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86 वर्ष के बाद रेल सेवा से जुड़ा सीमांचल और मिथिलांचल, PM मोदी ने महासेतु का किया उद्घाटन

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Published : Sep 18, 2020, 8:20 PM IST

Updated : Sep 18, 2020, 11:00 PM IST

कोसी महासेतु का पीएम मोदी ने वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि खुशी और मिथिला के लोगों का वर्षों का सपना आज जाकर साकार हुआ है. मौके पर सैकड़ों लोग ट्रेन की सवारी कर ऐतिहासिक पल के गवाह बने.

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सुपौल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोसी रेल महासेतु का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'आज बिहार में रेल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नया इतिहास रचा गया है. वर्तमान में निर्मली से सरायगढ़ का सफर करीब-करीब 300 किमी का होता है. इस महासेतु पर रेल परिचालन के बाद अब 300 किमी की यात्रा सिमट कर महज 22 मिनट की हो जाएगी. उद्घाटन के बाद इस रेलखंड पर रेल परिचालन शुरू हो गया.

सुपौल रेलवे स्टेशन पर हुआ कार्यक्रम का आयोजन

कोसी नदी पर 516 करोड़ की लागत से बनी 11 किलोमीटर लंबे पुल के उदघाटन को लेकर सुपौल रेलवे स्टेशन पर समारोह का आयोजन किया गया था. इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल, प्रेदश महामंत्री देवेश कुमार, प्रदेश कोषाध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल सहित दर्जनों एनडीए के नेता और कार्यकर्ता समेत रेलवे के कई अधिकारी मौजूद रहे. पीएम मोदी का उद्घाटन कार्यक्रम देखने के लिए रेलवे स्टेशन के बाहर एक बड़ा स्क्रीन भी लगाया गया था. जहां सैकड़ों स्थानीय ने पीएम मोदी को सुना.

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कार्यक्रम में मौजूद एनडीए नेता

‘सीमांचल के लोगों का सपना हुआ पूरा’

समारोह को संबोधित करते पीएम मोदी ने कहा कि कोसी, मिथिला और सीमांचल के लोगों का वर्षों का सपना आज साकार हुआ है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूर्ण होने से इलाके के लोगो को आवागमन की सुविधा ही नहीं, बल्कि उन्हें रोजगार और उद्योग धंधे करने में सुविधा होगी.

देखें रिपोर्ट.

पीएम ने आगे बताया कि 2003 में जब नीतीश कुमार रेल मंत्री थे. उसी समय पूर्व पीएम स्व अटल अटल बिहारी वाजपेयी ने इस महत्वपूर्ण परियोजना की आधारशिला रखी थी. लेकिन 2004 में अटल जी की सरकार जाने के बाद इस परियोजना की गति पर विराम लग गया था. दौरान उन्होंने यूपीए सरकार पर भी निशाना साधा. पीएम के संबोधन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी लोगों को संबोधित किया.

300 किमी की दूरी महज 22 मिनट में

गौरतलब है कि 1887 में अंग्रेज शासनकाल में बनायी गई मीटर गेज रेलखंड वर्ष 1934 में आये प्रलयकारी भूकंप में ध्वस्त हो गया था. तब से मिथिला दो भागों में विभक्त हो गया था. लोगों को अपने जिले के ही निर्मली अनुमंडल और मरौना प्रखंड मुख्यालय पहुंचने में नेपाल, सहरसा, बेगूसराय, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी होकर निर्मली और मरौना जाना पड़ता था.

कोसी महासेतु परियोजना चालू होने से अब लगभग 300 किमी की दूरी महज 22 मिनट में सिमट गई है. योजना का उद्घाटन होने के बाद इलाके के लोगों में काफी खुशी का माहौल है. उद्घाटन कार्यक्रम के बाद सैकड़ों लोग ट्रेन की सवारी कर इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने.

Last Updated : Sep 18, 2020, 11:00 PM IST
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