surajpur crime news: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में पैंगोलिन की खाल के साथ तीन आरोपी गिरफ्तार

author img

By

Published : Mar 19, 2023, 4:03 PM IST

accused arrested with pangolin skin in Surajpur
पैंगोलिन तस्करी पर कार्रवाई ()

pangolin smuggling in surajpur सूरजपुर के घुई वन परिक्षेत्र में सूरजपुर वन विभाग ने रविवार को पैंगोलिन तस्करी करने वाले 03 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से लगभग 10 किलो पैंगोलिन का खाल जप्त किया गया है. अंतरराष्ट्रीय मार्केट में इसकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है. तीनों आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उन्हें अदालत में पेश किया गया है. जहां कोर्ट ने तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. Surajpur forest area

पैंगोलिन तस्करी पर कार्रवाई

सूरजपुर: डीएफओ संजय यादव ने बताया कि "रविवार को वन विभाग को सूचना मिली थी कि घुई वन परिक्षेत्र के रामकोला इलाके में कुछ लोग पैंगोलिन के सिल्क (खाल) को बेचने की फिराक में है. जानकारी मिलने के बाद DFO सूरजपुर ने टीम गठित कर एक सदस्य को ग्राहक बनाकर तस्करों के पास भेजा. जिसके बाद वन विभाग की टीम को उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार करने में सफतला मिली.

आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया: डीएफओ संजय यादव ने बताया कि "गिरफ्तार तीनों आरोपी रामकोला इलाके के ही निवासी हैं. आरोपियों के पास से लगभग 10 किलो पैंगोलिन का सिल्क जप्त किया गया है. अंतरराष्ट्रीय मार्केट में इसकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है. फिलहाल वन विभाग ने सभी आरोपियों पर वन्य प्राणी सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है. उन्हें अदालत में पेश किया गया है, जहां कोर्ट ने तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

सूरजपुर वन मंडल में पैंगोलिन का शिकार बढ़ा: डीएफओ संजय यादव ने बताया कि "सूरजपुर वन परिक्षेत्र सबसे बड़ा वन परिक्षेत्र है. यहां पर जानवरों के लिए पर्याप्त भोजन है, जिसके कारण अलग-अलग प्रजाति के जीव जंतु एवं जानवर यहां निवास करते हैं. उसी में एक प्रजाति है पैंगोलिन. जोकि सूरजपुर वन मंडल में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. जिसके संरक्षण के लिए वन विभाग हर तरह से कोशिश कर रहा है और इसे संगठित भी किया जा रहा है. लेकिन ग्रामीण हमेशा जंगल में आना जाना करते हैं और इसे पकड़ कर कुछ पैसों के लिए व्यापारियों को बेच देते हैं."

यह भी पढ़ें: Tiger terror in Pratappur forest : प्रतापपुर में बाघ की दहाड़, ग्रामीणों में फैली दहशत

अंतरराष्ट्रीय बाजार में पैंगोलिन की करोड़ों में कीमत: डीएफओ संजय यादव ने बताया कि "क्योंकि पैंगोलिन एक विलुप्त होने वाली प्रजाति है. इसके अलावा इसके खाल से दवाई और कई तरह की चीजें बनाई जाती है. यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करोड़ों में लगाई जाती है. इसलिए ग्रामीणों इसका शिकार कर बिचौलियों को कम कीमत में बेच देते हैं. बिचौलिए पैंगोलिन को ज्यादा मुनाफा के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेचते हैं. जिससे इन्हें मोटी कमाई होती है."

पैंगोलिन के खाल को ताकत वर्धक एवं कैंसर जैसे बीमारी के खिलाफ इलाज में इस्तेमाल किया जाता है. जिसके कारण इस जानवर का लोग शिकार कर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेचते हैं. अब सूरजपुर वन विभाग सतर्क हो गया है और अब कड़ाई के साथ इसकी हिफाजत के लिए प्रयास भी किया जा रहा है. ताकि इनका शिकार ना हो सके."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.