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विश्व उच्च रक्तचाप दिवस आज : जानें इसके कारण, बचाव और तथ्य

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Published : May 17, 2020, 3:01 AM IST

प्रत्येक वर्ष 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस विश्व स्तर पर मनाया जाता है. इससे लोगों को उच्च रक्तचाप से होने वाले खतरों, उसके नियंत्रण और इससे जुड़ी जानकारियों के बारे में समझाकर जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. पढ़ें विस्तार से...

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सांकेतिक चित्र

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस विश्व स्तर पर प्रत्येक वर्ष 17 मई को मनाया जाता है, ताकि समय-समय पर रक्तचाप को मापने के महत्व और इसके सामान्य स्तर के बारे मे जागरूकता बढ़ाई जा सके.

रक्तचाप आपके हृदय द्वारा पंप की जा रही रक्त की मात्रा और आपकी धमनियों में रक्त प्रवाह के प्रतिरोध की मात्रा दोनों द्वारा निर्धारित किया जाता है. आपका हृदय जितना अधिक रक्त पंप करता है और आपकी धमनियों को संकरा करता है, आपका रक्तचाप उतना ही अधिक होता है.

उच्च रक्तचाप एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है, जिसके कारण दिल के दौरे, स्ट्रोक, गुर्दे काम न करना और अंधेपन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. यह दुनियाभर में अकाल मृत्यु के प्रमुख कारणों में एक है. अनुमानित 1.13 अरब लोगों को उच्च रक्तचाप है, और हर 5 में से एक से भी कम व्यक्ति का उच्च-रक्तचाप नियंत्रण में है.

तथ्य

उच्च रक्तचाप को सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप में विभाजित किया गया है. सिस्टोलिक रक्तचाप 140 मिमी एचजी या उससे अधिक हो सकता है. डायस्टोलिक रक्तचाप 90 मिमी एचजी के बराबर या से ऊपर होता है.

उच्च रक्तचाप दुनियाभर में अकाल मृत्यु का एक प्रमुख कारण है.

उच्च रक्तचाप को 'साइलेंंट किलर' भी कहा जाता है, जिसमें कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते हैं.

खराब आहार, शारीरिक निष्क्रियता और शराब और तंबाकू का सेवन उच्च रक्तचाप में वृद्धि के मुख्य कारण हैं.

2025 तक उच्च रक्तचाप का प्रसार 25% तक कम करने के वैश्विक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, डब्ल्यूएचओ और संयुक्त राज्य अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने 2016 में ग्लोबल हार्ट्स इनिशिएटिव लॉन्च किया.

90% रोगियों में उच्च रक्तचाप का कोई ज्ञात कारण नहीं है और जिसकी वजह से सतर्क होना और भी जरूरी बनाता है. उच्च रक्तचाप से ग्रसित अधिकतर लोगों को तो यह भी नहीं पता होता कि उन्हें उच्च रक्तचाप की समस्या है, जो इस समस्या को और विकट बनाता है.

उच्च रक्तचाप- इसे कैसे करें कम और नियंत्रित

  • चिकित्सा सलाह और जीवन शैली में बदलाव का पालन करें.
  • दवाएं डॉक्टर द्वारा निर्देशित तरीके से ही लें.
  • रक्तचाप की नियमित जांच कराएं.
  • तनाव को कम करें और प्रबंधित करें.
  • प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक का सेवन करें.
  • नियमित रूप से फल और सब्जियां खाएं.
  • सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट से बचें.
  • तंबाकू के सेवन से बचें.
  • शराब का सेवन कम करें.
  • हर दिन शारीरिक रूप से सक्रिय रहें.

पढ़ें-कोरोना : अन्य लोगों की तुलना में हृदय रोगियों को ज्यादा खतरा

अनियंत्रित उच्च रक्तचाप वैसे तो असमायिक मौत का कारण है और कोरोना के मरीजों में इससे मृत्यु का जोखिम दोगुना हो जाता है.

कोरोना महामारी से खासकर मधुमेह रोगियों, क्रोनिक किडनी रोग, गंभीर हृदय स्थिति से गंभीर बमारी से पीड़ित या मोटापे से ग्रसित और 65 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों को खतरा बढ़ जाता है.

अनियंत्रित उच्च रक्तचाप से दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी का काम न करना और अंधेपन जैसी जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए अनियंत्रित उच्च रक्तचाप कोविड 19 रोगियों में के लिए दोगुना खतरनाक है.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल 2019 के अनुसार

कैंसर, मधुमेह, हृदय रोगों और स्ट्रोक की रोकथाम और नियंत्रण राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीडीसीएस) से उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर, एनसीडी क्लीनिकों में उपस्थित 65194599 रोगियों में से, 4.75% लोगों को डायबिटीज का पता चला है, 6.19% (4038166 रोगियों) को हाइपरटेंशन का पता चलता है. वहींं 0.30% हृदय रोगियों में हृदय रोग का पता चलता है, 0.10% में स्ट्रोक और 0.26% में कैंसर का पता चलता है.

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