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Sai joins Congress: नंद कुमार साय के कांग्रेस में शामिल होने पर छत्तीसगढ़ में सियासी भूचाल, हैरत में बीजेपी खेमा !

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Published : May 1, 2023, 4:31 PM IST

Updated : May 1, 2023, 5:31 PM IST

छत्तीसगढ़ के कद्दावर आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने बीजेपी का दामन छोड़कर हाथ का साथ ले लिया है. सीएम भूपेश की मौजूदगी में नंदकुमार साय ने कांग्रेस में प्रवेश किया. आपको बता दें कि नंदकुमार साय ने खुद को उपेक्षित करने का आरोप बीजेपी पार्टी के नेताओं पर लगाए थे. इसके बाद सोशल मीडिया पर इस्तीफा भेजकर साय ने कांग्रेस का दामन थामा. साय के इस फैसले से बीजेपी खेमे में मायूसी है. बीजेपी के नेता हैरत में हैं. जबकि कांग्रेस साय के बहाने बीजेपी पर हमला बोल रही है

Nandkumar Sai targeted BJP
नंद कुमार साय कांग्रेस में शामिल

नंदकुमार साय कांग्रेस में शामिल

रायपुर : बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है.सीएम भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने मिठाई खिलाकर नंदकुमार साय का कांग्रेस में स्वागत किया है. राजीव भवन में हुए कार्यक्रम में पार्टी के कई दिग्गज नेता और मंत्री उपस्थित थे.



अटल और आडवाणी की तारीफ : कांग्रेस प्रवेश के बाद नंद कुमार साय ने कहा कि '' यह काफी कठिन और मेरे जीवन का अद्वितीय निर्णय है. अटल बिहारी को फॉलो करता था. वह भारत माता के लिए कहते थे कि भारत एक जीता जागता राष्ट्र है.अटल जी की पार्टी आज उस रूप में नहीं है. परिस्थितियां बदली हुई दिखती है.भूपेश सरकार को वॉच किया.जो कस्बे थे, वो शहर बन गए. एक नारा अच्छा लगा, नरवा गरवा धुरवा बड़ी, एला न छोड़बे संगवारी.


'किसी का नमक नहीं खाते नंदकुमार साय ' : इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ''आज बहुत बड़ा दिन है. आदिवासी और मजदूरों के लिए पूरे जीवन संघर्ष करने वाले नंदकुमार साय ने कांग्रेस की सदस्यता ली है. साथ जाना पहचाना चेहरा है. 3 बार विधायक, 3 बार लोकसभा और 2 बार राज्यसभा में रहे. उनका जीवन सादगीपूर्ण रहा. वह नमक नहीं खाते. जब नमक नहीं खाते तो किसी का नमक लगने का सवाल ही नहीं उठता.''

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने किया स्वागत: नंद कुमार साय के कांग्रेस में शामिल होने पर कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने ट्वीट किया है. उन्होंने कहा है कि" कांग्रेस पार्टी सदैव आदिवासी वर्ग के हितों के लिए कार्यरत रही है. छत्तीसगढ़ में भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ नंद कुमार साय जी का कांग्रेस पार्टी में शामिल होने पर स्वागत करती हूं. हाथ से हाथ जोड़ो अभियान जारी है"

मोहन मरकाम ने इसे सही फैसला बताया: पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने भी नंद कुमार साय के कांग्रेस में शामिल होने के फैसले को सही बताया है. उन्होंने कहा है कि" आदिवासियों के हितों में अपनी आवाज को सदैव प्रखरता से उठाने वाले, भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता डॉ नंदकुमार साय जी ने आज माननीय सीएम भूपेश बघेल की उपस्थिति में कांग्रेस में प्रवेश किया. हम सभी उनका स्वागत एवं अभिनन्दन करते हैं"

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बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया

रमन सिंह ने साय के फैसले पर जताई हैरानी : वहीं नंदकुमार साय के कांग्रेस में प्रवेश करने पर बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. जहां पूर्व सीएम रमन सिंह ने इसे समझ से परे बताया है.डॉ रमन सिंह ने कहा कि" छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में नंदकुमार साय सक्रिय रहे. जब अविभाजित मध्यप्रदेश था तब उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाई. पार्टी ने हमेशा उनको सम्मान का दर्जा दिया. चाहे राष्ट्रीय स्तर का हो या प्रदेश स्तर का हो तीन बार लोकसभा के चुनाव उन्होंने लड़े. लोकसभा के सांसद रहे. पार्टी ने दो बार उन्हें राज्यसभा भेजा. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर थी. उन्होंने छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष के हैसियत से भी काम किया. पार्टी ने उन्हें सम्मान और कई महत्वपूर्ण दायित्व दिए. उसके बाद भी उन्होंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जाने का अपना निर्णय लिया है, वे वरिष्ठ नेता है राजनीति में सब कुछ जानते और समझते हैं. मैं यही कहूंगा कि वह एक नए दल में जा रहे हैं, मैं अपनी शुभकामनाएं देता हूं.

"बीजेपी ने दिया साय को सम्मान" : वहीं दूसरी तरफ बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव ने नंदकुमार साय के बारे में कहा कि ''जिंदगी भर वो कांग्रेस के खिलाफ लड़े और अब उन्हीं के साथ चले गए. बीजेपी ने बड़े-बड़े पदों से नवाजा है. जो नेता जीवन भर कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई लड़े और कांग्रेस ने भी उन्हें समय-समय पर अपमानित करने का और शारीरिक क्षति पहुंचाने का काम किया है. आज कांग्रेस पार्टी में वे शामिल हुए हैं. निश्चित रूप से यह सोचने का विषय है कि आखिर कांग्रेस पार्टी ने कैसे उन्हें तैयार किया है.ऐसे समय में जब कांग्रेस पार्टी ने आदिवासी समाज को अपमानित करने का काम किया है. आज भी पार्टी में उनका पूरा सम्मान करती है.''

साय को मनाने की हुई थी कोशिश : बीजेपी से इस्तीफा दे चुके नंदकुमार साय को मनाने के लिए बीजेपी नेता उनके घर गए थे. लेकिन वो नहीं माने. बीजेपी नेताओं के वापस लौटने के बाद साय ने सोशल मीडिया पर एक कविता पोस्ट की है, जिसमें आदिवासी समाज के हित को सर्वोपरि रखने की बात कही थी.

जेसीसीजे की तरफ से भी आई प्रतिक्रिया: जेसीसीजे की तरफ से नंद कुमार साय को लेकर प्रतिक्रिया जारी की गई है. अमित जोगी ने ट्वीट कर कहा कि "राजनीति संभावनाओं का गढ़ ज़रूर माना जाता है. किंतु इतिहास में कुछ घटनाक्रम ऐसे होते हैं जो मंझे हुए विश्लेषकों को भी चौंका देते हैं.आज भाजपा के वरिष्ठ नेता नंद कुमार साय का कांग्रेस प्रवेश करना ऐसी ही एक घटना है. मैं 1997 से उनको जानता हूं. जब मेरे स्वर्गीय पिता जी ने उनके विरुद्ध रायगढ़ से लोक सभा चुनाव लड़ा था. तब से उनका पिता-तुल्य सम्मान करता हूं. मुझे ऐसा लगता था कि संघ परिवार को छोड़ने वाले वे आख़िरी नेता होंगे. लेकिन “कुछ तो मजबूरियां रही होंगी,यूं ही कोई बेवफ़ा नहीं होता. मेरी नंद कुमार को शुभकामनाएं.

बीजेपी छोड़कर नंद कुमार साय के कांग्रेस में जाने की घटना के बाद छत्तीसगढ़ की सियासत में चुनावी लड़ाई रोचक हो जाएगी. आदिवासी वोटों को यह घटना प्रभावित कर सकती है. ऐसे में अब देखना होगा कि बीजेपी इसका तोड़ कैसे निकालती है.

Last Updated : May 1, 2023, 5:31 PM IST
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