विश्व विकलांग दिवस: दिव्यांग दंपति ग्रामीण बच्चों के बीच जगा रहे शिक्षा का अलख
कुछ लोग अपनी दिव्यांगता को कमजोरी समझ बैठते हैं, वहीं कुछ लोग इसे शस्त्र बनाकर मंजिल तलाश लेते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी जिले के सदर प्रखंड स्थित कादिर गंज के दिव्यांग दीपक और उनकी पत्नी नीतू की है. दोनों पति-पत्नी पैर से दिव्यांग हैं. दीपक ठीक से चल भी नहीं पाते, लेकिन उन्होंने कभी इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दी. दीपक और उनकी पत्नी नीतू शिक्षक के तौर पर ग्रामीण बच्चों के बीच शिक्षा का अलख जगाने में जुटे हुए हैं. इसकी वजह से शिक्षक दंपति का नाम जिले भर में चर्चा का विषय बना हुआ है. दोनों बच्चों को पढ़ाकर अपने घर की चरमराई आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे हैं.