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छपरा: युवाओं की ये टोली रोज सैकड़ों गरीबों को कराती है भोजन, ऐसे शुरू हुई ये सेवा

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Published : Sep 8, 2019, 8:35 AM IST

युवाओं की ये टोली हर शाम सड़कों और स्टेशनों पर सोने वाले लोगों को भोजन कराते हैं. इतना ही नहीं ये लोग अस्पताल भी जाते हैं और वहां इलाज कराने के लिए भर्ती मरीजों को भी खाना खिलाते हैं.

छपरा

सारण: अपनी और अपनों की परवाह तो सभी करते हैं, लेकिन जिले में कुछ युवा ऐसे भी हैं जो शाम होते ही सड़कों, चौराहों, नुक्कड़ों, अस्पतालों और स्टेशनों की खाक छानने लगते हैं, ताकि कोई भूखे ना सो जाए. रोटी बैंक ट्रस्ट से जुड़े से ये युवा प्रतिदिन सैकड़ों लोगों को निस्वार्थ और निशुल्क खाना खिलाते हैं. लोगों के सहयोग से चल रहा यह ट्रस्ट जरूरतमंदों का पेट भर रहा है.

छपरा
रोटी बैंक के कार्यकर्ता

अस्पतालों में भी खिलाते हैं खाना
युवाओं की यह टोली हर शाम सड़कों और स्टेशनों पर सोने वाले लोगों को भोजन कराते हैं. इतना ही नहीं ये लोग अस्पताल भी जाते हैं और वहां इलाज कराने के लिए भर्ती मरीजों को भी खाना खिलाते हैं. साथ ही यह भी सुनिश्चित करते हैं कि मरीजों के परिजन भी भूखे ना सोएं. जिले में रोटी बैंक ट्रस्ट के 25 सदस्य सक्रिय हैं.

छपरा
रोटी बैंक के कार्यकर्ता

3 लोगों ने की थी शुरुआत
रोटी बैंक के संयोजक सतेन्द्र कुमार ने बताया कि लगभग एक साल पहले छपरा के कुछ युवक ऑल इंडिया रोटी बैंक ट्रस्ट से फेसबुक के माध्यम से परिचित हुए है. ट्रस्ट के काम से प्रेरित होकर 3 लोगों ने मिलकर इसकी शुरुआत यहां की थी. इनके नि:स्वार्थ भाव से काम करने के तरीके से प्रेरित होकर लोग इनसे जुड़ते चले गए और आज इनके पास 25 लोगों की टीम है. उन्होंने बताया कि ट्रस्ट प्रतिदिन 150 लोगों को भोजन कराता है.

छपरा
रोटी बैंक के कार्यकर्ता

लोगों की सहयाग से चल रहा है ट्रस्ट
आम लोगों की मदद से चल रहे इस ट्रस्ट का प्रतिदिन 3 से 4 हजार रुपये खर्च है, लेकिन रोटी बैंक भूखों को नि:शुल्क भोजन कराता है. समूह में शामिल लोग खूद ही इसका खर्च उठाते हैं और कुछ आर्थिक सहयोग लोगों से भी मिल जाता है. ये लोग घूम-घूमकर गरीबों, बेसहारों और दिव्यागों को भर पेट खाना खिलाते हैं.

पूरी रिपोर्ट

एक अनूठा पहल
रोटी बैंक के कार्यकर्ता रवि शंकर उपाध्याय ने बताया कि छपरा में यह अपने तरीके का अनूठा पहल है. रोटी बैंक ट्रस्ट यहां एक साल से काम कर रहा है और सभी जरूरतमंदों को रात का खाना खिला रहा है. उन्होंने कहा कि टीम में जुड़े सभी लोग अपना-अपना योगदान दे रहे हैं और आम लोगों का भी सहयोग मिल रहा है. स्थानीय लोग भी इस पहल की सराहना कर रहे हैं.

सारण: अपनी और अपनों की परवाह तो सभी करते हैं, लेकिन जिले में कुछ युवा ऐसे भी हैं जो शाम होते ही सड़कों, चौराहों, नुक्कड़ों, अस्पतालों और स्टेशनों की खाक छानने लगते हैं, ताकि कोई भूखे ना सो जाए. रोटी बैंक ट्रस्ट से जुड़े से ये युवा प्रतिदिन सैकड़ों लोगों को निस्वार्थ और निशुल्क खाना खिलाते हैं. लोगों के सहयोग से चल रहा यह ट्रस्ट जरूरतमंदों का पेट भर रहा है.

छपरा
रोटी बैंक के कार्यकर्ता

अस्पतालों में भी खिलाते हैं खाना
युवाओं की यह टोली हर शाम सड़कों और स्टेशनों पर सोने वाले लोगों को भोजन कराते हैं. इतना ही नहीं ये लोग अस्पताल भी जाते हैं और वहां इलाज कराने के लिए भर्ती मरीजों को भी खाना खिलाते हैं. साथ ही यह भी सुनिश्चित करते हैं कि मरीजों के परिजन भी भूखे ना सोएं. जिले में रोटी बैंक ट्रस्ट के 25 सदस्य सक्रिय हैं.

छपरा
रोटी बैंक के कार्यकर्ता

3 लोगों ने की थी शुरुआत
रोटी बैंक के संयोजक सतेन्द्र कुमार ने बताया कि लगभग एक साल पहले छपरा के कुछ युवक ऑल इंडिया रोटी बैंक ट्रस्ट से फेसबुक के माध्यम से परिचित हुए है. ट्रस्ट के काम से प्रेरित होकर 3 लोगों ने मिलकर इसकी शुरुआत यहां की थी. इनके नि:स्वार्थ भाव से काम करने के तरीके से प्रेरित होकर लोग इनसे जुड़ते चले गए और आज इनके पास 25 लोगों की टीम है. उन्होंने बताया कि ट्रस्ट प्रतिदिन 150 लोगों को भोजन कराता है.

छपरा
रोटी बैंक के कार्यकर्ता

लोगों की सहयाग से चल रहा है ट्रस्ट
आम लोगों की मदद से चल रहे इस ट्रस्ट का प्रतिदिन 3 से 4 हजार रुपये खर्च है, लेकिन रोटी बैंक भूखों को नि:शुल्क भोजन कराता है. समूह में शामिल लोग खूद ही इसका खर्च उठाते हैं और कुछ आर्थिक सहयोग लोगों से भी मिल जाता है. ये लोग घूम-घूमकर गरीबों, बेसहारों और दिव्यागों को भर पेट खाना खिलाते हैं.

पूरी रिपोर्ट

एक अनूठा पहल
रोटी बैंक के कार्यकर्ता रवि शंकर उपाध्याय ने बताया कि छपरा में यह अपने तरीके का अनूठा पहल है. रोटी बैंक ट्रस्ट यहां एक साल से काम कर रहा है और सभी जरूरतमंदों को रात का खाना खिला रहा है. उन्होंने कहा कि टीम में जुड़े सभी लोग अपना-अपना योगदान दे रहे हैं और आम लोगों का भी सहयोग मिल रहा है. स्थानीय लोग भी इस पहल की सराहना कर रहे हैं.

Intro:सबको मिले भर पेट भोजन।छ्परा से पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट ।छ्परा मे कुछ युवकों की टोली हर शाम निकलती है।एक विशेष मिशन पर ।इनका मिशन है की कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोये।चाहे अमीर हो या गरीब,सड़को किनारे रहने वाले लोग हो या अस्पताल मे भर्ती मरीज के तीमार दारो और रेल यात्रियों को भी इन युवकों की टोली मुफ्त मे भोजन कराती है।आज से लगभग एक वर्ष पहले फेसबुक के माध्यम से छ्परा के कुछ युवक रोटी बैंक से जुड़े ।दो तीन युवको के द्वारा शुरु किया गया प्रयास आज एक बड़े बृक्ष के रुप मे पनप रहे हैं ।आज इन युवकों की एक बड़ी और सशक्त टीम तैयार हो गयी है।आज इनके टीम मे लगभग 25से ज्यादा सदस्य है।और रोज के रोज इनकी संख्या बढ़ रही है।ये सभी अपने और अन्य लोगों के सहयोग खाना इकठा करते है।और इनकी पैकिंग करके इनका कारवां निकल पढता है भूखे लोगों को भोजन कराने।


Body:वही आज देश के सवा अरब आबादी मे लगभग 20करोड़ लोगों के पास रात्रि का भोजन नही होता है।और वे लगभग रात्रि के समय भूखे ही सोते है।जबकी काफ़ी मात्रा मे भोजन और खाद्य सामग्रियाँ बर्बाद हो जाती है। आज इस टीम को लगभग तीन चार हजार रुपए प्रतिदिन खर्च करने पड़ते हैं ।वही इस टीम के सभी सदस्य आपस मे धनराशि इकठ्ठा करके और कभी कभी कुछ लोगों का आर्थिक सहयोग मे इन लोगों को मिल जाता है।आज शनिवार का दिन होने के कारण इस टीम के सदस्यों ने खिचड़ी का वितरण किया ।


Conclusion: वही हर शाम इनकी एक ही दिनचर्या होती है।खाना बनाना और इकठ्ठा करने के साथ ही उनकी पैकिग के बाद छ्परा शहर के प्रमुख चोक चौराहे अस्पताल और रेलवे स्टेशनों रह रहे गरीब,निर्धन,दिब्याग व्यक्तियों को निशुल्क भरपेट भोजन कराना।करीब एक साल से इस संस्था के द्वारा गरीब और असहाय लोगो को भोजन कराया जा रहा है।और इस कार्य के लिये काफ़ी लोग इनकी प्रशंसा करने के साथ इनकी मदद के लिये आगे भी आ रहे है। बाईट मणिनदर महराज और बासुदेव शरण बाईट रवि शंकर उपाध्याय, सतेन्द्र कुमार संयोजक
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