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Veer Kunwar Singh Vijayotsav : 'कुंवर सिंह 80 बरस के नहीं होते तो 1857 में ही भारत आजाद हो जाता', हरिवंश ने किया याद

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Published : Apr 23, 2023, 5:29 PM IST

बाबू वीर कुंवर सिंह ने आज ही के दिन 23 अप्रैल 1857 को अंग्रेजों से जंग जीता था. इस दिवस को विजय दिवस के रूप के मनाया जाता है. छपरा में भी इस मौके पर एक समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में राज्यसभा को उपसभापति हरिवंश मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. पढ़ें पूरी खबर.

vijayotsav samaroh in Chapra
vijayotsav samaroh in Chapra

हरिवंश, उपसभापति, राज्यसभा.

छपरा (सारण): छपरा के आर्ट गैलरी सह प्रेक्षा गृह में रविवार को वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश शामिल हुए. सारण विकास मंच के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में सारण जिला की पंडवानी कलाकार सृष्टि शांडिल्य ने व्यास कला के साथ वीर कुंवर सिंह का जीवन चित्रण किया. उनका साथ भोजपुरी लोकगायक उदय प्रताप सिंह ने अपनी मंडली के साथ दिया.

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"आने वाली पीढ़ी को हम बता सकें कि आजादी की लड़ाई में बाबू कुंवर सिंह का क्या योगदान था. एक अंग्रेज जनरल ने लिखा है 'अगर बाबू कुंवर सिंह 80 बरस के नहीं होते तो हमें 1857 में ही भारत को आजाद कर देना पड़ता"- हरिवंश, उपसभापति, राज्यसभा

कुंवर सिंह के तैलचित्र पर श्रद्धा सुमनः कार्यक्रम के आयोजनकर्ता सारण विकास मंच के संयोजक जदयू नेता शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने मुख्य अतिथि राज्यसभा के उपसभापति का स्वागत किया. कार्यक्रम की शुरुआत पंडवानी कला गायन के साथ हुई. सृष्टि शांडिल्य व उदय नारायण सिंह ने कुंवर गाथा का जीवंत चित्रण किया. सारण गाथा के बाद कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया. उसके बाद बाबू वीर कुंवर सिंह के तैलचित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये गये.

कुंवर सिंह के साथ सभी वर्ग जुड़ा थाः उपसभापति हरिवंश को अंगवस्त्र और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया. अपने संबोधन में हरिवंश ने बताया कि वीर कुंवर सिंह के साथ समाज का सभी वर्ग जुड़ा था. उन्होंने जब आरा को अंग्रेजों से स्वतंत्र कराया तो उसका कलेक्टर यहिया खान को बनाया था. उनके साथ यादव, दलित, पिछड़ा समाज के लोग रहते थे इसलिए बाबू वीर कुंवर सिंह को किसी वर्ग विशेष में बांधना उचित नहीं होगा.

आने वाली पीढ़ी को बताना है: हरिवंश ने कहा कि आरा में काफी सारी जगह पड़ी है. क्या हम वीर कुंवर सिंह का एक भव्य स्मारक और आर्ट गैलरी नहीं बना सकते. क्या सब काम सरकार ही करेगी. आप लोग में से बहुत दानवीर हैं जो इस काम को अपने खर्चे से भी कर सकते हैं, ताकि आने वाली पीढ़ी को हम बता सकें कि आजादी की लड़ाई में बाबू कुंवर सिंह का क्या योगदान था. उन्होंने कहा कि एक अंग्रेज जनरल ने लिखा है 'अगर बाबू कुंवर सिंह 80 बरस के नहीं होते तो हमें 1857 में ही भारत को आजाद कर देना पड़ता.

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