ETV Bharat / state

सोनपुर मेला: बरकरार है रौनक, दुकानदार बोले- अब शुरू हुई है असल दुकानदारी

author img

By

Published : Dec 13, 2019, 11:05 PM IST

सरकारी मेला के समापन के बाद भी सैकड़ों व्यापारी सोनपुर मेला में दुकानदार सजाए रहते हैं. इनका मानना है कि जैसे-जैसे ठंड बढ़ती है वैसे-वैसे मार्केट भी जोर पकड़ता है.

कश्मीरी दुकानदार
कश्मीरी दुकानदार

सोनपुर: विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले का समापन हो चुका है. लेकिन, मेले की रौनक अब भी बरकरार है. मेले में दुकानें अभी भी सजी हुई हैं. खरीदारों का तांता अब भी नजर आ रहा है. यहां दुकान लगाने वालों की मानें तो असल दुकानदारी मेले के समापन के बाद ही शुरू होती है.

बाहर से यहां दुकान लगाने वाले दुकानदार कहते हैं कि 32 दिनों बाद ही असली मार्केटिंग होती है. सरकारी मेले के समापन के बाद भी सैकड़ों व्यापारी यहां दुकानदार सजाए रहते हैं. इनका मानना है कि जैसे-जैसे ठंड बढ़ती है, वैसे-वैसे मार्केट भी जोर पकड़ता है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: आरसीपी सिंह का PK को अल्टीमेटम- 'जिन्हें पार्टी का लाइन स्वीकार नहीं है, वे अपना रास्ता पकड़े'

क्या कहते हैं दुकानदार?
दशकों से यहां दुकान लगाने वाले कश्मीरी दुकानदार की मानें तो उनका स्थानीय लोगों से अच्छा तालमेल बन गया है. उनका कहना है कि गर्म कपड़ों की खरीदारी के लिए केवल बिहार ही नहीं बल्कि दूसरे प्रदेशों से भी लोग पहुंचते हैं. उनके सभी स्टॉक खाली हो जाते हैं.

Intro:: सोंनपुर के प्रसिद्ध हरिहरक्षेत्र मेला में देश के कई राज्यों से आये सैकडों की संख्या में व्यापारियों का असली दुकानदारी मेले के समापन के बाद शुरू होती हैं।


Body:: Etv भारत द्वारा इस बाबत पड़ताल करने पर यह जानकारी मिली हैं। कि यहा 32 दिनों तक चलने वाला सरकारी मेला के समापन के बाद भी सैकडों व्यापारियों का मौसम प्राकृतिक के हिसाब से कारोबार शुरुवात होती हैं ।

इसका पुराना इतिहास रहा हैं। देश के कई राज्यों से आये सैकड़ों व्यापारियों की मानें तो उनकी दुकानदारी मेले अवधि के समापन के बाद ही शुरू होती हैं। मालूम हो कि ये सभी व्यापारी अपना कारोबार के लिये अंग्रेजी काल से यहा आते रहे हैं। जो अभी भी जारी हैं।

लंबे अर्से से इनके कारोबार करने से इनका पकड़ और स्थानीय जनता से बढ़िया तालमेल बन गया हैं। चुकी ये ठंड को लेकर ही अपना गर्म कपड़ा बेचने के लिये जिसकी लागत करोड़ों की होती हैं । जो बढ़े ठंड में ही फल- फूलती हैं । इनकी सभी उलेन की गर्म कपड़े आसानी से बिक जाती हैं। जो सरकारी मेले की 32 दिनों की अवधि तक नहीं बिकती हैं।

ये सभी व्यापारियों को जब तक सभी गर्म कपड़े नहीं बिकते हैं यह तबतक यहा डटे रहते हैं।

सरकारी मेले के समापन के बाद सिर्फ सरकारी विभागों का स्टॉल्स ही सिर्फ हटते है न कि सभी दुकानों को हटाया जाता हैं।

यहा आने वाले सैकड़ों व्यापारियों में मसलन, देश के कश्मीर, मेरठ, लुधियाना, कानपुर, आगरा, यूपी जैसे राज्यों से होते हैं।



Conclusion:मालूम हो कि सोंनपुर के प्रसिद्ध मेला में कारोबार के लिये पूरी दुनियां में जाना जाता था । यहा देश विदेश से भी व्यापारियों द्वारा अपना कारोबार करने आने की सूचना हैं। यहा कुछ वर्ष पूर्व तक हाथी, घोड़े, बैल, गाय, बकरी, विभिन्न प्रजाति की पंछियों सहित उलेन के कपड़े, सहित सैकड़ों वस्तुओं की खरीद बिक्री होती थी । नए कानून बनने के बाद हाथी, पंछियों के खरीद बिक्री पर प्रतिबंध लग गया हैं।

यहा राजा चन्द्रगुप्त भी हाथी घोड़ा की बिक्री करने की खबर हैं।

स्टोरी:
विनुअल्स
OPEN PTC संवाददाता
बाइट: विनोद सम्राट जमीन मालिक सोंनपुर
बाइट: दुकानदार कश्मीरी
FINAL PTC संवाददाता, राजीव, वैशाली ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.