बस्तर: Vistadome Coach included ETV भारत की टीम ने आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के पर्यटकों और यात्रियों के साथ जगदलपुर से विशाखापट्टनम तक इसी विस्टाडोम कोच में सफर किया. चलिए अब आपको भी दिखाते हैं बस्तर से विशाखापट्टनम तक क्या है खासियत. दरअसल लंबे समय से स्थानीय स्तर पर इसकी मांग उठ रही थी. Jagdalpur Vistadom Coach जिसके चलते रेलवे ने इसकी शुरुआत 26 अक्टूबर से कर दी. आपको बता दें कि बड़ी संख्या में पर्यटक विशाखापट्टनम के रास्ते से होते हुए ओडिशा तक पहुंचते हैं. इस दौरान विहंगम घाटियों का दृश्य इस ट्रेन से देखा जा सकता है. bastar tourism news. ईटीवी भारत ने मंगलवार को इस ट्रेन के विस्टाडोम कोच में सफर किया.
"डब्बे का अधिकांश हिस्सा पारदर्शी कांच से बना": Etv भारत से बातचीत में DRM अनूप सतपति ने बताया कि "विस्टाडोम कोच की खासियत यह है कि डब्बे का अधिकांश हिस्सा पारदर्शी कांच का बना होता है. जिसमें 180 से 360 डिग्री घूमने वाली कुर्सियां लगी हुई हैं. बड़ी खिड़कियां और स्लाइडिंग दरवाजे इसे लग्जरी ट्रैन बना देते हैं. इस कोच में 44 कुर्सियां मौजूद हैं. सुरक्षा के लिहाज से भी विस्टाडोम कोच अन्य बोगियों से सुरक्षित है. विशाखापट्टनम से किरंदुल तक 1 सीट का बुकिंग चार्ज 1200 के करीब है. इस सफर को 2 पार्ट में भी पूरा किया जा सकता है. जिसमे यात्रियों को 500 से 600 रुपये का टिकट कटवाना पड़ेगा."
"सफर प्राकर्तिक सौंदर्य से भरपूर": DRM ने यह भी बताया कि "किरंदुल से विशाखापट्टनम तक के सफर में विहंगम घाटियां, लगभग 55 से अधिक सुरंगे, प्राकर्तिक सौंदर्य और मन को मोह लेने वाली खूबसूरती नजर आएंगी. इसके अलावा यदि किराया दर नियमानुसार कम करने की जानकारी होगी. तो निश्चित ही राशि कम की जाएगी. साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी रेलवे स्टेशनों को विकसित किया जा रहा है. वहीं जगदलपुर रेलवे स्टेशन को भी मॉडल स्टेशन बनाने की तैयारी है.
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"ट्रेन हवाई जहाज से कम नहीं":किरंदुल से विशाखापट्टनम तक स्पेशल कोच में सफर कर रहे यात्रियों ने बताया कि "इससे पहले कई दफा उन्होंने यात्रा किया है. लेकिन वे पहली बार विस्टाडोम कोच में सफर कर रहे हैं." उन्होंने सफर के दौरान कहा कि "यह कोच उन्हें किफायती दामों में ऊंचे लेवल की ट्रेन में सफर कराने की अनुभूति करा रहा है. निरंतर इससे चलने से पर्यटक जो बस्तर की सुंदरता के विषय मे सुने हैं. लेकिन पहुंच नहीं पाते हैं. वे भी आएंगे और बस्तर पर्यटन के क्षेत्र में एक कदम और आगे बढ़ेगा." इसके अलावा "एक पर्यटक यात्री ने यह भी कह दिया कि यह हवाई जहाज से कम नहीं है. जिस प्रकार हवाई जहाज में सुविधा होती है ठीक उसी प्रकार इस कोच में भी सुविधा उपलब्ध है."