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वाल्मीकिनगर गंडक बराज से छोड़ा गया 3 लाख से अधिक क्यूसेक पानी, लोगों में दहशत

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Published : Jul 20, 2020, 10:09 PM IST

Updated : Jul 20, 2020, 11:33 PM IST

वाल्मीकि नगर गंडक बैराज से अधिकतम 3 लाख क्युसेक पानी डिस्चार्च किया गया है. इससे आस-पास के इलाके में बाढ़ की संभावना बढ गई है. रविवार देर रात जलस्तर में वृद्धि के बाद पश्चिमी चंपारण के जिला प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है.

वाल्मीकि गंडक बैराज
वाल्मीकि गंडक बैराज

पश्चिम चंपारण: गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी शुरू हो गई है. वाल्मीकि नगर गंडक बैराज से अधिकतम 3 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्च किया गया है. इससे आस-पास के इलाके में बाढ़ की संभावना बढ़ गई है. रविवार देर रात जलस्तर में वृद्धि के बाद पश्चिमी चंपारण के जिला प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है. वहीं जल संसाधन विभाग बांधों और तटबंधों पर निगरानी में जुटा है. पानी के दियारा के निचले इलाकों में फैलने की संभावना है. नेपाल में लगातार बारिश के कारण जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है.

बूढ़ी गंडक बह रही खतरे के निशान से ऊपर
बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश के बाद राज्य की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है. राज्य के कई नए क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. राज्य की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं जिससे आठ जिलों की करीब तीन लाख की आबादी प्रभावित हुई है.

बिहार जल संसाधन विभाग के अनुसार, सोमवार को बागमती नदी सीतामढ़ी के ढेंग, सोनाखान, डूबाधार तथा कटौंझा और मुजफ्फरपुर के बेनीबाद और दरभंगा के हायाघाट में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है, जबकि बूढ़ी गंडक समस्तीपुर के रोसरा रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

कई नदियां खतरे के निशान के ऊपर
इधर, कमला बलान झंझारपुर में तथा महानंदा पूर्णिया के ढेंगराघाट में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. कोसी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है लेकिन गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. कोसी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास सोमवार सुबह छह बजे 1.39 लाख क्यूसेक था, जो आठ बजे बढ़कर 1.41 लाख क्यूसेक हो गया. गंडक नदी का जलस्राव बाल्मीकिनगर बैराज के पास सुबह आठ बजे 2.06 लाख क्यूसेक था तथा इसके और बढ़ने का अनुमान है.

अगले 72 घंटे, नेपाल में भारी बारिश की संभावना
भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले 72 घंटे में राज्य की लगभग सभी प्रमुख नदियां 'राइजिंग ट्रेंड' में रहेंगी, नदियों के कैचमेंट क्षेत्र में बिहार और नेपाल साइड में बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है. जल संसाधन विभाग के मुताबिक, 'बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंध सभी सुरक्षित हैं और जहां-जहां जमींदारी बांध या रिंग बांध के क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्राप्त होती है, तत्काल उनका मरम्मत किया जाता है.'

बिहार के 8 जिले प्रभावित
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है. नदियों का जलस्तर बढ़ने से अभी बिहार के 8 जिले सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फपुर, गोपालगंज एवं पूर्वी चम्पारण के कुल 31 प्रखंडों की 153 पंचायतें आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं. सुपौल व दरभंगा में दो-दो और गोपालगंज में तीन राहत शिविर चलाए जा रहे हैं.

153 ग्राम पंचायतों की 2.92 लाख की आबादी प्रभावित
उन्होंने बताया कि गोपालगंज व पूर्वी चंपारण में नौ-नौ, सुपौल में दो और दरभंगा में सात सामुदायिक रसोई घर चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन लगभग 21,000 लोग भोजन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 153 ग्राम पंचायतों की 2.92 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है.

Last Updated : Jul 20, 2020, 11:33 PM IST
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