सारण: बिहार विधानसभा चुनाव के दहलीज पर खड़ा है तमाम राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर पर तैयारियां कर रहे हैं. कई दलों के नेता क्षेत्र में भ्रमण कर वोट देने की गुहार भी लगा रहे हैं. इसी क्रम में ईटीवी भारत की टीम मडावरा प्रखंड कार्यालय पहुंची. जहां मतदाताओं से बात कर उनकी राय जानने की कोशिश की.
'नहीं हो सका इलाके का विकास'
इस मौके पर पेशे से वकील सत्यदेव सिंह ने कहा कि मडावरा क्षेत्र की जनता ने विकास के नाम पर वर्तमान विधायक को वोट दिया था लेकिन इलाके में जितना विकास कार्य होना चाहिए वह नहीं हो सका उन्होंने कहा कि क्षेत्र में अभी शिक्षा व्यवस्था और अस्पताल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.
'महिलाओं को नहीं पता है विधायक का नाम'
जब ईटीवी भारत की टीम ने प्रखंड क्षेत्र की महिलाओं से बात की तो रीता देवी ने बताया कि उन्हें अपने क्षेत्र के विधायक का नाम भी पता नहीं है. वह विकास के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुखिया ने अपने दम पर इलाके का विकास किया है विधायक ने एक बार भी क्षेत्र का भ्रमण नहीं किया है.
वहीं, मढौरा निवासी संत ज्ञानेस्वर ने बताया कि बिहार के लिए राजद के नेतृत्व में नीतीश कुमार ने कई विकास कार्य किए हैं इस बार के चुनाव में राजद का नामो निशान मिट जाएगा. उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने से पहले विधायक ने किसान मजदूर, अस्पताल और शिक्षा में सुधार की बात की थी. लेकिन चुनाव जीतने के बाद इलाके के विधायक ने एक बार भी ग्रामीणों की सुध नहीं ली.
'औद्योगिक क्षेत्र के रूप में जाना जाता था मढौरा'
स्थानीय लोग बताते हैं कि मथुरा विधानसभा क्षेत्र देश के मानचित्र पर औद्योगिक इलाके के रूप में जाना जाता था लेकिन यहां धीरे-धीरे सभी बड़े उद्योग बंद हो गए. मसलन चीनी मिल समेत ताला लगता चला गया. इस क्षेत्र में गन्ने की अच्छी खासी उपज होती है. ऐसे में यहां का प्रमुख मुद्दा चीनी मिल को फिर से चालू करना है.; इसके अलावा किसानों के लिए सिंचाई और रोजगार का मुद्दा अहम है.
गौरतलब है कि राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण इस विधानसभा क्षेत्र में महिला मतदाताओं कि संख्या 12,3351 है और पुरुष मतदाताओं की संख्या 13,9158 है.