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रील नहीं, रियल लाइफ में भी होती हैं ऐसी कहानियां, सुपौल एसपी ने पेश की नजीर

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Published : Dec 13, 2020, 5:33 PM IST

सुपौल
सुपौल पुलिस का मानवीय चेहरा

जिले में सुपौल पुलिस का एक अनोखा चेहरा सामने आया है. अपने कड़क रवैये के अलावे पुलिस का मानवीय स्वरूप जिले में पुलिस और जनता के बीच में पुल बनने का काम करेगा. जिला पुलिस अधिक्षक का मंदिर के लाइट में पढ़ रहे छात्रों को सफलता के लिए मार्ग दर्शन देना उन गरीब छात्रों को उंगली पकड़ कर मंजील तक पहुंचाना है. वहीं, गरीब छात्रों के लिए पुलिस पाठशाला बनाने की बात भी कही है.

सुपौल: बिहार में अपराध को लगाम लगाने के लिए पटना में मुख्यमंत्री की बैठक के बाद सभी जिलों के पुलिस अधिक्षकों ने अपराधियों पर नकेल कसने के लिए गश्ती बढ़ा दी है. बिहार में बढ़ते क्राइम के ग्राफ को रोकने के लिए पुलिस को सरकार की सख्त हिदायत दे रखी है. इसी के मद्देनजर रात्रि गश्ती में निकले सुपौल पुलिस का एक अलग चेहरा देखने को मिला. जिस पुलिस को देखते ही आम जनमानस के हाथ पांव फूल जाते हैं. वही उनके पास बैठ कर प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करने का गुर सिखा रहा है.

दरअसल, गश्ती को निकले सुपौल के एसपी मनोज कुमार की नजर जब जिला मुख्यालय स्थित मालगोदाम मंदिर के टिमटिमाती लाइट के नीचे पढ़ रहे उन परीक्षार्थियों पर पड़ी. तो मनोज कुमार उनके पास बैठ गए. वहीं, परीक्षार्थियों से बातचीत में उन्हें तैयारी करने के कई गुर सिखाए.

रूपहले पर्दे का कैरेक्टर, रियल लाइफ में दिखा
सुपौल के एसपी की ऐसी तस्वीर ने यह साफ कर दिया कि पुलिस की ऐसी मानवीय कहानियां सिर्फ रूपहले पर्दे तक सीमित नहीं रहती. बल्कि उनका एक अपना यथार्थ होता है. वास्तविक घटनाएं फिल्मों से कहीं अधिक प्रेरणादायक होती है. दरअसल एसपी की जिस तस्वीर की बात इस खबर में की जा रही है. उसी तरह की एक मूवी प्रकाश झा निर्देशित 'परीक्षा' अक्टूबर में रिलीज हुई थी. जिसमें एक एसपी ने गरीब बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेवारी उठाई थी.

सुपौल एसपी खोलेंगे पुलिस पाठशाला, देखें रिपोर्ट

एक घंटे तक बच्चों के साथ बिताए एसपी
मंदिर परिसर में लगे लाइट की रोशनी में अध्ययन कर रहे परिक्षार्थियों के साथ एसपी ने करीब एक घंटा समय बिताया. जहां इन गरीब छात्रों से परिचय के बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के बहुत सारे गुर सिखाया.

सुपौल में भी जल्द खुलेगा पुलिस पाठशाला
गौरतलब है कि सुपौल एसपी बतौर भागलपुर और मुजफ्फरपुर के एसपी रहते पुलिस पाठशाला का शुभारंभ किया था. जिस पाठशाला में कई विद्वानों ने गरीब छात्रों को दक्ष बनाया. जिसका नतीजा रहा कि पुलिस पाठशाला के दर्जनों बच्चे आज देश के कई क्षेत्र में सरकारी सेवा में अपना योगदान दे रहे हैं.

एसपी मनोज कुमार की पुलिस पाठशाला आज भी गरीब बच्चों को कई कंपटीशन की तैयारी करा रही है. ये वो बच्चे हैं जिसके ना तो कोई गुरु है और ना ही कोई मार्गदर्शक. ये खुद से कई कंपटीशन की तैयारी कर जिंदगी को एक नए मुकाम पर ले जा रहे हैं.

स्थल का कर लिया गया है चयन
एसपी मनोज कुमार ने बताया कि यहां के बच्चों में पढ़ाई को लेकर गजब का उत्साह है. जिसको लेकर पुलिस पाठशाला का स्थल चयन कर लिया गया है. शीघ्र ही पुलिस पाठशाला स्थापित कर इन बच्चों को उससे जोड़ा जाएगा.

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