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यूक्रेन में फंसे MBBS छात्र शशिभूषण ने माता-पिता को भेजा ये VIDEO संदेश.. फिर भी घबरा रहे परिजन

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Published : Feb 17, 2022, 8:17 PM IST

यूक्रेन में MBBS की पढ़ाई कर रहे वैशाली के छात्र (Vaishali students studying MBBS in Ukraine) ने परिजनों को ढांढस बंधाने का मैसेज भेजा है. परिजन अपने बच्चे की वतनवापसी चाहते हैं. लेकिन फ्लाइट का टिकट महंगा होने और कई अन्य दिक्कतों की वजह से उनके जिगर का टुकड़ा वतन नहीं लौट पा रहा है. परिजनों ने सरकार से जल्द मदद पहुंचाने की गुहार लगाई है.

यूक्रेन में फंसे MBBS छात्र का वीडियो संदेश
यूक्रेन में फंसे MBBS छात्र का वीडियो संदेश

वैशाली : रूस यूक्रेन तनाव के चलते वैशाली के कुछ MBBS करने वाले छात्र यूक्रेन में फंस गए हैं. वहां से उन्होंने संभावित रूस-यूक्रेन के युद्द को देखते हुए अपने घर वालों को ढांढस बंधाते हुए मैसेज भेजा है. वैशाली जिले के महुआ के रहने वाले छात्र शशिभूषण कुमार ने अपने माता-पिता को मैसेज भेजकर खुद को महफूज बताया है. शशिभूषण कुमार ने इसके दो कारण बताएं हैं. पहला यह की युद्ध में सिविलियन पर हमला नहीं होता है और दूसरा यह कि भारत सरकार पूर्ण रूप से वहां के भारतीय लोगों के संपर्क में है.

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उन्होंने आगे बताया है कि सरकार ने कोविड-19 में भी काफी काम किया था और अभी लगातार संपर्क में है. एक फॉर्म भी भरवाया गया है. इधर शशिभूषण के माता-पिता दोनों लगातार संभावित यूक्रेन और रूस के युद्ध को देखकर घबराए हुए हैं. इस मामले में परिवार लगातार अपने बेटे से वीडियो चैट के माध्यम से बातचीत कर रहे हैं.

शशि भूषण के पिता विनोद राय ने बताया कि न्यूज़ देखकर घबराहट होती है. भारत से ही गत ऑनलाइन पढ़ाई हो तो बेहतर होगा. बच्चे से बात होती है लेकिन क्या चल रहा है यह पता नहीं होता है. सरकार सरकार को वहां से माहौल देखकर बुला लेना चाहिए. वहीं शशिभूषण कुमार की मां इंदु देवी भी चाहती हैं कि उनके बच्चे को जल्द से जल्द भारत बुला लिया जाए और यहीं से ऑनलाइन पढ़ाई हो.

यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे शशि भूषण कुमार के हौसले की सराहना करनी होगी. जिस तरीके से न सिर्फ वे अपने माता-पिता के हिम्मत को बढ़ा रहे हैं बल्कि भारत सरकार के प्रति पूरा भरोसा दिखा रहे हैं. केंद्र सरकार भी इन छात्रों की वापसी के लिए कारगर कदम उठा रही है.

विभिन्न जिलों के छात्र फंसे : गौरतलब है कि यूक्रेन में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे पटना, पूर्णिया, दरभंगा, छपरा, आरा, बक्सर समेत कई जिलों के छात्र संकट में हैं. इसमें से कई छात्र यूक्रेन के ओडेसा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. ये छात्र वतन वापसी करना चाह रहे हैं. पर इनके सामने परेशानी ये है कि यूक्रेन में एयर टिकट मिलने में काफी दिक्कत हो रही है. इसलिए अब ये गुहार लगा रहे हैं कि उनकी जान की रक्षा एयरलिफ्ट कराकर करें, क्योकि यहां टिकट महंगा हो गया है.

हालांकि रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव (russia ukraine crisis) नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पूर्वी यूरोपीय देश- यूक्रेन से भारतीयों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए अहम फैसला लिया है. द्विपक्षीय एयर बबल व्यवस्था के तहत भारत और यूक्रेन के बीच संचालित की जा सकने वाली उड़ानों की संख्या पर से प्रतिबंध हटा दिया गया है. भारत यूक्रेन उड़ान संचालन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है.


गौरतलब है कि रूस के साथ बढ़ते तनाव के कारण यूक्रेन में मौजूदा हालात के बीच भारत अपने नागरिकों को अस्थायी रूप से यूक्रेन छोड़ने की सलाह पहले ही दे चुका है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि एयर बबल व्यवस्था के तहत भारत और यूक्रेन के बीच उड़ानों और सीटों की संख्या पर प्रतिबंध हटा दिया गया है. अधिकारी ने कहा, दोनों देशों के बीच चार्टर्ड उड़ानों सहित कितनी भी उड़ानें (india ukraine charted flight) संचालित की जा सकती हैं.

अतिरिक्त उड़ानों पर विचार: भारतीय दूतावास के मुताबिक वर्तमान में यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस, एयर अरबिया, फ्लाई दुबई और कतर एयरवेज यूक्रेन से उड़ानें संचालित कर रही हैं. दूतावास ने कहा था, विमानों की अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिए, निकट भविष्य में और अधिक उड़ानों की योजना बनाई जा रही है. इसमें यूक्रेनी इंटरनेशनल एयरलाइंस, एअर इंडिया, आदि शामिल हैं.

क्या है एयर बबल समझौता: दो देशों के बीच एयर बबल समझौते के तहत, कुछ शर्तों के अधीन अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें एक-दूसरे के क्षेत्रों में संचालित की जा सकती हैं. फिलहाल, भारत का 35 देशों के साथ एयर बबल समझौता है. बता दें कि भारत से आने-जाने वाली अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक यात्री उड़ानें 23 मार्च, 2020 से ही निलंबित हैं.

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