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बेतिया: नहरों में पानी नहीं होने से किसान बेहाल, सिंचाई के बगैर झुलस रही गन्ने की फसल

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Published : May 4, 2021, 4:55 PM IST

बेतिया
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जिले की नरकटियागंज में गन्ने की फसल झुलसने से किसानों की चेहरे मुरझाने लगे हैं. नहर से पानी नहीं मिलने के कारण खेती की लागत बढ़ रही है. वहीं, कोरोना के कहर से बचने के लिए किसान अब पेट्रोल पंप पर बोरिंग इंजन के लिए डीजल की खरीदारी करने से बच रहे हैं.

बेतिया: जिले कि नरकटियागंज में सरकार द्वारा चलाई जा रही मुहिम हर खेत को जल फेल साबित हो रही है. जिसका खामियाजा नरकटियागंज अंचल के 163 गांव के किसानों को उठाना पड़ रहा है. मेहनत कर लगाई गई गन्ने की फसल धूप की तपिश और नहर से पानी नहीं मिलने पर झुलस रही है. कोरोना का खौफ किसानों को घर से बाहर नहीं निकलने दे रहा है. जिससे सिंचाई व्यवस्था के सभी स्त्रोत बंद पड़ गए हैं.

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तीन साल से सूखी है नहर
नहरों में पिछले तीन सालों से पानी नहीं आ रहा है. सभी प्रमुख वितरणी व उप वितर्नियो में पानी नहीं आ रहा है. जिससे किसान हैरान और बेहाल है. हजारों एकड़ के खेत में लगी गन्ने की फसल झुलस रही है. वहीं, किसानों ने कहा कि उनकी गन्ने की फसल झुलस रही है. नहर में पानी नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना के खौफ के कारण वे बाजार नहीं जा पा रहे हैं. ताकि वे डीजल लाकर खेतों में पटवन करा सकें.

बता दें कि नरकटियागंज अंचल क्षेत्र के त्रिवेणी कैनाल से निकलने वाली साठी बेलवा नहर और मनियारी के पास से निकलने वाली मनियारी वितरणी समेत दर्जन भर उप वितर्निया अंचल क्षेत्र के 163 राजस्व गांवों के किसानों के खेतों तक पानी पहुचाने में सक्षम हैं. लेकिन इनमें पिछले तीन साल से पानी नहीं आया है. किसानों का कहना है कि इन नहरों में पानी उस वक्त दिखाई देती है. जब बाढ़ आता है. बाकी दिनों में नहर सूखी रहती है.

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