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वैशाली में रिश्वतखोरी का ऑडियो क्लिप हुआ गायब, SDPO समेत कई पुलिस अफसरों पर FIR का अदेश

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Published : Feb 12, 2022, 12:03 PM IST

वैशाली
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रिश्वत मामले में जांच के लिए दिया गया ऑडियो क्लिप गायब (Vaishali bribery case audio clip missing) होने के मामले में हाजीपुर न्यायालय ने एसडीपीओ समेत कई पुलिस अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. इन पुलिस अधिकारियों पर साक्ष्य के लिए दिए गए ऑडियो क्लिप गायब करने का गंभीर आरोप है.

वैशाली: बिहार के वैशाली जिले में हाजीपुर व्यवहार न्यायालय (Hajipur Civil Court) के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने महनार के तत्कालीन एसडीपीओ समेत कई पुलिस पदाधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज (FIR against SDPO and other officers in Vaishali) करने का आदेश देसरी थाना को दिया है. न्यायालय के इस आदेश के आलोक में देसरी थाना की पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई में जुट गई है. बताया गया कि देसरी थाना क्षेत्र के नयागांव पश्चिमी टोला (Nayagaon Pashchim Tola Desiri police station) के संजीत कुमार उर्फ लूटन सिंह ने मुखिया पति सुनील कुमार महतो, महनार के तत्कालीन एसडीपीओ सुरेंद्र पंजियार, तत्कालीन देसरी थाना अध्यक्ष आलोक कुमार, अवर निरीक्षक अशोक कुमार, सहायक अवर निरीक्षक अरुण कुमार भगत तथा वर्तमान थाना अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार के विरुद्ध न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में एक मामला दायर किया था.

इस मामले की सुनवाई के बाद प्राथमिकी दर्ज करने के लिए देसरी थाना को भेजा गया है. मामले में मुखिया पति सुनील कुमार महतो पर प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभुकों से 12000 से 20000 रुपये तक की रिश्वत लेने एवं चेक बाउंस होने से संबंधित शिकायत का ऑडियो क्लिप गायब करने का आरोप तत्कालीन तथा वर्तमान पुलिस पदाधिकारियों पर लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज नहीं किए जाने का आरोप लगाया गया है. इस विषय में संजीत कुमार सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी सुमन सिंह ने 27 अप्रैल 2020 को शिकायत पत्र के साथ मुखिया पति सुनील कुमार महतो द्वारा आवास योजना में लाभुकों से 12 हजार रुपए से 20 हजार रुपए तक की रिश्वत स्वीकारने का ऑडियो क्लिप डीजीपी, आईजी, एसडीओ एवं थानाध्यक्ष को देकर मामले की जांच के बाद कार्रवाई का आग्रह किया था.

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इस मामले में सभी वरीय पदाधिकारियों के आदेश के बाद भी कोई उचित कार्रवाई नहीं किए जाने पर कोर्ट में मामला दायर किया गया है. संजीत कुमार ने आरोप लगाया है कि उनके द्वारा साक्ष्य के तौर पर उपलब्ध कराया गया ऑडियो क्लिप गायब कर दिया गया है. ऑडियो क्लिप को डीजीपी, आईजी कार्यालय से वैशाली एसपी को भेजा गया था. जहां से महनार डीएसपी को जांच के लिए भेजा गया. जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने थाने में एफआईआर का आवेदन दिया था. जब उसको भी दर्ज नहीं किया गया तो उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा.

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संजीत कुमार सिंह के एडवोकेट राज किशोर ठाकुर ने बताया कि देसरी थाना में एक मुकदमा हुआ था. इसके बाद अपने बचाव में संजीत कुमार ने एक ऑडियो क्लिप दिया था जो गायब कर दिया गया है. इस बारे में आवेदक ने कई बार आवेदन दिया. उन्हें आश्वासन भी मिला लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. बाद में सीजेएम कोर्ट हाजीपुर में एक परिवाद दायर किया गया था. उसकी प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने थाने में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. मामला पुलिस अधिकारियों द्वारा ऑडियो क्लिप गायब करने का है.

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