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मोहम्मद शहाबुद्दीन की पहली पुण्यतिथि, समर्थकों ने उनके क्रब पर पढ़ा फातेहा

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Published : May 1, 2022, 11:08 PM IST

शहाबुद्दीन की पुण्यतिथि
शहाबुद्दीन की पुण्यतिथि

आरजेडी के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की पहली पुण्यतिथि (Mohammad Shahabuddin Death Anniversary) सिवान के व्हाइट हाउस में मनाई गई. इस मौके पर उनके समर्थकों ने सिवान से दिल्ली उनके कब्र पर जाकर फातेहा पढ़ा और सिवान की मिट्टी क्रब पर अर्पित की. पढ़ें पूरी खबर...

सिवान: बिहार के सिवान से आरजेडी के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन (RJD EX MP Mohammad Shahabuddin) की पहली पुण्यतिथि मनाई गई. इस मौके पर उनके समर्थक राज्य भर में कार्यक्रम का आयोजन कर रहे है. कई आरजेडी नेताओं ने भी अपने अपने तरीके से पूर्व सांसद को श्रद्धांजलि अर्पित की है. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर पूर्व सांसद को श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें लोकप्रिय नेता करार करते हुए सरकार से प्रतिमा लगाने की मांग की है.

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समर्थकों ने क्रब पर पढ़ा फातेहा: उनके पहले पुण्यतिथि पर समर्थकों का एक दल सिवान से दिल्ली गया और उनके क्रब पर फातेहा पढ़कर श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही सिवान की मिट्टी उनके क्रब पर चढ़ाकर याद किया. बता दें कि मो. शहाबुद्दीन की मौत पिछ्ले साल इसी दिन कोरोना के कारण हो गई थी. उनकी डेड बॉडी को सिवान नहीं लाया जा सका था. ऐसे में दिल्ली के ही कब्रगाह में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. रविवार को उनकी पुण्यतिथि सिवान समेत राज्य के कई हिस्सों में उनके समर्थक मना रहे हैं.

सिवान में प्रतिमा लगाने की मांग: सिवान के व्हाइट हाउस में हुए श्रद्धांजलि कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में आरजेडी कार्यकर्ता और नेतागण शामिल हुए. समर्थकों ने जीतन राम मांझी की मांग को दोहराते हुए सिवान में प्रतिमा लगाने की मांग की है. उनका कहना है कि दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन ने सिवान के विकास के लिए काफी उल्लेखनीय कार्य किए है. वे बतौर नेता और कार्यकर्ता राजद के सच्चे सिपाही थे. वे आज भी लोगों के यादों में जिंदा है.

बिहार के बड़े नेताओं में शुमार: सिवान जिले के प्रताप पुर गांव में जन्मे मो.शहहबुद्दीन पर सिवान की जनता ने जबरदस्त भरोसा किया. अपने राजनीतिक कैरियर में वे दो बार विधायक और 4 बार सांसद रहे. उन्हें क्षेत्र में विकास कार्य करने के लिए संसद भवन में पुरस्कार दिया गया था. वैसे तो पूर्व सांसद मोहम्मद शहहबुद्दीन हमेशा विरोधियों के निशान पर रहे. उन पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए. अपना आखिरी समय उन्होंने जेल में ही बिताया. लेकिन सिवान की जनता के लिए वह किसी लोकप्रिय नेता से कम नहीं थे. उन्होंने डॉक्टरों की फीस 50 रुपये कर दी थी, जिसे लोग आज भी यादकर अचरज में पड़ जाते है.

राजनीति में मो. शहाबुद्दीन का उदय उस दौर में हुआ जब देश भर में बिखरे हिन्दू वोट बैंक को मजबूत करने के लिए 25 सितम्बर 1990 को लाल कृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से रामरथ यात्रा निकाली, आडवाणी ने 1980 और 1990 के दशकों में हिन्दू राष्ट्रवादी आंदोलन की अगुवाई की थी, 1984 में विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने का आंदोलन छेड़ा था, जो आखिर कर 1992 में बाबरी मस्जिद शहीद कर दी गई. उस दौर में हिंदु राष्ट्रवादी दल मुसलमानों को देशद्रोही बताकर हिंदुओ की गोल बन्दी में लगे थे.

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