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पुलिस और पत्रकार पर गल्ला व्यापारी ने लगाया वसूली का आरोप, PhonePe पर मांगी थी 10 हजार की रंगदारी

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Published : Oct 21, 2022, 5:06 PM IST

व्यापारी से अवैध वसूली
व्यापारी से अवैध वसूली

वैशाली में गल्ला व्यवसायी वे अवैध उसूली (Illegal Usuli From Business Man In Vaishali) की गई है. मामले में पुलिस और कथित पत्रकार के गठजोड़ का खुलासा हुआ है. गल्ला व्यवसाई ने अवैध वसूली की शिकायत एसपी से लेकर सीएम नीतीश कुमार तक की जिसके बाद. एसपी ने जांच के लिए टीम गठित कर दिया है. पढे़ं पूरी खबर...

वैशाली: बिहार के वैशाली में ठगी (Fraud In Vaishali) करने का मामला सामने आया है. पुलिस और कथित पत्रकार के वसूली गठजोड़ का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. भगवानपुर थाना क्षेत्र के प्रतापटांड में स्थित एक गल्ला व्यवसायी को पुलिस और पत्रकार ने मिलकर कई हजार रुपए वसूल लिए. जिसके बाद व्यापारी ने कथित पत्रकार और पुलिस के इस नापाक गठजोड़ की शिकायत (Crime In Vaishali) एसपी, डीजीपी से लेकर सीएम नीतीश कुमार तक से की है. सबसे हैरत की बात तो यह है कि गल्ला व्यवसायी से डिजिटल पेमेंट के जरिये दस हजार की उगाही भी कर ली गई और महीना फिक्स करने के लिए कथित पत्रकार और पुलिस द्वारा उसपर दबाव बनाया गया.

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पत्रकार पर लगा उगाही का आरोप : पत्रकार ने जब उगाही के पैसे हर महीने लेने के लिए व्यापारी पर दबाव बनाने लगा तो तब जाकर पीड़ित कारोबारी ने इसकी शिकायत वरीय अधिकारियों से की. बताया जा रहा है कि पटेढ़ी बेलसर ओपी क्षेत्र के जारंग का रहनेवाला राजेश कुमार भगवानपुर थाना क्षेत्र के प्रतापटांड में गल्ला का कारोबार करता है. जहां 6 अक्टूबर को भगवानपुर थाना के जमादार राकेश कुमार एक सिपाही और कथित यूट्यूब पत्रकार अमित पांडेय के साथ पहुंचे और सरकारी अनाज खरीद-बिक्री करने का आरोप लगाते हुए जेल भेज देने की धमकी दी. ऐसा ना करने के एवज में पुलिस और पत्रकार ने दस हजार रुपये की मांग की.

पत्रकार और पुलिस पर अवैध वसूली का आोरप : कानूनी पचड़े में ना फंसने के डर से गल्ला कारोबारी ने पे फोन नंबर 7280XXX517 पर दस हजार रुपया अपने दोस्त से भिजवा दिया. लेकिन गल्ला कारोबारी की परेशानी कम नहीं हुई और फिर से 8 अक्टूबर को दो चौकीदार के साथ जमादार और कथित पत्रकार दुकान पर आ धमके और दुकान पर खड़ी ट्रक और दो स्टाफ को पकड़ कर थाना ले गए और हाजत में बंद कर फिर से पैसा की मांग करने लगे. हद तो यह है कि ट्रक और स्टाफ को छोड़ने के एवज में 51 हजार रुपये की मांग थाना पर की गई और काफी जद्दोजहद के बाद 11 हजार रुपया लेकर पुलिस ने दोनों स्टाफ और ट्रक को छोड़ दिया.

पुलिस ने हर महीने उगाही के लिए बनाया दबाव : पैसे वसूली के बाद और रुपया एंठने की पुलिस को भूख बढ़ गई. व्यापारी से पुलिस ने 22 हजार रुपया महीना फिक्स करने का आदेश दिया और नहीं तो जेल भेज देने की धमकी दी गई. जिससे परेशान कारोबारी ने इसकी शिकायत एसपी से लेकर सीएम तक से की है. एसपी ने मामले की जांच के लिए एसडीपीओ सदर को नियुक्त किया है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि पुलिस और पत्रकार के आपराधिक गठजोड़ का खामियाजा कब तक लोग भुगतते रहेंगे और क्या थानाध्यक्ष की जानकारी के बगैर अवैध वसूली का यह खेल खेला जा रहा है और अगर नहीं तो फिर थानाध्यक्ष से लेकर पुलिस पदाधिकारियो की मिलीभगत का इस अवैध कारोबार पर कब और कौन लगाम लगाएगा?.

'मीडिया वाला आया था, पूछा था, क्या कर रहा है. इसके बाद 50 हजार रुपए का डिमांड किया था. 10 हजार रुपया हम उसको अपने दोस्त से दिलवा दिए थे. इसके बाद कहा कि मंथली बांध दो' - राजेश कुमार, पीड़ित दुकानदार

'भगवानपुर थाना अंतर्गत एक ऑफिसर और एक चौकीदार पर एक डीलर ने पैसा एंठने का आरोप लगाया है. जिसकी जांच के लिए अलग चिट्ठी एसडीपीओ सदर को दी गई है. जांच के उपरांत इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी' - मनीष, एसपी वैशाली

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