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'समाजवादी और गांधीवादी होने का ढोंग करते हैं नीतीश कुमार' : प्रशांत किशोर

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Published : Dec 22, 2022, 9:21 PM IST

Prashant Kishor
Prashant Kishor

जन सुराज पदयात्रा पर निकले प्रशांत किशोर (Prashant Kishor Jan Suraj Padyatra) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. इसके साथ ही लालू राज पर भी वार किया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

शिवहार : जन सुराज पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर (Prashant Kishor On Nitish Kumar) हैं. शिवहर में उन्होंने एक बार फिर से नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया है. पीके ने कहा कि नीतीश कुमार यदि आप गांधीजी को जरा भी जानते हैं तो दिखा दीजिए जहां महात्मा गांधी ने राज्य में शराबबंदी लागू करने को लेकर बात कही हो. नीतीश कुमार अपनी सुविधा के अनुसार गांधीजी का इस्तेमाल करते हैं. कभी असुविधा होती है तो भाजपा के साथ बैठ जाते हैं, अगले दिन समाजवादी बनकर फिर लालू जी के साथ बैठ जाते हैं. नीतीश कुमार समाजवाद का ढोंग करके, अब शराबबंदी लागू कर गांधीवादी बनने की कोशिश कर रहे हैं.

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''बिहार में शराबबंदी पूरी तरह फेल है. पदयात्रा के दौरान हमने देखा लोग गांव में आसानी से शराब पी रहे हैं. नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द रहने वाले लोग ही शराब का सेवन करते हैं. उनके मंत्री पीते हैं इसमें कोई नई बात नहीं है. जब कोई शराब नहीं पी रहा है तो छपरा में 70 लोगों की मौत कैसे हुई. यहां तक नीतीश कुमार के मंत्री-विधायक मृतकों के परिजनों से मिलने तक नहीं जा रहे हैं.'' - प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज



शिवहर में पदयात्रा का सातवां दिन : जन सुराज पदयात्रा के 82वें दिन की शुरुआत शिवहर के किसान मैदान स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई. प्रशांत अबतक पदयात्रा के माध्यम से लगभग 950 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं. इसमें 550 किमी से अधिक पश्चिम चंपारण में पदयात्रा हुई और पूर्वी चंपारण में अबतक 300 किमी और शिवहर में 100 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं. शिवहर में आज पदयात्रा का सातवां दिन है. वे शिवहर के अलग-अलग गांवों-प्रखंडों में जा रहे हैं और लोगों की समस्यायों को सुन रहे हैं.

प्रशांत किशोर ने कहा कि शिवहर जिले में कृषि सबसे बड़ी समस्या उभर के निकली है. इस जिले में किसानों के पास कृषि संसाधन न होने के कारण यहां गरीबी का स्तर ज्यादा है. प्रशांत ने कहा कि पदयात्रा के दौरान हमने जाना कि शिवहर बिहार का एक मात्र जिला है जिसमें 1% जमीन ही सिंचित है. जबकि दूसरी बड़ी समस्या है कि यह जिला 54% बाढ़ प्रभावित है. आगे प्रशांत ने कहा कि पूर्वी और पश्चिम चंपारण के मुकाबले शिवहर की सामाजिक आर्थिक स्तिथि ज्यादा खराब है.



''शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि ''ऐसा लगता है जैसे राज्य में शिक्षा व्यवस्था में सुधार नीतीश सरकार की प्राथमिकता नहीं है. बीते 1 साल में शायद ही शिक्षा को लेकर कोई बड़ी बैठक या कोई बड़ा सुधार या कोई बड़ी योजना लागू की गई हो. प्रशांत ने कहा कि करीब 40 हजार करोड़ रुपये का शिक्षा बजट पानी की तरह बहाया जा रहा है, जबकि जरूरत है इस पैसे को सही व्यवस्थित ढंग से उपयोग किया जाए. समतामूलक शिक्षा के नाम पर हर गांव में शिक्षा पेपर में देने के बजाय जमीन पर लागू किया जाए. इसके साथ ही प्रखंड स्तर पर एक ऐसा विद्यालय बनाया जाए जो विश्वस्तरीय हो. जो सभी मापदंडों में उच्चकोटि का हो.''- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

CD Ratio पर सरकार को घेरा : पीके ने कहा कि बिहार आज विकास के मापदंडों पर वहीं खड़ा हैं जहां 1991 में खड़ा था. देश के अग्रणी राज्यों में कैश डिपोजिट (सीडी) रेसियो का अनुपात 90% तक है, जबकि बिहार में ये अनुपात 40% है. लालू यादव के मुख्यमंत्री बनने के समय यह 38% था और जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने तब यह 25% था. अभी नीतीश जी के शासनकाल में सीडी रेसियो 40% है. इसका मतलब है कि अगर बिहार में लोग 100 रुपए बैंक में जमा करते हैं तो उसमें से केवल 40 रुपए बिहार के लोग ऋण के तौर पर ले सकते हैं. इन दोनों के शासनकाल में बिहार का लाखों करोड़ रुपए दूसरे राज्यों में चला गया है. आज बैंकों से लोन भी लेने पर बैंकों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.

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