसीलदार ने जारी किया था बेदखली वारंट: मामला महासमुंद जिले के बागबहरा का है. वहां पर छोटे- बड़े झाड़ के जंगल में सालों से रह रहे ग्रामीणों को तहसीलदार ने बेदखली का वारंट जारी किया था. घबराए ग्रामीणों ने रात 8 बजे हाईकोर्ट में अर्जी लगाई. याचिकाकर्ता के वकील ने रजिस्ट्री के माध्यम से अर्जेंट सुनवाई का हवाला देते हुए अनुरोध किया था. मामले की गंभीरता के मद्देनजर जस्टिस पी सेम कोशी ने रात करीब 11 बजे सुनवाई करते हुए कार्रवाई पर रोक लगाते हुए फरियादी ग्रामीणों को बड़ी राहत दी है. इस मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी.
( case of Baghbahra of Mahasamund in Chhattisgarh High Court)