बेमेतरा: साजा विधानसभा चुनाव में एक आम 5वीं पास मजदूर ने छत्तीसगढ़ के कद्दावर मंत्री और साजा से 7 बार के विधायक को 5000 से ज्यादा वोटों से हरा दिया. जीत के बाद ईश्वर साहू ने कहा कि ये उनकी जीत नहीं बल्कि साजा की जनता की जीत है.
ईश्वर साहू ने मंत्री रविंद्र चौबे को हराया: 17 नवंबर को छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण में साजा विधानसभा सीट पर चुनाव हुआ. चुनाव से पहले ईश्वर साहू ने जमकर प्रचार किया. प्रचार के दौरान ईश्वर साहू ने कहा कि साजा से कांग्रेस प्रत्याशी और मंत्री रविंद्र चौबे के साथ वह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं बल्कि साजा की जनता उनके साथ चुनाव लड़ रही हैं. ईश्वर साहू की ये बात सच हुई और मंत्री पर साजा की जनता भारी पड़ गई. अपनी जीत को लेकर आश्वस्त मंत्री रविंद्र चौबे 5196 वोटों से ईश्वर साहू से चुनाव हार गए.
ये साजा की जनता की जीत है. अन्याय पर न्याय की जीत हुई है.- ईश्वर साहू, विजयी बीजेपी प्रत्याशी, साजा विधानसभा सीट
मजदूर. मंत्री पर कैसे पड़ा भारी: बेमेतरा के बिरनपुर में 8 अप्रैल को दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई. इस बवाल में एक युवक की जान चली गई. युवक का नाम भुनेश्वर साहू था. जो ईश्वर साहू का बेटा है. हिंसक झड़प को राजनीतिक रंग देने के लिए विश्व हिंदू परिषद भी कूद पड़ा. विहिप ने 10 अप्रैल को छत्तीसगढ़ बंद बुलाया. इस दौरान हंगामा और बढ़ गया. आगजनी की घटना हुई. 11 अप्रैल को 2 और शव बिरनपुर में मिले. इसके बाद बवाल और हंगामा और बढ़ गया. भाजपा ने इसे राजनीतिक रंग देते हुए सीएम भूपेश बघेल का इस्तीफा मांगा.
भूपेश सरकार ने मामले में एक्शन लेते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही मामले की जांच के आदेश दिए. मुआवाजे के तौर पर पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और 10 लाख रुपये देने की घोषणा की. लेकिन ये मामला यही नहीं थमा. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव पास आते ही भाजपा ने ईश्वर साहू को साजा से प्रत्याशी बनाने की घोषणा कर दी. ईश्वर साहू के पक्ष में प्रचार करने केंद्रीय मंत्री अमित शाह साजा पहुंचे और बिरनपुर हिंसा का जिक्र करते हुए ईश्वर साहू को जिताने की अपील की. ईश्वर साहू को साजा की जनता का साथ मिला और एक आम मजदूर अब विधायक बन गया.