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सीतामढ़ी: मूली ऐसी की वजन सुनकर दंग रह जाएंगे आप, फिर भी नहीं मिल रही कीमत

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Published : Feb 8, 2020, 5:38 PM IST

किसान बताते हैं कि ये मूली हाइब्रिड बीज और जैविक खाद से उपजाया जा रहा है. हालांकि ये मूली अपने आप में अनोखी हैं.

सीतामढ़ी
सीतामढ़ी

सीतामढ़ी: जिले के रीगा थाना क्षेत्र के रामनगर गांव के किसान संयुक्त खेती कर खुद से अपनी तकदीर संवार रहे हैं. किसान खेत में आलू और मूली की खेती कर दोहरा लाभ उठा रहे हैं. खास बात ये है कि किसानों की ओर से उपजाई गई एक मूली का वजन 3 किलो तक है. जो इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.

3 किलो की मूली
3 किलो की मूली

'3 किलो की एक मूली'
बता दें कि किसान जब अपने खेत से मूली लेकर शहर में बेचने के लिए आते हैं, तो वहां पर खरीदारों के साथ-साथ देखने वालों की भी भीड़ उमड़ पड़ती है. किसान बताते हैं कि ये मूली हाइब्रिड बीज और जैविक खाद से उपजाया जा रहा है. यह खाने के साथ-साथ अचार बनाने कि लिए भी काफी उपयुक्त है.

पेश है एक रिपोर्ट

'जैविक खाद का कमाल'
इस मामले पर किसान और कृषि विभाग के अधिकारी बताते हैं कि मूली की खेती काफी सामान्य तरह से की जाती है. इसके लिए किसान हाइब्रिड बीज और जैविक खाद का उपयोग कर रहे हैं. कृषि अधिकारी बताते हैं कि अमूमन मूली आकार में छोटी होती है. जिसका वजन 100 ग्राम से लेकर 250 ग्राम तक होता हैं, लेकिन किसानों द्वारा उपजाई गई ये मूली अपने आप में अनोखी हैं.

Intro:जिले के किसान दोहरी खेती कर उगा रहे है 3 किलो की मूली लोगों के लिए बना हुआ है कौतूहल का विषय।


Body:जिले के रीगा थाना क्षेत्र के रामनगर गांव में किसान आलू और मूली की संयुक्त खेती कर दोहरी आमदनी ले रहे हैं। किसानों द्वारा कद्दू से भी बड़े आकार की मूली उपजाई जा रही है। जो आम लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है। किसानों के खेत से विक्रेता जब उस मूली को लेकर शहर आते हैं तो खरीददार से ज्यादा उसे देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ती है। एक मूली का वजन 2 से 3 किलो का होता है। और यह मूली छोटे आकार की मूली से बेहद सस्ता भी बिक रहा है। इसलिए लोग इसकी खरीददारी भी कर रहे हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर खरीददार का बताना है कि इसकी बिक्री दर ₹4 प्रति किलो है इसलिए खाने से लेकर अचार बनाने के लिए यह मूली बेहद उपयुक्त साबित होता है।
जैविक खाद का कमाल----------------
किसान और कृषि विभाग के पदाधिकारी का बताना है कि मूली का यह साइज जैविक खाद के उपयोग करने से होता है। इसके लिए किसान हाइब्रिड बीज का इस्तेमाल करते हैं। और फसलें अच्छी हो इसके लिए जैविक खाद डालते हैं।जिसका परिणाम है कि 25 ग्राम, 50 ग्राम और 100 ग्राम के बदले यह मूली 2 से 3 किलो का उगता है। और इसका लाभ किसानों को अधिक मिल रहा है।
बाइट टू बाइट 1, मनीष कुमार। युवा की शान कुर्सी पर बैठे हुए।
बाइट 2, अशोक कुमार। होटल संचालक सीतामढ़ी।


Conclusion:इस साइज की मूली उगाने वाले किसानों का बताना है कि छोटे मूली की वैरायटी लगाने पर ज्यादा मेहनत के बावजूद भी उपज अच्छी और अधिक नहीं हो पाती है। इसलिए अब किसान हाइब्रिड बीज का उपयोग कर बड़ी और लंबी मूली उपजा रहे हैं।
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