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आईपीएस मुकेश गुप्ता प्रमोशन मामले में हाईकोर्ट का फैसला, शासन की याचिका स्वीकार

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Published : Sep 28, 2022, 1:55 PM IST

IPS Mukesh Gupta promotion case: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मुकेश गुप्ता प्रमोशन मामले में राज्य शासन की याचिका स्वीकर कर ली है. 4 जुलाई को हाईकोर्ट ने कैट के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी. हाइकोर्ट में 22 अगस्त से इस पर अंतिम बहस शुरू की गई थी. इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.Chhattisgarh High Court big decision

IPS Mukesh Gupta promotion case
आईपीएस मुकेश गुप्ता प्रमोशन मामले की छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई

बिलासपर: आईपीएस मुकेश गुप्ता के प्रमोशन के मामला में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है. हाईकोर्ट ने राज्य शासन की याचिका स्वीकार कर लिया है. कैट जबलपुर के आदेश को निरस्त किया गया है. साल 2018 में मुकेश गुप्ता का एडीजी से डीजी पद पर प्रमोशन हुआ था. साल 2019 में राज्य शासन ने मुकेश गुप्ता के प्रमोशन को निरस्त कर दिया था. इसके बाद शासन के आर्डर को कैट ने निरस्त कर दिया था. हाईकोर्ट चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में यह मामला लगा था.IPS Mukesh Gupta promotion case

आईपीएस मुकेश गुप्ता प्रमोशन मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया है. कोर्ट ने मुकेश गुप्ता के प्रमोशन को लेकर राज्य शासन की अपील पर सुनवाई की. इससे पहले भी निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता के प्रमोशन मामले में कैट के आदेश के खिलाफ राज्य शासन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. पेश याचिका में कैट के क्रियान्वयन आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी, जिसमें हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. इसमें आईपीएस मुकेश गुप्ता के पदस्थापना का आदेश दिया था.Chhattisgarh High Court big decision

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क्या है पूरा मामला: साल 2018 में मुकेश गुप्ता का प्रमोशन एडीजी से डीजी के तौर पर हुआ था. 2019 में राज्य शासन ने मुकेश गुप्ता के प्रमोशन को निरस्त कर दिया. शासन के इस निर्णय और ऑब्जर्वेशन को चुनौती देते हुए गुप्ता ने कैट में याचिका लगाई. कैट ने सुनवाई के बाद मुकेश गुप्ता के पक्ष में निर्णय देते हुए पदस्थापना का आदेश सुनाया. इसके खिलाफ राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका पेश की.

इस मामले की सुनवाई के बाद 4 जुलाई को हाईकोर्ट ने कैट के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी. हाइकोर्ट में 22 अगस्त से इस पर अंतिम बहस शुरू की गई. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में शासन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने बहस की. सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

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