ETV Bharat / state

बेतिया में तीन महीने से बिना प्रभारी के चल रहा स्कूल, पढ़ाई से लेकर एमडीएम तक का बुरा हाल

author img

By

Published : Nov 23, 2022, 4:46 PM IST

बेतिया में तीन महीने से बिना प्रभार के चनपटिया का राजकीय बुनियादी कन्या विद्यालय (Government Basic Girls School Chanpatia ) चल रहा है. छात्राओं को पता ही नहीं है कि उसके स्कूल के प्रभारी कौन हैं. इसका असर बच्चियों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है. स्कूल में मध्याह्न भोजन का हाल भी बुरा है.

बेतिया में तीन महीने से बिना प्रभारी के चल रहा स्कूल
बेतिया में तीन महीने से बिना प्रभारी के चल रहा स्कूल

बेतियाः बिहार में शिक्षा व्यवस्था का क्या हाल (Education System in bihar) है, इसकी बानगी बेतिया के एक कन्या विद्यालय में देखने को मिल सकती है. यहां एक स्कूल पिछले तीन महीने से बिना किसी प्रभारी के चल (School running without incharge in Bettiah ) रहा है. इस कारण यहां पठन-पाठन के साथ बच्चियों को मिलने वाली अन्य सुविधाओं की स्थिति भी लचर हो गई है. यह बानगी चनपटिया के राजकीय बुनियादी कन्या विद्यालय वृदांवन का है. यहां की छात्राओं को स्कूल के प्रिंसिपल के बारे में पता नहीं है. छात्राओं का कहना है कि तीन महीने से हमें पता ही नहीं है कि हमारे स्कूल के प्रिंसिपल कौन हैं.

ये भी पढ़ेंः छपरा: समय पर नहीं पहुंचे गुरुजी तो ग्रामीणों ने स्कूल के गेट पर जड़ा ताला

बेतिया में तीन महीने से बिना प्रभारी के चल रहा स्कूल

इस स्कूल के प्रभारी के जिम्मे है चार स्कूलः इस स्कूल में वित्तीय प्रभार में शिक्षक उपेंद्र प्रसाद हैं, जो अकेले चार स्कूल चला रहे हैं. इससे स्कूल की व्यवस्था बदहाल है. कोई इस स्कूल को देखने वाला नहीं है. जिसे लेकर छात्राओं में काफी नाराजगी है.इस कारण यह विद्यालय भ्रष्टाचार का भेट चढ़ गया हैं. यह स्कूल शिक्षा विभाग की पोल खोलता नजर आ रहा है. स्कूल में 350 छात्राएं है. चार शिक्षिकाएं और एक शिक्षक हैं. एक शिक्षक यहां डेपुटेशन पर हैं.

एमडीएम में नहीं मिल रही हरी सब्जीः राजकीय बुनियादी कन्या विद्यालय चनपटिया में प्रभार के लेन देन में एक स्कूल में तीन महीने एमडीएम का हाल बेहाल हैं. खाने में हरी सब्जी नसीब नहीं होती.छात्राओं का कहना है कि स्कूल में तीन महीने एमडीएम में जो भोजन मिल रहा हैं उसमें सिर्फ आलू की सब्जी, चावल और पानी वाला दाल. अंडा भी कभी कभार मिलता है तो वह भी आधा. महीने में एक गैस सिलेंडर आता है, नहीं तो लकड़ी पर ही खाना बनाया जाता है. एसडीएम में खाना अच्छा नहीं मिलने के कारण बच्चों में नाराजगी है. रसोईया समान नहीं मिलने से नाराज चल रही है.

स्कूल में शिक्षक होते हुए भी दूसरे को मिला है प्रभारः सूत्रों की माने तो स्कूल की एक शिक्षिका है जो स्कूल कभी कभार आती है. उनके पति ड्यूटी करते हैं. पूछे जाने पर अपने आप को वह हेल्पर बताते हैं. स्कूल में सीनियर शिक्षक होने के बावजूद स्कूल दूसरे से चलाया जाता है. एमडीएम भी दूसरे व्यक्ति के द्वारा चलाया जाता है. स्कूल में टीचर होने के बावजूद उसका प्रभार वहां के स्थायी शिक्षकों को नहीं दिया गया. तीन महीने से स्कूल जैसे तैसे चल रहा है. किसी भी छात्र या टीचर को पता ही नहीं है कि उस स्कूल चला कौन रहा है.


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.